लोजपा से नाराज चल रहे 208 नेताओं ने थामा जदयू का दामन

पटना. बिहार विधानसभा चुनाव के बाद लोजपा की झोपड़ी में आग लगी है। चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद से लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान के खिलाफ बगावत के सुर उठने लगे हैं। चिराग की कार्यशैली से अधिकांश नेता परोक्ष-अपरोक्ष रूप से नाराज चल रहे हैं। अब लोजपा में भगदड़ की स्थिति है, चिराग की कार्यशैली से नाराज लोजपा के 208 नेताओं ने जदयू की सदस्यता ग्रहण कर ली है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने सभी नेताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाई। जानकारों के अनुसार एनडीए में एंट्री बंद होने के बाद लोजपा में भगदड़ मची है। इधर, लोजपा की बड़ी नेत्री और पूर्व विधायक ने मख्यमंत्री नीतीश कमार से पुरानी बातों को भूलने की मार्मिक अपील की है, उन्होंने कहा है कि अगर छोटे गलती करते हैं तो बड़े लोग उन्हें माफ कर देते हैं, वहीं कहा जा रहा कि लोजपा में मची भगदड़ से चिराग और उनके सिपहसलार बेचैन हो गए हैं। आज जदयू के मिलन समारोह में लोजपा से बगावत के बाद निष्कासित नेता केशव सिंह समेत कई प्रकोष्ठों के अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष जदय में शामिल हो गए, लोजपा के जिन नेताओं ने आज जदयू का दामन थामा, उसमें से कई तो पार्टी की स्थापना काल से ही लोजपा के साथ जुड़े थे। रामविलास पासवान के निधन के बाद चिराग पासवान जिस तरह से पार्टी का संचालन कर रहे हैं, उससे नेताओं में भारी नाराजगी है. इसके बाद लोजपा के नेता अपने आप को पार्टी से अलग कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि चिराग पासवान की नीतियों की वजह लोजपा में भी भारी असंतोष है। बताया जाता है कि लोजपा के 6 सांसदों में से चार सांसद लगातार नाराज चल रहे हैं। बुधवार को एक बड़े नेता रामेश्वर चौरसिया ने भी लोजपा से इस्तीफा कर दिया था। इसके अलावा कई अन्य बड़े नेता लोजपा को छोडऩे को तैयार बैठे हैं. वे लोग समय की इंतजार कर रहे हैं।

भाजपा का दामन छोड़कर लोजपा में शामिल

    विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा का दामन छोड़कर लोजपा में शामिल हुईं और पालीगंज विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ीं पूर्व विधायक उषा विद्यार्थी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से माफ करने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बड़ा दिल दिखाना चाहिए और पुरानी बातों को भूलना चाहिए। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जी, चुनाव के समय जो भी बातें हुई उसे भूल जायें और बिहार के विकास में चिराग पासवान को साथ लेकर चलें। पूर्व विधायक ने कहा कि अब चुनाव खत्म हुआ लिहाजा पुरानी बातें खत्म होनी चाहिए, अभी भी लोजपा एनडीए के साथ है और केंद्र सरकार की योजनाओं का हम लोग प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। हम तो चाहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लोजपा प्रमुख चिराग पासवान को साथ लेकर चलें, ताकि बिहार का तेजी से विकास हो सके। लोजपा नेत्री ने कहा कि उपेन्द्र कुशवाहा भी तो नीतीश कुमार के खिलाफ चुनाव लड़े थे। लेकिन उनसे तो मुलाकात कर रहे और साथ बैठाकर चाय पी रहे तो फिर चिराग पासवान से बैर क्यों?