अंतिम रूप देने में जुटे वीडी, 15 को पूरा हो रहा है पहला साल

विधायकों के प्रशिक्षण के पहले प्रदेश कार्यसमिति



भोपाल. सांसद विष्णुदत्त शर्मा को प्रदेश संगठन की कमान संभालते हुए 15 फरवरी को पहला साल पूरा हो रहा है। एक महीने पहले अपनी कार्यकारिणी का गठन करने वाले प्रदेशाध्यक्ष शर्मा अब अपनी कार्यसमिति को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं। उज्जैन में होने वाले विधायकों के दो दिनी प्रशिक्षण के पहले पूरी कार्यसमिति घोषित की जा सकती है। सुगबुगाहट बढऩे के साथ ही कार्यसमिति में जगह पाने वालों ने भोपाल से लेकर दिल्ली तक दौड़भाग तेज कर दी है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष शर्मा की पहली टीम की घोषणा जनवरी में संक्रांति पर की गई थी। अब प्रदेशाध्यक्ष शर्मा का टारगेट पहला साल पूरा होने के पहले ही पूरी कार्यसमिति घोषित करना है। श्री शर्मा का करना है कि अब ज्यादा देर नहीं लगेगी, जल्द ही पूरी सूची जारी कर दी जाएगी। उज्जैन में विधायकों के 12 और 13 फरवरी को होने वाले दो दिनी प्रशिक्षण के दौरान भी सूची जारी की जा सकती है। शर्मा को कहना है कि निश्चित रूप से इस सूची में उन सभी नए-पुराने कार्यकर्ताओं के नाम शामिल रहेंगे, जो पार्टी कार्य के लिए उपयोगी हैं। पुरानी कार्यसमिति में पांच बार नाम बढऩे के बाद 308 विशेष आमंत्रित सदस्य हो गए थे। जबकि स्थायी सदस्यों की संख्या भी डेढ़ सैकड़ा के करीब थी।

लंबे समय से नहीं हुई कार्यसमिति

2003 से 2018 तक प्रदेश में भाजपा की सरकार रहने के दौरान संगठन की सक्रियता भी लगातार बनी रही। संगठन की गतिविधियां नीचे तक पहुंचाने और हर कार्यकर्ता को काम देने के लिए हर तीन में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक होती रही है, लेकिन बीते लंबे समय से कार्यसमिति की बैठक नहीं हो सकी है। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष राकेश ङ्क्षसह तो न अपनी टीम बना सके और न कार्यसमिति। इसके चलते उनके कार्यकाल में कार्यसमिति की एक भी बैठक नहीं हो सकी। पुराने सदस्यों के साथ एक औपचारिक बैठक जरूर उन्होंने भोपाल के लाल परेड मैदान में की थी। वहीं नंदकुमार चौहान के कार्यकाल के आखिरी साल में भी बैठक नहीं हो सकी थी। वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष शर्मा के कार्यकाल का पहला साल भी बिना कार्यसमिति के ही बीता है। 

सिंधिया समर्थकों की राह नहीं आसान


प्रदेशाध्यक्ष शर्मा की टीम में राज्यसभा सांसद सिंधिया के किसी भी समर्थक को जगह नहीं मिल सकी है। यहां तक कि जिलों की टीम के लिए भी उनकी पूछपरख नहीं हो रही है। अब कार्यसमिति गठन में भी सिंधिया समर्थक नेताओं को झटका मिल सकता है। सांसद सिंधिया के साथ केवल विधायक और मंत्री ही इस कार्यसमिति का हिस्सा बन सकते हैं। वह भी सांसद-विधायक होने के नाते। इनके अलावा सभी को निराशा मिल सकती है। हालांकि चुनाव हारे पूर्व विधायक अभी भी सक्रियता बनाए हुए हैं और कार्यसमिति के जरिए अपनी मौजूदगी बनाए रखने के लिए हाथ-पैर मार रहे हैं। मगर प्रदेशाध्यक्ष शर्मा का साफ कहना है कि भाजपा एक कैडर बेस्ड दल है, इसमें कोई किसी का समर्थक नहीं होता, सब भाजपा के कार्यकर्ता होते हैं और पार्टी अपनी जरूरत के हिसाब से सभी को जिमेदारी देती है। सिंधिया अब हमारी पार्टी के बड़े और जिमेदार नेता हैं। 

पहले दिल्ली की बैठक फिर आड़े आया वेलेंटाइन डे

भाजपा विधायकों का प्रशिक्षण अब महाकाल की नगरी उज्जैन में 12 और 13 फरवरी को फाइनल किया गया है। इस प्रशिक्षण का कार्यक्रम पावाड़े भर में आगे-पीछे होता रहा है। पहले दो बार इसकी तिथि बदलना पड़ी तो बाद में जगह ही बदल गई। प्रदेश संगठन ने पहले इसकी तिथि 13 और 14 फरवरी तय की थी, लेकिन तारीख की घोषणा होते ही एक राष्ट्रीय स्तर की बैठक दिल्ली में रख ली गई है। 14 फरवरी को होने वाली इस बैठक में प्रदेशाध्यक्ष तथा संगठन महामंत्री को बुलाया गया है। इसके चलते आनन फानन में विधायकों का प्रशिक्षण 12 एवं 13 फरवरी को पचमढ़ी में ही फाइनल किया गया। होटल और रिसोर्ट्स की बुकिंग की जिमेदारी जिला संगठन को दे दी गई। मगर पूरी पचमढ़ी में इस दौरान ऐसी कोई होटल और गार्डन ही नहीं मिल सका, जहां करीब 500 लोगों की बैठक हो सके। साथ ही ठहरने की व्यवस्था भी नहीं हो सकी। व्यवस्था में आड़े आ गया वेलेंटाइन डे। बताया जाता है कि वेलेंटाइन डे पर पचमढ़ी पहुंचने वाली भीड़ ने पहले ही ऑनलाइन बुकिंग करा रखी है। इससे सरकारी और प्रायवेट सभी होटलें तीन दिन पहले से ही फुल हो गई हैं। मजबूरी में भाजपा को अपना प्रशिक्षण उज्जैन में रखना पड़ा है।