उच्च शिक्षा विभाग के तबादलों में खुलेआम धांधली

 मध्य प्रदेश सरकार की नीतियों को ठेंगा दिखाया सत्ता में रसूख रखने वाले असिस्टेंट प्रोफेसरों ने

भोपाल. सत्ता में ऊंची पहुंच रखने वाले आधा दर्जन से ज्यादा असिस्टेंट प्रोफेसरों को प्रोवेशन पीरियड पूरा लेने तक भी सरकार कॉलेज में नहीं रोक पाई। आधा दर्जन से ज्यादा प्रोफेसर नौकरी शुरू होने के महज तीन महीने बाद मनपसंद जगह पर तबादला कराने में सफल हो गए। जबकि एक तरफ यह भी हाल है कि 15 साल से प्रोफेसरों की परिवीक्षा अवधि पूरी नहीं ले रही है। इन प्रोफेसरों को पहुंच नहीं होनेे का नुकसान उठाना पड़ रहा है। प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से आधा दर्जन से अधिक असिस्टेंट प्रोफेसर भोपाल आ गए हैं। बताया जाता है कि भोपाल आने वाले नए असिस्टेंट प्रोफेसर में अधिकांश ऊंची पहुंच-पकड़ वाले हैं। इस कारण न तो इनकी परिवीक्षा अवधि की मॉनिटरिंग की गई और न ही सीआर चैक की गई है, जबकि तबादले पर आने वाले अधिकांश असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति पिछले साल दिसंबर में ही की गई । सूत्र बताते हैं कि इनमें से कई तो ज्वाइनिंग के बाद एक से दो माह ही कॉलेज गए थे, इसके बाद मेडिकल लीव ले ली थी, वहीं इस साल कोरोना के कारण पिछले छह माह से कॉलेज बंद है। ऐसे में नए असिस्टेंट प्रोफेसर ज्वानिंग के बाद मुश्किल से चार माह ही कॉलेज गए हैं, जबकि मध्यप्रदेश में परिवीक्षा अवधि का समय दो साल है।

इनको 15साल से इंतजार

वहीं दूसरी ओर सरकारी कॉलेजों में 15 साल पहले बैकलॉग से नियुक्तकई असिस्टेंट प्रोफेसर अब तक प्रोबेशन पीरियड में हैं। वर्ष 2004 और 2005 में करीब 500 असिस्टेंट प्रोफेसर की बैकलॉग से नियुक्ति हुई थी। प्राध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. कैलाश त्यागी के अनुसार बैकलॉग से नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर की परिवीक्षा अवधि नियुक्ति की तारीख से दो साल बाद ही समाप्त होना चाहिए थी, लेकिन इसे समाप्त नहीं किया गया। 

ये हैं नियम

नियमों में स्पष्ट है कि कर्मचारियों की नियुक्ति के आदेश पति सत्यापन के बाद जारी किए जाएं। यदि चरित्र सत्यापन की रिपोर्ट में मानयुक्त उम्मीदवार शासकीय सेवा के लिए योग्यपाए जाते हैं तो उनकी नियुक्ति तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाएगी। इतना ही नहीं, किसी शिक्षक की परिवीक्षा की न्यूनतम अवधि में संतोषजनक प्रदर्शन न होने पर यह अवधि बढ़ाई भी जा सकती है।

भोपाल आए

  • पूजा गुप्ता, कैमेस्ट्री, एमबीएम कॉलेज, भोपाल 
  • अरविंद देशमुख, फिजिस, एमबीएम कॉलेज, भोपाल 
  • अजय मेहरा, स्पोट्र्स, एमबीएम कॉलेज, भोपाल 
  • लोकेंद्र सिंह, संगीत, सरोजिनी नायडू महाविद्यालय, भोपाल 
  • डॉ. कृष्णा सिंह, राजनीति विज्ञान, शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, भोपाल

अन्य जगह भेजे गए

  • पूनम साहू, गणित, शा. कन्या महाविद्यालय इटारसी, जिला होशंगाबाद
  • मनीषा यादव इतिहास, शा. संजय गांधी स्मृति महाविद्यालय, गंजबासौदा
  • ट्विंकल सोलंकी, रसायनशास्त्र, शा. आदर्श महाविद्यालय, झाबुआ
  • ज्योत्सना राजपूत, राजनीतिशास्त्र, महारानी लक्ष्मीबाई उत्कृष्ट महाविद्यालय, ग्वालियर
  • डॉ. मंगलेश्वर ठाकरे, भौतिक, शा. कन्या महाविद्यालय, उज्जैन

मध्य प्रदेश में अब भी दो साल पाल का प्रबिशन पीरियड

मध्य प्रदेश में पीएससी से परीक्षा पास करने के बाद नियुक्ति के उम्मीदवारों को दो साल तक प्रोबेशन पीरियड के तहत फील्ड में काम करना पड़ता है और उसके बाद उनकी नौकरी पक्की मानी जाती है। हालांकि की यूजीसी ने उच्च शिक्षा विभाग के तहत प्रदेश के कॉलेजों में पढ़ाने वाले प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, लाइबेरियन एवं स्पोट्र्स आफिसर कोटे की नई नियुक्ति प्राप्त चयनित उम्मीदवारों का प्रोबेशन पीरियड दो साल से घटाकर एक साल कर दिया है, मध्य प्रदेश में अब भी प्रोवेशन पीरियड दो साल ही है।