मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत निरामय योजना

वाहवाही में जुटी प्रदेश सरकार-हाईकोर्ट ने दिखाया आईना


भोपाल. आयुष्मान भारत निरामयम योजना में दो करोड़ से ज्यादा आयुष्मान कार्ड बनाने का दावा कर सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है. लेकिन हाल ही में मप्र हाईकोर्ट ने एक मामले को आधार बनाते हुए सरकार को आईना दिखा दिया है। पिछले महीने 25 जनवरी को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने रिकार्ड दो करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाने का दावा करते हुए इसे उपलब्धि बताया और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी- कर्मचारियों को बधाई तक दे दी थी। इधर हाईकोर्ट ने इलाज न मिलने के एक मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार को तीन महीने में शत-प्रतिशत हितग्राहियों के कार्ड बनाने के आदेश दिए और इस स्थिति के लिए फटकार भी लगाई। बीते दिनों शाजापुर में अस्पताल का बिल नहीं चुका पाने के कारण अस्पताल संचालकों ने एक बुजुर्ग मरीज के हाथ-पैर पलंग से बांध दिए थे। मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बैंच ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की है। सुनवाई का दायरा बढ़ाते हुए हाईकोर्ट ने आयुष्मान भारत योजना के कार्ड और उसके इलाज के संबंध में सुनवाई शुरू की है। बैंच ने सरकार को तीन महीने में शत-प्रतिशत हितग्राहियों को कार्ड बनाने के निर्देश दिए हैं। डिवीजन बैंच ने यह भी जानकारी मांगी है कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत प्रदेश के कितने सरकारी और निजी अस्पतालों को संबद्ध किया गया है। इस मामले में अगली सनवाई15 मार्च को होगी। इस दिन सरकार को कोर्टके निर्देश का पालन प्रतिवेदन भी प्रस्तत करना है। 

आयुष्मान योजना समबन्द नहा हो पा रहे निजी अस्पताल

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से अधिवक्ता शिवेन्द्र पांडे ने कहा कि ज्यादातर निजी अस्पताल आयुष्मान योजना के तहत संबद्ध नहीं हो पा रहे हैं। इसका कारण यह है कि निजी अस्पतालों ने संबद्धता के लिए आवेदन दिया है, लेकिन समिति द्वारा अस्पतालों का निरीक्षण नहीं किया जा रहा है। 

लेकिन सरकार का दावा यह है

25 जनवरी को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्राुराम चौधरी ने बताया था कि इंदौर जिले ने सर्वाधिक 8 लाख 8 7 हजार 6 47, जबलपुर जिले ने 6 लाख 99 हजार 90 और भोपाल जिले ने 6 लाख 6 8 हजार 500 पात्र परिवारों के आयुष्मान कार्ड बनाकर उल्लेखनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि कार्ड बनाने का कार्य नवबर 2020 से अभियान के रूप में चलाया जा रहा है। इसके पूर्व लगभग एक करोड़ 40 लाख कार्ड बनाए गए थे। अभियान के अन्तर्गत दो माह 25 दिन में लगभग 6 0 लाख कार्ड बनाए गए। यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। आयुष्मान कार्ड धारकों को योजना में चिन्हित आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से युक्त निजी और शासकीय अस्पतालों में नि:शुल्क उपचार की सुविधा भी मिल रही।