दिग्विजय सिंह गुट कर रहा है नेता प्रतिपक्ष पद की मांग

नए साल में कांग्रेस विधायक दल को मिलेगा नया नेता

भोपाल. कांग्रेस को 15 साल बाद मिली सत्ता गंवाने का मलाल आज भी है, लेकिन नए वर्ष में दो सत्ता के केंद्र बनाने के लिए कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष की तलाश है। संगठन की कमान कमल नाथ अपने पास रखेंगे तो विधानसभा में विपक्ष का नेता किसे बनाए जाए, इसको लेकर घमासान मचा हुआ है। दिग्विजय सिंह नेता प्रतिपक्ष पद पर दावेदारी किए हुए हैं। वहीं कांग्रेस का गुट बुंदेलखंड से नेता प्रतिपक्ष की मांग कर रहा है और इस संबंध में कांग्रेस के कई नेता सोनिया गांधी को पत्र भी लिख चुके हैं। पूर्व सीएम कमल नाथ अभी नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। कमल नाथ अभी से मिशन-2023 में जुट गए हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस के प्रदेश संगठन की कमान कमल नाथ के पास ही रहेगी। इसके संकेत पिछले सप्ताह हुई विधायक दल की बैठक में भी दे दिए हैं। कमल नाथ के पास अभी दो पद हैं। वो मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि कमल नाथ उपचुनाव में पार्टी की हार के बाद अब कोई एक पद छोड़ सकते हैं। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि वो कौन सा पद छोड़ेंगे, लेकिन इन सब अटकलों के बीच नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नेता अपने-अपने दावे पेश कर रहे हैं। कमल नाथ के नेता प्रतिपक्ष का पद छोडऩे की खबरों के बीच नेताओं में जोड़-तोड़ शुरू हो गई है। माना जा रहा है अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के विधायक को नेता प्रतिपक्ष बनाया जा सकता है। इस रेस में आदिवासी विधायक बाला बच्चन का नाम सबसे आगे है। वे कमल नाथ के करीबी भी माने जाते हैं। बाला बच्चन इससे पहले भी विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।

    बाला बच्चन के अलावा अनुसूचित जाति के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा की ताजपोशी भी नेता प्रतिपक्ष के पद पर हो सकती है। वरिष्ठ कांग्रेस विधायक डॉ. गोविंद सिंह बड़े दावेदार माने जा रहे हैं। जीतू पटवारी और पीसी शर्मा भी दावेदारी पेश कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि कमल नाथ अब शिवराज सरकार को सदन के अंदर और बाहर घेरने की तैयारी के साथ-साथ संगठन को भी मजबूत करने की योजना पर फोकस कर रहे हैं। 2020 में हुए 28 सीटों के उपचुनाव में बुंदेलखंड में सागर जिले की सरखी और छतरपुर की बड़ा मलहरा सीट कांग्रेस के हाथ से निकल गई। अब बुंदेलखंड की दमोह विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है। ऐसे में पार्टी के नेता कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए नेता प्रतिपक्ष बुंदेलखंड क्षेत्र से बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस में अब नेता प्रतिपक्ष के लिए आधा दर्जन से ज्यादा नेता अपनी दावेदारी जता रहे हैं। नाई मांग बुंदेलखंड से उठी है। पूर्व मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर को नेता प्रतिपक्ष बनाने के लिए बुंदेलखंड के कांग्रेस विधायक और नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को पत्र भी लिखा है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष बुंदेलखंड से बनाए जाने की मांग रखी है। कांग्रेस नेताओं ने अपने पत्र में लिखा है कि नेता प्रतिपक्ष का पद विंध्य और ग्वालियर क्षेत्र के पास रहा है। अब बुंदेलखंड के चेहरे को नेता प्रतिपक्ष बनाया जाना चाहिए, ताकि बुंदेलखंड में कांग्रेस मजबूत हो सके। बुंदेलखंड के कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक को भी इस संबंध में पत्र लिखा है। इन नेताओं ने खुलकर कहा है कि पूर्व मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर को नेता प्रतिपक्ष बनाया जाए।

कमल नाथ का निर्णय दिल्ली में होगा

    कमल नाथ के नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा देने को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है। अभी कमल नाथ प्रदेशाध्यक्ष के साथ नेता प्रतिपक्ष के पद की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष का पद अपने पास रखेंगे, लेकिन खबर है कि वो अब नेता प्रतिपक्ष का पद छोडेंगे। सूत्रों के अनुसार कमल नाथ ने नेता प्रतिपक्ष का पद छोडऩे के बारे में राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को बता दिया है। अब फैसला दिल्ली को लेना है। कहा जा रहा है कि प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष पद के लिए छह से ज्यादा वरिष्ठ विधायकों के नाम है, इन्ही नामों से किसी एक के बारे में फैसला भी पार्टी आलाकमान के स्तर पर ही लिया जाएगा, क्योंकि कांग्रेस विधानसभा में 96 विधायकों के साथ मजबूत विपक्ष की भूमिका है। इससे पहले कमलनाथ के दिल्ली लौटने के कयास लगाए जा रहे है। कहा जा रहा है कि आलाकमान उन्हें दिल्ली संगठन की बड़ी भूमिका देने की तैयारी में हैं। मोतीलाल वोरा और अहमद पटेल के निधन के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व में खालीपन आ गया है। ऐसे में संगठन के शीर्ष नेतृत्व को किसी दिग्गज नेता की जरूरत है। ऐसे में इस बात की अटकलें तेज हैं कि कमलनाथ दिल्ली भी लौट सकते हैं।