नई टीम को टारगेट के साथ मिलेगी जिम्मेदारी



भोपाल. करीब ग्यारह महीने के इंतजार के बाद बनी भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा की टीम को अब आराम करने का  मौका नहीं मिलेगा। ट्रेनिंग के साथ ही सभी को मैदान में उतरना होगा। नए प्रदेश पदाधिकारियों को प्रशिक्षण देने की तैयारियों शुरू कर दी गई हैं। प्रशिक्षण के दौरान ही संगठन के कामकाज की दिशा सभी को समझा दी जाएगी। इसके साथ ही सभी को टारगेट पर काम करना होगा। टीम वीडी के लिए पहला टारगेट नगरीय निकाय चुनाव होंगे।

    प्रदेशाध्यक्ष शर्मा ने अपनी टीम के साथ ही मोर्चा अध्यक्षों की घोषणा की है। टीम की घोषणा के साथ ही स्वागत के दौर भी चल पड़े हैं। इस बीच अब नए पदाधिकारियों को प्रशिक्षण की तैयारी शुरू कर दी गई है। इस माह के अंत में दो दिनी प्रशिक्षण के लिए सभी नए पदाधिकारियों को भोपाल बुलाया जा रहा है। इस प्रशिक्षण के दौरान ही सभी महामंत्रियों, उपाध्यक्ष और मंत्रियों के बीच कामकाज का बंटवारा भी कर दिया जाएगा। सूत्रों की मानें तो फिलहाल नगरीय निकाय चुनावों को टारगेट कर सभी को जिम्मेदारी बांटी जाएंगी। इनमें संभाग स्तर पर कामकाज का बंटवारा किया जाएगा। वहीं प्रत्येक जिलों की जिम्मेदारी के साथ ही नगरीय निकायों को टारगेट किया जाएगा। ताकि जल्द से जल्द सभी जिलों में चुनाव की तैयारियों को गति दी जा सके। हालांकि प्रदेश के पांचों महामंत्रियों को पूर्व में सीहोर में दो दिनी प्रशिक्षण वर्ग में शामिल किया जा चुका है। मगर अब संगठन के कामकाज की दृष्टि से सभी को नए सिरे से प्रशिक्षण दिया जाएगा।

दौरों पर रहेगा जोर

    लंबे इंतजार के बाद मिली टीम घोषित होने के बाद संगठन का जोर तेजी से काम करने पर है। इसके लिए सभी पदाधिकारियों को लगातार दौरे करने के निर्देश दिए जाना है। नगरीय निकाय चुनावों की तैयारियों को लेकर सभी को लगातार अपने प्रभार वाले जिलों में पहुंचना होगा। इसके साथ ही सरकार की योजनाओं के प्रचार-प्रसार और कार्यकर्ताओं से सतत् संपर्क का लक्ष्य भी पदाधिकारियों को दिया जा सकता है।

कार्यकमों के जरिए लोगों के बीच रहेगी सक्रियता

    वहीं पार्टी के कार्यक्रमों से भी सभी पदाधिकारियों को जोड़ा जाएगा। साल भर होने वाले पार्टी के प्रमुख कार्यक्रमों के अलावा समय-समय पर राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व द्वारा तय कार्यक्रमों को निचले स्तर तक सफल बनाने में भी इन पदाधिकारियों को भूमिका निभाना होगी। इन कार्यक्रमों के जरिए अधिक से अधिक लोगों को पार्टी से जोडऩा मुख्य टारगेट होगा। वहीं इन कार्यक्रमों की मानीटरिंग की जिम्मेदारी भी इन प्रदेश पदाधिकारियों की होगी।