यूपी में राजनीतिक मैदान में उतरने की तैयारी में सीएए विरोधी आंदोलन के चेहरे

सीएए विरोध का झंडा उठाने वाले लोगों ने मिलकर राष्ट्रीय जस्टिस पार्टी बनाई है। इसके अलावा सीएए के विरोधी रहे कुछ लोग सपा और कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं और आगामी 2022 के चुनावी मैदान में किस्मत आजमाने की कवायद में है। सूबे में करीब एक दर्जन ऐसे नेता हैं, जिन्होंने सीएए-एनआरसी विरोध से अपनी पहचान बनाई है और उसी के जरिए राजनीतिक तेलना का मन बना रहे हैं।

नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ आंदोलन खड़ा करने वाले चेहरे अब राजनीतिक पिच पर उतरने की तैयारी में हैं। सीएए विरोध का झंडा उठाने वाले चेहरों ने मिलकर राष्ट्रीय जस्टिस पार्टी बनाई है। इसके अलावा सीएए के विरोधी रहे कछ चेहरे सपा और कांग्रेस का दामन थाम 2022 के । चनावी दंगल में किस्मत आजमाने की तैयारी में हैं। सूबे में ऐसे नेताओं की संख्या करीब एक दर्जन है।

राजीव यादव

लखनऊ में सीएए-एनआरसी विरोध के चलते १९ दिसंबर २०१९ कोकाको हिंसा हुई थी, जिसमें सामाजिक संगठन रिहाई मंच पर मुकदमा दर्ज हुआ था और संगठन के अध्यक्ष गो। शोएब की भी हुई थी। रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादवभो सीएए-एनआरसी विरोध का अहम चेहरा थे और अब वे चुनाव मैदान में नाना चाहते है। संजीव यादव ने कहा किवा अपने गाढ जितेकी विधानसभा सीट से बनावडेगे। हालांकि.म्होंने सीट का नाम सार्वजनिक नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है किनिजागाबादवा दिलदारज सीट से वे किस्मत आजमा सकते हैं।

मुनव्वर राना की बेटियां

दिल्ली के शाहीनबाग की तर्ज पर लखनऊ के घंटाघर पर महिलाओं का एक बड़ा आंदोलन सीएए-एनआरसी के खिलाफ स्थापित हो गया था, जिसमें रुकैया सिद्दीकी ने अहम भूमिका अदा की थी। इस आंदोलन से मशहूर शायर मुनव्वर सनाकाबाट्या साखा ग आइ था, जिनमें से सुगवा सनान सपा का दामन थाम लिया है जबकि उरुसा सना और फौजिया सना कांग्रेस की सदस्यताले चुकी हैं। फौजिया सना के बिहार बनाव में किशनज सीट से चुनाव लड़ने की संभावनाशा लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिल सका। वहीं, उरुसा तनाका बहराइव के कैसरज सीट से चुनाव लड़ने की संभावना है। सुमैया राना चुनाव लड़ेंगी कि नहीं यह साफ नहीं है। 2012 में मुनव्वर राना के भाई राफे राना फतेहपुर जिले की हुसैनगंज सीट से सपा उम्मीदवार थे लेकिन वे तीसरे नंबर पर रहे थे। 

अलीमुल्ला खान

सीएए-ए-आरसी विरोध के चलते 19 दिसंबर 2019 को लखनऊ में हुए आंदोलन में गिरफ्तार होने वाले अलोगल्ला खान भी चुनावी पिच पर उतरेंगे। माना जा रहा है कि अलोगल्ला खान अपने गृह जिले यूपी के सिद्धार्थ नगर की किसी सीट से चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। इसके अलावा राजधानी लखनऊ की गरिलगबहल सीट को भी उन्होंने चिन्हित किया है। अलीगुल्ला खान ने छात्र जीवन में ही सियासत में कदम रख दिया था और कांग्रेस के का संगठन एनएसयूआई के वेजेएनयू में चेहरा हुआ करते थे। पिछले एक दशक से यूपी में सामाजिक आदोलन के साथ जुड़कर काम कर रहे है। इसके अलावा उनकी मुस्लिम उलेगाओं की बोच गहरी पैठ मानी जाती है।

शाहनवाज आलम

सीएए-एआरसी मामले में 19 दिन जेल काट चुके शाहनवाज आलम कांग्रेस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के उत्तर प्रदेश है। शाहनवाज आलगभो 2022 के विधानसभा चुनाव में उतरने की तैयारी में हैं। वो लिया के रहनेवाल है. लेकिन वाव लड़ने के लिए पशिगी खूपी या की किसी गलिगबहल सीट से उतरने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने सोणा और एनआरसी के चिलन से एक साल पहले कासका बगनवाग लिया था। हालांकि, शाहनवाज आलगभो रिहाई गव और वा रखपाटमा मेकिलकर कांग्रेस में आए है और गौजदा समय सपी के गलिगों को अपनी पारी में जोड़ने की कवायद में अटे हैं।

राष्ट्रीय जस्टिस पार्टी

सीएए और एनआरसी विरोधियों ने राष्ट्रीय जस्टिस पार्ट के नाम से भी आवेदन किया है, जिसके लिए चुनाव निशान राजू रखने की मांग की है। राष्ट्रीय जस्टिस पार्टी के अध्यक्ष की कगान इलियास आजागी को सौंपी गई है। उन्होंने स्वीकार किया कि सीएए-एनआरसी विशेष लोगों ने ही मिलकर पाबनाई है, जिसमें आजमगढ़ जिले के पूर्व विधायक अब्दुस सलाम और डीहाफिज इरशाद की अहम भूमिका रहेगी। इलियास आजगी ने बताया कि उनकी पार्टी 2022 का विधानसभा चुनावपूरे दमखम से लड़ेगी। माना जा रहा है कि अब्दुस सलामएकबार फिर गुबारकपुर सीट से तो हाफिज इरशाद गोपालपुर विधानसभा से किश्मत आजमा सकते हैं, क्योंकि वे इसी सीट से विधायक रह चुके हैं। इसके अलावा प्रवासराज में आंदोलन कोलोड कर चुकी सबोहा और लखनऊ में आंदोलन करने वालों स्कैया सिद्दीकी भोइस पार्टीका हिस्सा होंगी। भोग आर्गो के चंद्रशेखर आजाद की भी इस पार्ट के साथ गठबंधन होने की संभावना है। चंद्रशेखर और इलियास आजगी के बीच अको केमिस्टे है। चंद्रशेखर के करीबी असलग सहारनपुर में राष्ट्रीय जस्टिस पार्ट के साथ चुनाव लड़ सकते हैं। इसके अलावा गुजफ्फरनगर में सालिग गुरादाबाद में सलीम अख्तर और रामपुर में परवेज के सियासी पिच पर उतरने की संभावना है। बलिया से राघवेंद्र राम, प्रयागराज से जीशान रहमानों और वाराणसी से योगी राज पटेल चुनावी समर में उतरेंगे।