आपत्ति पर आमने-सामने भाजपा-कांग्रेस



भोपाल.
नगरीय निकाय चुनावों की दस्तक के साथ ही सत्तापक्ष और विपक्ष के तेवर भी तीखे हो गए हैं। महापौर पद के लिए आरक्षण प्रक्रिया को लेकर ही दोनों दलों के प्रदेशाध्यक्षों ने एक दूसरे को निशाने पर ले लिया है। कांग्रेस की ओर से छिंदवाड़ा को लेकर आपत्ति करते ही भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कांग्रेस और कमलनाथ को दलित विरोधी बताने में देरी नहीं की। जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री व पीसीसी चीफ कमलनाथ ने बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष को पद की गरिमा का ख्याल रखने की नसीहद दे डाली। असल में कल नगरीय निकायों की आरक्षण प्रक्रिया के दौरान छिंदवाडा नगर निगम के महापौर का पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित होने पर कांग्रेस द्वारा लिखित में आपत्ति दर्ज कराई गई है। मामला छिंदवाड़ा से जुड़ा होने के कारण भाजपा से इस आपत्ति को लेकर सीधे पूर्व मुख्यमंत्री व पीसीसी चीफ कमल नाथ को निशाने पर ले लिया। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष शर्मा ने इंदौर दौरे के बीच नाथ पर तीखा हमला करते हुए इसे उनका दलित और आदिवासी विरोधी रवैया बताया। वहीं एक दिनी छिंदवाड़ा दौरे पर पहुंचे कमलनाथ ने मीडिया से चर्चा में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के बयान पर तीखा पलटवार किया। इसे नगरीय निकाय चुनावों की खींचतान माना जा रहा है।

क्या बोले शर्मा

जिस तरह छिंदवाड़ा में महापौर का पद एसटी के लिए आरक्षित होने पर कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज कराई है उससे कांग्रेस का दलित विरोधी चेहरा उजागर हो गया है। कमलनाथ छिंदवाड़ा को अपनी स्टेट टेरोटरी बनाना चाहते हैं। मगर इस आपत्ति से पूर्व सीएम नाथ का एसटी विरोधी चेहरा और चरित्र उजागर हो गया है। साथ ही साबित हो गया है कि प्रजातांत्रित व्यवस्था में नाथ का विश्वास नहीं है। छिंदवाड़ा अनुसूचित जनजाति बहुल क्षेत्र है, वहां स्वाभाविक रूप से एसटी को प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। प्रशासन ने पूरी पारदर्शिता के साथ निर्धारित सिस्टम में आरक्षण प्रक्रिया को अंजाम दिया है।मगर विपक्ष का काम केवल वहम फैलाना रह गया है। श्री शर्मा ने कहा कि पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की क्रेडेबिलिटी खत्म हो चुकी है। श्री नाथ को ठिकाने लगाने का काम दिग्विजय सिंह ने किया है और अब उनका लक्ष्य युवा चेहरे के नाम पर अपने पुत्र को कमान दिलाना है, जिसमें वे लगे हुए हैं।

कमलनाथ ने दी नसीहत

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने छिंदवाड़ा दौरे पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि यह भाजपा प्रदेशाध्यक्ष शर्मा के निजी विचार हो सकते हैं, परंतु फिर भी भाजपा प्रदेशाध्यक्ष को अपने पद और कद का ख्याल रखकर उसी के अनुरूप बोलना चाहिए। आरक्षण प्रक्रिया के जो भी परिणाम आए हैं, सभी को उसका सम्मान करना चाहिए। पीसीसी चीफ ने किसान आंदोलन को लेकर कहाकि किसानों की संतुष्टि और आर्थिक मजबूती पर ही सब कुछ निर्भर है। यदि देश का किसान संतुष्ट नहीं है और अन्नदाता ही भूखा है तो ये सारे सरकारी आंकड़े बेबुनियाद हैं।