संगठन के बाद सरकार ने भी शुरू की चुनावों की तैयारी

भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय में कई सांसदों और विधायकों से मुलाकात की। इस मुलाकात को प्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि, मुख्यमंत्री ने सांसदों और विधायकों से नगरीय निकाय चुनाव और नाराज नेताओं को साधने को लेकर चर्चा की है, ताकि आगामी नगरीय निकाय चुनाव में किसी तरह की कोई गड़बड़ी ना हो। मध्यप्रदेश में बीजेपी ने नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं। इंदौर में हुई नई कार्यकारिणी की बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की गई। खासतौर पर आगामी नगरीय निकाय चुनाव पर रणनीति तैयार की गई। बैठक में यह भी तय किया गया है कि नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी के युवा चेहरों को ज्यादा मौका दिया जाएगा। इसी कड़ी में आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय में कई सांसद और विधायकों से भी मुलाकात की। बताया जा रहा है कि सांसदों-विधायकों से नगरीय निकाय चुनाव को लेकर ही चर्चा की गई है और पिछले नगरीय निकायों में मिले परिणामों को दोहराने पर रणनीति तैयार की गई है। बताया जा रहा है कि फरवरी के आखिरी सप्ताह तक नगरीय निकाय चुनावों की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग कर सकता है।

असंतोष मिटाएगी भाजपा

ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद बीजेपी में भी भीतरघाती और नाराज नेताओ की फौज खड़ी हो गई है। कई नाराज नेता प्रदेश में हुए उपचुनाव के दौरान खुलकर सामने आ गए थे। इतना ही नहीं मंत्रिमंडल विस्तार के बाद भी कई अनुभवी नेताओं की नाराजगी की खबरें सामने आई थी। ऐसे में नगरीय निकाय चुनाव के दौरान बीजेपी कोई चूक नहीं करना चाहती है। बताया जाता है कि नाराज नेताओं को निगम मंडलों में पद देकर साधने की कोशिश की जाएगी, जिससे नगरीय निकाय चुनाव में किसी तरह की कोई गड़बड़ी का सामना बीजेपी को ना करना पड़े।

माइक्रो प्लानिंग समझाई

मध्य प्रदेश में उपचुनाव के बाद पूरी तरह सत्ता संभाल चुकी भाजपा सरकार नगरी निकाय चुनाव और पंचायतों पर भी काबिज हो सके इसके लिए पार्टी ने अपना रोडमैप तैयार कर चुनावी मैदान में उतारने का ऐलान कर दिया है। इंदौर के क्रीसेंट पार्क में आयोजित भाजपा प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में तय किए गए रोड मैप के अनुसार भाजपा ने बूथ स्तर तक चुनाव की माइक्रोप्लानिग भी तैयार की है। मध्यप्रदेश के अधिकतर नगरीय निकाय चुनाव एक साल पहले होना था। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते चुनाव लगातार टाले जा रहे थे। पहले ये चुनाव 2020 फरवरी में कमलनाथ कार्यकाल के दौरान होने थेे, लेकिन महापौर चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने, भोपाल नगर निगम को दो भागों में बांटने के अलावा कई जिलों में वार्डो की सीमांकन के कारण चुनाव तय समय पर नहीं हो पाए थे। लेकिन अब राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह ने साफ कर दिया है कि वोटर लिस्ट का काम 3 मार्च तक पूरा हो जाएगा। उसके बाद चुनाव होगे, अब इलेक्शन नहीं टाले जाएंगे।