प्रदेश में बर्ड फ्लू की दहशत शिवराज ने बुलाई आपात बैठक



भोपाल.
भारत में बर्ड फ्लु की दस्तक के बाद कई राज्यों में हलचल मच गई है। पहले कोरोना का संकट और अब बर्ड फ्लू का कहर। मध्य प्रदेश में इसके सबसे अधिक मामले सामने आए हैं, जहां सैकड़ों की संख्या में कौवे मर गए और उन्हें ये वायरस मिला है। बर्ड फ्लू संकट को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आपात बैठक बुलाई है। इस बैठक में राज्य के चिकित्सा मंत्री समेत अन्य अधिकारी मौजूद हैं। भारत सरकार द्वारा बर्ड फ्लू को लेकर जो निदेश भेजे गए हैं, उनको लेकर बैठक में मंथन हुआ। राज्य में अब पॉल्ट्री फॉर्म में पक्षियों के सैंपल लिए जाएंगे, इसके लिए जल्द ही राज्य सरकार निर्देश जारी करेगी।

  • भारत सरकार के मुताबिक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, केरल में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई है। ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से एक कंट्रोल रूम बनाया गया है, जिसके जरिए देश में आ रहे ऐसे मामलों पर नजर रखी जा रही है। राज्य सरकारों के साथ मिलकर सभी अहम कदम उठाए जा रहे हैं।
  • बर्ड फ्लू के संकट को देखते हुए कर्नाटक ने केरल से सटी अपनी सीमा पर अलर्ट जारी कर दिया है। कर्नाटक के चार जिलों में अलर्ट जारी किया गया है, जो केरल से सटे हैं। यहां पर बर्ड फ्लू को लेकर सतर्कता बढ़ाई जाएगी।
  • गौरतलब है कि भारत में अबतक मध्य प्रदेश, राजस्थान, इंदौर, केरल, गुजरात समेत कई राज्यों में बर्ड फ्लू से जुड़े मामले सामने आए हैं। करीब दस राज्यों ने अपने यहां अलर्ट जारी कर दिया है। मध्य प्रदेश में सबसे अधिक मृत कौवे मिले हैं, जिनमें बर्ड फ्लू का वायरस पाया गया है। इसके अलावा केरल ने भी प्रभावित इलाकों में पक्षियों को मारने का आदेश दिया है।

दक्षिण भारत के कुछ राज्यों से मुर्गों की खरीद पर रोक

देशभर में बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में पक्षियों की मौत के बाद राज्य सरकारें भी सतर्क हो गई है। इस बीच, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग और मुख्य सचिव मनीष रस्तोगी संग आपात बैठक की। इसके बाद दक्षिण भारत के कुछ राज्यों से मुर्गों की खरीद पर अस्थाई रोक लगाने का फौरी फैसला लिया गया। सीएम शिवराज के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर इसकी जानकारी दी गई। सीएम ने कहा, वर्तमान में मध्यप्रदेश में बर्ड फ्लू की गंभीर समस्या नहीं है, एहतियातन आवश्यक कदम उठाए गए हैं। भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस से जिलों को अवगत कराया गया है। दक्षिण भारत के कुछ राज्यों से सीमित अवधि के लिए मुर्गों का व्यापार प्रतिबंधित रहेगा। वह अस्थाई रोक एहतियातन लगाई गई है। प्रदेश के तीन स्थान इंदौर, आगर, मालवा और मंदसौर में कुछ कौवों की मृत्यु के पश्चात सावधानी के तौर पर आवश्यक कदम उठाए गए हैं।

राज्यों को पर्यावरण मंत्रालय की चिट्ठी

इस बीच केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने सभी राज्य मुख्य सचिवों और मुख्य वन्यजीव वर्डनों को चिट्ठी लिखकर उनसे एवियन इन्फ्लुएंजा के लिए राज्य स्तरीय निगरानी समितियों का गठन करने को कहा है। राज्यों को सलाह दी गई है कि पशुपालन विभाग द्वारा सैंपलिंग टेक्नीक पर आयोजित ट्रेनिंग में भाग लेने के लिए कर्मचारियों/अधिकारियों की प्रतिनिधुक्ति की जाए। साथ ही प्रवासी पक्षियों की सभी मौतें-उनकी संख्या और कारण पर्यावरण मंत्रालय को बताया जाए। मंत्रालय ने कहा कि भेजे गए सैंपल और टेस्टिंग रिपोट्र्स के कलेक्शन, डिस्पैच के लिए स्थानीय पशु चिकित्सा विभाग से संपर्क किया जाना चाहिए।

प्रवासी पक्षियों की निगरानी के लिए बनेगा एक्शन प्लान

ऐसे में पर्यावरण मंत्रालय ने सभी राज्यों में प्रवासी पक्षियों की निगरानी के लिए एक एक्शन प्लान तैयार करने को कहा गया है। राज्य प्रवासी पशु-पक्षियों के नमूनों के संग्रह में राज्य पशु चिकित्सा विभागों के साथ सहयोग करेंगे। इसमें मृत पक्षियों का सैंपल अत्यंत सावधानी और साइंटिफिक ऑब्जर्वेशन के साथ लिया जाएगा। वहीं, निगरानी केवल संरक्षित क्षेत्र तक सीमित प्रवासी पक्षी आते हैं।