नई दिल्ली/ भोपाल. सीबीआई ने 354 करोड़ रुपए के बैंक घोटाला मामले के आरोपी और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की बहन नीता पुरी के खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर नोटिस को निरस्त करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका दिल्ली हाईकोर्ट से वापस ले लिया है। दरअसल, ट्रायल कोर्ट ने नीता परी के खिलाफ लुकआउट सकुलर नोटिस को निरस्त कर दिया था। ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई की यह आशंका बेबुनियाद है कि वो भाग जाएंगी। कोर्ट ने कहा कि जब सीबीआई ने छापा मारा था, उस समय वह अपने पुत्र रातुल पुरी और अपने पति के साथ घर में मौजूद थीं सीबीआई की याचिका का विरोध करते हुए नीता पूरी की ओर से पेश वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि लुक आउट सर्कुलर तभी जारी किया जाता है। जब कोई आरोपी जांच में सहयोग नहीं करता हो। उन्होंने कहा कि आरोपी नीता पुरी ने जांच में हमेशा सहयोग किया है, इसलिए उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर नोटिस जारी नहीं किया किया जा सकता है। अधिवक्ता विजय अग्रवाल ने कहा कि यात्रा करने का अधिकार मौलिक अधिकार है। इसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एफआईआर दर्ज करने के बाद किसी व्यक्ति को तब तक आरोपी नहीं कहा जा सकता है, जब तक उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं किया जाता। अगर कोई व्यक्ति जांच में शामिल होता है, तो उसके यात्रा करने के अधिकार पर रोक नहीं लगाई जा सकती है। बता दें कि 17 अक्टूबर 2019 को ईडी ने नीता पुरी के पुत्र रातुल पुरी के खिलाफ चार्जशीट दायर किया था। चार्जशीट में रातुल पुरी के अलावा मोजर बेयर कंपनी को भी आरोपी बनाया गया था। चार्जशीट में कहा गया था कि मोजर बेयर की दो कंपनियों ने 354 करोड़ रुपये का लोन सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लिया गया रातुल पुरी मोजर बेयर फर्म के निदेशक रह चुके हैं। उनके खिलाफ सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने 354 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा करने का केस दर्ज कराया था। इस मामले में मोजर बेयर कंपनी के निदेशक और रातुल पुरी के पिता दीपक पुरी, नीता पुरी, संजय जैन विनीत शर्मा पर भी केस दर्ज किया गया है। रातुल पुरी अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में भी आरोपी हैं।
कमलनाथ की बहन नीता पुरी को राहत