कमल नाथ का ऐलान

कृषि कानूनों के खिलाफ 16 को छिंदवाड़ा में कांग्रेस का किसान सम्मेलन

भोपाल. देश में जारी किसान आंदोलन के बीच कांग्रेस ने भाजपा पर बड़ा हमला बोला है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि केंद्र सरकार का नया कृषि कानून किसानी को खत्म करने वाला है। केंद्र कृषि क्षेत्र का निजीकरण कर रही है। इसके खिलाफ कांग्रेस 16 जनवरी को छिंदवाड़ा में किसान सम्मेलन आयोजित करेगी। इसके बाद एक बड़ा सम्मेलन 20 जनवरी को होगा। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि केंद्र सरकार किसानों को खत्म करने का काम कर रही है। केंद्र सरकार के कानून की बुनियाद कमजोर है। उन्होंने कहा कि इस कानून का केवल हम ही विरोध नहीं करे रहे, बल्कि एनडीए के घटक दल भी कर रहे हैं। पीसीसी में कमलनाथ के मीडिया से चर्चा करने के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, अरुण यादव, जीतू पटवारी, सज्जन सिंह वर्मा, पीसी शर्मा, राजेंद्र सिंह सहित कांग्रेस के सभी पदाधिकारी मौजूद थे। मीडिया से चर्चा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मप्र देश में सबसे ज्यादा गेहूं पैदा करने वाला राज्य है। केंद्र सरकार के इस कानून से कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग के लिए किसान मजबूर हो जाएगा। अभी प्रदेश में 20 फीसदी लोगों को ही एमएसपी का फायदा मिलता है। इससे सबसे ज्यादा मप्र के किसान प्रभावित होंगे, इसलिए किसानों को जागरूक करने के लिए किसान सम्मेलन की शुरुआत करेंगे। 15 जनवरी को दोपहर 12 से 2 बजे तक किसानों द्वारा चक्काजाम किया जाएगा। 16 जनवरी को छिंदवाड़ा में किसान सम्मेलन और फिर 20 जनवरी को किसान महापंचायत मुरैना में होगी। 23 जनवरी को किसानों द्वारा भोपाल में राजभवन का घेराव किया जाएगा। मीडिया से चर्चा करते हुए दिल्ली जाने के सवाल का जवाब देते हुए कमल नाथ ने कहा कि वे कहीं नहीं जाएंगे। मध्य प्रदेश ही उनकी कर्मभूमि है। कमल नाथ ने आराम करने के मामले पर कहा कि फिलहाल उनकी ऐसी कोई योजना नहीं है।

संघ और भाजपा पूंजीवादी अर्थव्यवस्था के पक्षधर

कमलनाथ ने मीडिया से चर्चा करते हए बताया कि आरएसएस, जनसंध और भाजपा हमेशा से ही पूंजीवादी अर्थव्यवस्था की पक्षधर रही है। संघ ने सेल, मेल, एनटीपीसी, ओएनजीसी, आईओसी जसे सार्वजनिक उपक्रमों का किया किया था। 2014 में पहली बार आरएसएस व भाजपा को अपना एजेंडा लागू करने का मौका मिला।