जब संत ने किसान को समझाया जीवन के लक्ष्य का महत्व

एक लोक कथा के अनुसार पुराने समय में एक संत के पास गरीब किसान पहुंचा। किसान ने कहा कि मेरे जीवन में कई तरह की परेशानियां चल रही हैं। मैंने जो लक्ष्य बना रखा है, वहां तक पहुंच नहीं पा रहा हूं। मैं इधर-उधर के कामों में उलझ जाता हूँ और सब काम बिगड़ जाते हैं। संत ने उससे कहा कि मैं तुम्हारे घर आकर तुम्हें कोई रास्ता बताता हूँ, जिससे तुम्हारी ये समस्याएं दूर हो सकती हैं। किसान अपने घर लौट आया। अगले दिन संत उस किसान के घर पहुंचे। उस समय किसान घर पर नहीं था। किसान की पत्नी ने संत का आदर-सत्कार किया और उन्हें बैठने के लिए उचित स्थान दिया। महिला ने अपने पति को बुलाने के लिए बेटे को खेत भेजा। कुछ ही देर में किसान अपने घर पहुंच गया। उसके साथ एक कुत्ता भी था जो जोर-जोर से हांफ रहा था। 

संत ने किसान से पूछा कि क्या तुम्हारा खेत बहुत दूर है? 

किसान ने कहा कि नहीं, मेरा खेत तो यहीं पास में ही है। आपको ऐसा क्यों लग रहा है? संत ने कहा कि मुझे ये देखकर आश्चर्य हो रहा है कि तुम और तुम्हारा कुत्ता दोनों साथ-साथ आए, लेकिन तुम्हारे चेहरे पर बिल्कुल भी थकान नहीं है, जबकि तुम्हारा कुत्ता बुरी तरह से हांफ रहा है। किसान बोला कि मैं और ये कुत्ता दोनों एक ही रास्ते से घर आए हैं। मेरा खेत भी पास ही है। मेरा कुत्ता थक गया है। इसकी एक वजह है। मैं सीधे रास्ते से चलकर घर आया हूं, लेकिन ये कुत्ता आस-पास के दूसरों कुत्तों को देखकर उनको भगाने के लिए दौड़ता-भौंकता हुआ आया है। ऐसा ये बार-बार कर रहा था। यही कारण है कि घर आते-आते ये बहुत ज्यादा थक गया है। संत ने किसान से कहा कि सही बात है। ठीक इसी तरह हमारे साथ भी होता है। हम किसी काम को पूरा करने में लगे रहते हैं, तब हमारे सामने कई तरह की रुकावटें आती हैं। हमारी बुरी आदतें हमें काम को पूरा करने से रोकती हैं। कई तरह के लालच मिलते हैं। अगर हम अपना काम छोड़कर इन बातों में उलझ जाते हैं तो लक्ष्य अधूरा ही रह जाता है। हमें सफलता नहीं मिल पाती है। संत ने आगे कहा कि अगर तुम किसी लक्ष्य को पूरा करना चाहते हो तो तुम्हें सिर्फ अपने काम पर ध्यान देना चाहिए। दूसरी बातों में समय बर्बाद न करें, सिर्फ लक्ष्य पर ध्यान लगाओगे, जल्दी ही वहां तक पहुंच जाओगे।