राज्य सड़क परिवहन निगम (सपनि) की संपत्तियों को बेचने के क्रम में अब सरकार सपनि के डिपो बेचने की तैयारी में है। पिछले दिनों सरकार ने मुरैना और पोरसा के बस स्टैंड की नीलामी की थी, अब उन डिपो को बेचा जाएगा जो अलग-अलग शहरों में प्राइम लोकेशन पर स्थित हैं और इनकी नीलामी से सरकार को करोड़ों रुपए मिल सकते हैं। इसकी शुरुआत राजगढ जिले में ब्यावरा के बस स्टैंड से होने जा रही है।
भोपाल. ब्यावरा में स्थित सपनि डिपो को बेचने की सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। इसकी कीमत 18 करोड़ रुपये आंकी गई है। प्रदेश में जब तक सपनि बसों का संचालन होता था, तब तक इस डिपो में बसों की पार्किंग और मेंटेनेंस का काम होता था। जब से प्रदेश में सपनि की बसों का संचालन बंद हुआ, तब ही से इस डिपो का उपयोग बंद हो गया। जमीन को बेचने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए हाल ही में जिला कलेक्टर ने पटवारी एवं आरआई के माध्यम से संबोधित स्थल का सर्वे नंबर, आबादी सर्वे आदि मांगा है। इसे बेचने के लिए परिवहन विभाग विज्ञप्ति जारी करेगा।
सहकारी बैंक की जमीन बेचने की तैयारी
सपनि के अलावा राज्य सरकार की नजर उन विभागों और सरकारी एजेंसियों की जमीनों पर भी है, जो बड़े शहरों में प्राइम लोकेशन पर हैं लेकिन उनका उपयोग नहीं हो रहा है। इन्हें बेचकर भी सरकार अपना खजाना भरना चाहती है। सपनि के बाद सहकारिता विभाग की संपत्तियों पर सरकार की निगाह है। इसी के तहत इंदौर के अमितेष नगर में स्थित एक सहकारी बैंक को आवंटित जमीन को बेचने की तैयारी की जा रही है। अमितेष नगर स्थित एक सहकारी बैंक को आवंटित जमीन के अलावा उज्जैन की बंद हो चुकी बिनोद मिल की जमीन इसमें शामिल है। अमितेष नगर में 13 हजार 500 वर्गफीट जमीन है, जिसका शासकीय मूल्यांकन 3.20 करोड़ रुपये किया गया है। उज्जैन की बिनोद मिल की बेचने के लिए प्रस्तावित 2.38 लाख वर्गफीट जमीन का मूल्यांकन 72 करोड़ रुपये किया गया है। हाल ही में लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग के प्रमुख सचिव अनिरुद्ध मुखर्जी इंदौर आए और इंदौर व उज्जैन के निवेशकों से चर्चा की।