भाजपा की राह पर कांग्रेस निकाय चुनाव जिताने की जिम्मेदारी विधायकों को



भोपाल. विधानसभा चुनाव-2023 के लिए अप्रैल में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव सेमीफाइनल की तरह हैं। भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस भी तैयारी में जुट गई है और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ रणनीति बनाकर काम कर रहे हैं। प्रभारी व सह प्रभारियों के जिलेवार दौरे के साथ बैठकों का दौर जारी है। 16 नगर निगम सहित 354 निकायों में चुनाव के लिए कमल नाथ ने विधायकों को निकाय चुनाव जिताने की जिम्मेदारी सौंपी है। मप्र में होने वाले निकाय चुनाव को लेकर अब कांग्रेस भी कमर कसती नजर आ रही है। कांग्रेस ने नगरीय निकाय में जीत के लिए मैदानी जमावट जुटानी शुरू कर दी है। प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर चुके हैं। इस बार भाजपा ने युवाओं को निकाय चुनाव में मात देने की बात कही है तो कांग्रेस भी निकाय चुनाव में युवाओं को मौका देने का मन बनाती नजर आ रही है। कमल नाथ ने निकाय चुनाव के लिए बनाए गए प्रभारियों के साथ दो दौर की बातचीत कर चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने निकाय चुनाव के मद्देनजर विधायकों को उनके विधानसभा क्षेत्र में पार्टी प्रत्याशी की जीत का जिम्मा सौंपा है। खास बात यह है कि हार-जीत के आधार पर ही विधायकों का उनके क्षेत्र में जनाधार का आकलन भी किया जाएगा, यानी कांग्रेस निकाय चुनाव के जरिए 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों पर भी फोकस करती नजर आ रही है। इससे पहले हुए निकाय चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस को प्रदेश के सभी 16 नगर निगम में हार मिली थी, लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया था। नगर निगम के दायरे में आने वाली कई विधानसभा सीटों पर इस बार कांग्रेस के विधायक हैं, जिसका फायदा पार्टी निकाय चुनाव में उठाना चाहती है, इसलिए कांग्रेस निकाय चुनाव में कोई मौका नहीं छोडऩा चाहती है। कांग्रेस में कार्यकर्ताओं के साथ पदाधिकारियों को किसी प्रकार की ट्रेनिंग नहीं दी जाती है और न ही कांग्रेस में कोई कैडर होता है, लेकिन प्रदेश में कांग्रेस का नेतृत्व करने वाले कमल नाथ ने पहले अनुशासन समिति बनाई और कांग्रेस पदाधिकारियों के साथ कार्यकर्ताओं को संकेत दिया कि पार्टी के अनुशासन में रहना होगा, वरना कार्रवाई होगी। अब पार्टी के नेता, विधायकों को ट्रेनिंग देकर चुनावी रणनीति में जुटने का मंत्र देंगे। विधायकों को सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार कर जनता के बीच जाने, निकाय चुनाव में एकजुट होकर लडऩे, किसानों और जनता से जुड़े मुद्दों को उठाने के विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।

जिले में ही तय होंगे प्रत्याशी 

इस बार नगरीय निकाय चुनाव में प्रत्याशियों के चयन की जिम्मेदारी जिला स्तर पर की गई है। कांग्रेस पार्टी ने तय किया है कि इस बार प्रत्याशी चयन का काम जिला स्तर पर बनी कांग्रेस की समिति करेगी। हालांकि अगर प्रत्याशी को लेकर जिला स्तर पर आम सहमति नहीं बन पाती है तो फिर प्रदेश संगठन हस्तक्षेप करेगा। इसके लिए प्रत्याशी चयन समिति का गठन कर दिया गया है। 

युवाओं को मिलेंगे टिकट

कांग्रेस इस बार के निकाय चुनाव में युवा कार्यकर्ताओं पर भी फोकस कर रही है। विधायक, प्रदेश पदाधिकारियों और युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों को निकायवार ड्यूटी लगाने की रणनीति बनाई गई है। माना जा रहा है कि कांग्रेस द्वारा इस बार 50 फीसदी से ज्यादा टिकट युवाओं को देने पर भी विचार किया जा रहा है। यूथ कांग्रेस, महिला कांग्रेस, एनएसयूआई के सक्रिय व पार्टी के लिए काम करने वालों को मौका देने की गाइड लाइन बनाई गई है। 

अप्रैल में हो सकते हैं निकाय चुनाव

राज्य निर्वाचन आयोग ने नगरीय निकाय चुनावों की तैयारियों को अतिम रूप देना शुरू कर दिया है। प्रदेश के 354 निकायों के चुनाव अप्रैल के पहले सप्ताह में हो सकते हैं। निकाय चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग में मतदाता सूची को अंतिम रूप देने का काम चल रहा है।