कायाकल्प योजना में शामिल होंगे प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेज
भोपाल. अस्पतालों की सेवाओं में सुधार के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा संचालक काया कल्प योजना में प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों को भी शामिल किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों की तर्ज पर काया कल्प की टीम मेडिकल कॉलेजों में सेवाओं और सुविधाओं का निरीक्षण कर उन्हें मार्क्स देगी और मापदंडों पर सबसे खरा उतरने वाले मेडिकल कॉलेज को 50 लाख रु. का कायाकल्प अवार्ड दिया जाएगा।
मेडिकल कॉलेजों में मरीजों का अत्यधिक दबाव होने के कारण वहा सेवाओं और सुविधाओं में कमी की शिकायतें अक्सर सामने आती रहती हैं। काया कल्प अवार्ड योजना में शामिल होने के बाद कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में व्यवस्थाओं में सुधार होगा। मरीजों को अस्पताल से होने वाला संक्रमण कम होगा। उन्हें समय पर इलाज मिलेगा। जैव चिकित्सा अपशिष्ट का निपटान भी मापदंडों के अनुसार हो सकेगा। अभी सीएचसी, सिविल अस्पताल, जिला अस्पताल और एम्स का इस योजना के तहत मूल्यांकन किया जा रहा था।
प्रदेश में 2016 से संचालित काला कल्प योजना के तहत अस्पतालों का छह श्रेणी में 250 बिन्दुओं पर मूल्यांकन किया जाता है। मरीज को अच्छा वातावरण, ओपीडी में सुविधाए, जांच, दवा वितरण में कम समय, बिल्डिंग का रखरखाव, संक्रमण रोकथाम व बायो मेडिकल वेस्ट का निपटान के साथ ही मूलभूत सुविधाएं जैसे पेयजल, बैठक व्यवस्था, शौचालय, आदि की व्यवस्था व प्रोटोकाल देखा जाता है। काया कल्प अवार्ड के रूप में प्रदेश में पहले नंबर पर आने वाले जिला अस्पताल को 50 लाख, दूसरे को 20 लाख, तीसरे का 10 लाख व बाकी पांच सांत्वना के तौर पर 3.3 लाख रुपए का पुरस्कार दिया जाता है। मूल्यांकन में 70 फीसदी अंक लाना जरूरी है।
सीएचसी में पहले नंबर पर आने वाले अस्पताल को 15 लाख, दूसरे को 10 लाख व तीसरे को 2 लाख दिए जाते हैं जबकि हर जिले में चयनित एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को दो लाख का अवार्ड दिया जाता है। मेडिकल कॉलेजों को कायाकल्प योजना में शामिल किए जाने को लेकर आहत बैठक में चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस पर सहमति जताई है। शीघ्र ही इस संबंध में पीआईपी तैयार कर भारत सरकार को सौंपा जाएगा, ताकि चयनित होने वाले मेडिकल कॉलेजों को अवार्ड की राशि देने के लिए भारत सरकार से मंजूरी ली जा सके।