मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के अलग-अलग बयान भाजपा सरकार के अंदरखाने सबकुछ ठीक नहीं!



भोपाल. 2018 में सत्ता से बाहर हो चुकी भाजपा ने 2020 में फिर से सत्ता हथिया ली थी। शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस में हुए भितरघात के बाद एकाएक कोरोना काल में चौथी बार सत्ता की कुर्सी संभाली थी। 23 मार्च को जब शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तब कोरोना महामारी विकराल रूप की ओर बढ़ रही थी। कोरोना महामारी से निपटने के लिए भाजपा आलाकमान ने अपने अनुभवी नेता श्री चौहान के हाथों ही उस समय सत्ता सौंप दी थी, लेकिन लगभग एक साल होने को आ रहा है और यह स्पष्ट होता जा रहा है कि भाजपा सरकार के अंदरखाने सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। हाल ही में भाजपा के सबसे लकी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा द्वारा टीम घोषणा में भी शिवराज के कई नजदीकियों को बाहर का रास्ता देखना पड़ा था। ताजा मामला प्रदेश में नई शराब दुकानों और नई आबकारी नीति को लेकर उफान पर है। नई आबकारी नीति में महाराष्ट्र राजस्थान और यूपी का हवाला देते हुए अधिकारियों ने यह पक्ष रखा है कि जहां मध्यप्रदेश में एक लाख आबादी पर सिर्फ शराब की चार दुकानें हैं वहीं अन्य राज्यों में 12 से लेकर 21 दुकानें तक हैं। सरकार में सबसे ताकतवर मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी नई आबकारी नीति के पक्ष में पूर्व में अपना बयान दे चुके हैं। कल एक समाचार पत्र में छपी खबर के बाद कि 'अगर नई प्रस्तावित आबकारी नीति लागू हो गई तो मध्यप्रदेश में गली-गली में खुल जाएंगी शराब की दुकानें के बाद देर शाम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नई दुकानें खोले जाने का अभी निर्णय नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि मैंने पूर्व में निर्णय लिया था कि 10 साल तक कोई दुकान नहीं खोली जाएगी और 10 साल तक एक भी नई दुकान नहीं खुली। श्री चौहान के बयान के बाद आज सुबह प्रदेश सरकार के सबसे कद्दावर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने फिर एक बयान दिया। मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के अलग-अलग बयान एक नई कहानी कह रहे हैं। श्री मिश्रा ने कहा कि मेरे और मुख्यमंत्री के बीच कोई मतभेद नहीं हैं। मैंने अमानक और अवैध शराब की बात कही है। बिना डिग्री की शराब जो आती है, वहीं आती है जहां ठेके की व्यवस्था नहीं होती। जहां पर डिग्री नापी हुई शराब बिकनी चाहिए वह नहीं मिलती तो लोग इस दिशा में बढ़ते हैं। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपने बयान पर शराब तस्करों की भी बात कही। उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश की बॉर्डर के जो जिले हैं वहां बगल के प्रदेशों के जिले से शराब आती है। उन्होंने इस तस्करी को रोकने के लिए जोर देकर कहा कि इसलिए शराब की नई दुकानें खुलना चाहिए। मैं सिर्फ अपनी बात कह रहा हूं और मैं अपनी बात पर आज भी कायम हूं कि प्रदेश में नई दुकानें खुलना चाहिए। भाजपा एक लोकतांत्रिक पार्टी है, यहां हर किसी को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। इसलिए मैं अपने बयान पर कायम हूं कि शराब की नई दुकानें खुलना चाहिए।

प्रदेश में शराबबंदी हो : उमा भारती

मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के बयानों के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी आज दोपहर तीन ट्वीट किए। उन्होंने कहा कि शराब बंदी कहीं से भी घाटे का सौदा नहीं है। कानून व्यवस्था पर करोड़ों रुपए खर्च होते हैं, समाज में संतुलन बनाने के लिए शराब बंदी एक महत्वपूर्ण कदम होगा। शराब बंदी से राजस्व को जो क्षति होगी, उसे कहीं से भी पूरा किया जा सकता है, किन्तु शराब के नशे में बलात्कार, हत्याएं, दुर्घटनाएं, छोटी बालिकाओं के साथ दुष्कर्म जैसी भयावह घटनाएं हो रही हैं।