ट्रांसपोर्टरों ने दिया सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम, पेट्रोल-डीजल मूल्यवद्धि ई-वे बिल के विरोध में

सरकार को जगाने बजाएंगे तालियां, थालियां आंदोलन कर कलेक्टरों को सौंपेंगे चाबियां

भोपाल. जीएसटी, ई-वे बिल जो व्यापारियों के जी का जंजाल बनी है, से नाराज मध्यप्रदेश सहित देशभर के ट्रांसपोर्टरों ने सरकार को चेतावनी दी है कि वह पेट्रोल-डीजल की कीमतों की मूल्यवृद्धि वापस ले, ई-वे बिल, जीएसटी में संशोधन करे अन्यथा 15 दिन बाद सभी ट्रक मालिक उग्र आंदोलन करेंगे। ट्रांसपोर्टर सरकार को जगाने तालियां, थालियां बजाते हुए देशभर में विशाल रैली निकालेंगे और ट्रकों की चाबियां जिला कलेक्टरों को सौंपेते हुए चक्का जाम कर देंगे। 

ट्रक मालिक-चालक भारी आर्थिक संकट से गुजर रहे

ऑल इंडिया ट्रक-ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष ठाकुर लाल राजपूत ने कहा कि एक निश्चित दिन पर वे अपने-अपने वाहनों की चाबियां क्षेत्र के जिलाधिकारी को सौंपकर अपना विरोध जताएंगे। देश के करोड़ों ट्रक मालिको,चालकों को तेल की बेलगाम तरीके से बढ़ती कीमतों की मार से बचाया जा सकेगा। ट्रक मालिक-चालक इस समय भारी आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं।

सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार और माफियाराज नहीं दिख रहा सरकार को

ट्रक ऑपरेटरर्स एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सी.एल.मुकाती के अनुसार इंदौर में 17 फरवरी को रिक्शा, मैजिक, स्कूल बस, टैंकर, बस सहित अन्य सभी परिवहनकर्ताओं की बैठक आयोजित की गई है। बैठक में गूंगी, बहरी सरकार को जगाने चरणबद्ध आंदोलन की रणनीति बनेगी। श्री मुकाती ने कहा कि सरकार माफियाराज का राग अलाप रही है, सरकार को सिर्फ पब्लिक में ही माफिया राज दिख रहा है,जबकि इसके उलटे सरकारी तंत्र में जो भ्रष्टाचार और माफियाराज व्याप्त है, वह नहीं दिख रहा है। अत: सरकार की इस हिटलरशाही से मध्यप्रदेश सहित देशभर का जनमानस त्रस्त हैं। पेट्रोल-डीजल मूल्य वृद्धि, ई-वे बिल और जीएसटी की जटिलताएं इस बात का उदाहरण हैं। अत: इन सब से नाराज परिवहनकर्ता विरोध स्वरूप आंदोलन करेंगे।

संगठन ने दिया सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस एसोसिएशन, वेस्ट जोन के उपाध्यक्ष विजय कालरा के अनुसार देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। पेट्रोल की कीमत 100 रुपए प्रति लीटर के करीब पहुंच गई है अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतों से आशंका है कि यह आंकड़ा 100 रुपए प्रति लीटर के पार भी जा सकता है। इससे नाराज ट्रक मालिकों के राष्ट्रीय संगठन ने बीते दिन दिल्ली में एक बैठक आयोजित की और सरकार को चेतावनी दी है कि वह पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर अंकुश लगाएं, अन्यथा 15 दिन बाद सभी ट्रक मालिक अपने वाहनों की चाबियां जिला कलेटरों को सौंप देंगे। इसके बाद ३700 संगठन सरकार को पत्र लिखेंगे।

तेल की बेलगाम कीमतों की मार से परेशान जनमानस

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस एसोसिएशन के मैनेजिंग कमेटी मेंबर हरीश डाबर के अनुसार ट्रक चालकों के संगठन सरकार से मांग करेंगे, कि उनका माल भाड़ा भी ऑटो-टैक्सी की तरह प्रति किलोमीटर की दर से तय किया जाए। यह किराया तेल कीमतों से लिंक होना चाहिए। तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ इसमें भी बढ़ोतरी की जाना चाहिए। इससे देश के करोड़ों ट्रक मालिकों, चालकों को तेल की बेलगाम तरीके से बढ़तीं कीमतों की मार से बचाया जा सकेगा। ट्रक मालिक-चालक इस समय भारी आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। श्री डाबर ने कहा कि नई दिल्ली में राष्ट्रीय संगठन की हुई एक बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि सभी संगठन पहले केंद्र सरकार को पत्र लिखकर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी पर काबू पाने की अपील करेंगे। अगर सरकार 15 दिनों में यह मांग पूरी नहीं करती है तो वे चक्का जाम की बजाय कामबंदी करेंगे।