उखड़ी सड़क, पसरा अंधेरा कब सुधरेगें औधौगिक क्षेत्र के हालात..?


                                                                                                                नरेंद्र तिवारी 'एडवोकेट

बड़वानी.  जिले की सेंधवा तहसील का औधौगिक क्षेत्र वरला रोड़ बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित है। यह क्षेत्र शासन के खजाने में राजस्व के रूप में करोड़ो रुपया जमा तो करता है, परन्तु राजस्व के अनुरूप शासन इस बहुउपयोगी क्षेत्र को सजाने संवारने की कोशिश नही करता है। इस क्षेत्र में न्यू बस स्टैंड से लगाकर ग्राम नवलपुरा की सीमा तक 25 से अधिक औधौगिक परिसर है। जिसमें जिनिंग प्रेसिंग, ग्रेन ग्रेडिंग यूनिट एवं अन्य औधौगिक इकाइयाँ स्थित हैं। इस क्षेत्र की सड़कें जगह-जगह से उखड़ी पड़ी हैं, सड़क से उड़ता धूल का गुबार आसमान में छाया रहता है। सूरज के डूबते ही यहां अंधेरा पसर जाता है। स्ट्रीट लाइट का अभाव साफ दिखाई देता है, पानी, सफाई एवं सुरक्षा जैसी सुविधाओं का भी अभाव है।

    न्यू बस स्टैंड चौराहे से शुरू वरला रोड़ यानी शहर का औधौगिक इलाका जो सड़क बिजली, सफाई, पानी और सुरक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव बरसो से झेल रहा है। इस सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं, धूल का गुबार उड़कर राहगीरों, स्थानीय निवासियों एवं मजदूरों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर डाल रहा है। यह स्थिति बरसो से एकसी बनी हुई है। यहां मंत्री, सांसद, विधायक, अफसर सभी आते-जाते रहते हैं, किंतु यंहा की समस्याएं यथावत बनी रहती हैं। 
    औधौगिक क्षेत्र वरला रोड की समस्याओं के बारे में जब नवीन जिनिंग फेक्ट्री के संचालक युवा व्यवसायी गगन किशोर तायल से बात की तो उनका कहना था सड़क, बिजली, पानी, सुरक्षा इस क्षेत्र की महत्वपूर्ण समस्याए हैं, जिनका निराकरण होना चाहिए।
    औधौगिक क्षेत्र का ताजा हाल जाना तो पाया सड़क का नवीकरण ओर चौड़ीकरण का कार्य स्वीकृत तो हो चुका है। योजना अनुसार बहुत कुछ बन भी जाना चाहिए था। किंतु निर्माता कंपनी के धीमे कार्य की वजह से शहरी वरला रोड पर न कार्य शुरू हुआ न ही इसके कोई आसार दिखाई दे रहे हैं। स्वीकृत कार्य शहर की सीमा के बाद नवलपुरा ग्राम से आगे चल रहा है। उक्त कार्य शुरू हुए काफी समय बीत गया है। किंतु वरला रोड की यह महत्वपूर्ण एवं प्राथमिक सड़क का निर्माण कब होगा, किस शुभ घड़ी में होगा यह कहना अभी मुश्किल जान पड़ता है।
   इस औधौगिक क्षेत्र की सड़क निर्माण के बारे में जब लोक निर्माण विभाग के एसडीओ अमरसिंह नार्वे से जानना चाहा तो उनका कहना था कि सेंधवा न्यू बस स्टैंड से वरला रोड की 40.26 किलोमीटर की सड़क के चौड़ीकरण का कार्य वीआरएस कम्पनी द्वारा 59 करोड़ रुपयों की लागत से किया जा रहा है। इस कार्य की पूर्णता अवधि फरवरी 2021 है। सड़क निर्माता कम्पनी इस सड़क के अलावा भी अन्य सड़कों का निर्माण कार्य कर रही है। जिसके परिणामस्वरूप वरला रोड निर्माण का कार्य धीमी गति से चल रहा है। कार्य की धीमी गति का कारण कोरोना संकट को भी बताया गया।एसडीओ के अनुसार सेंधवा शहरी क्षेत्र यानी वरला रोड औधौगिक क्षेत्र में सीमेंट कांक्रीट का 8 मीटर चौड़ाई का मार्ग निर्माण होगा। इस कार्य में समय लगेगा निर्धारित समय बता पाना सम्भव नहीं है।
   सड़क निर्माता कंपनी को फरवरी 2021में सम्पूर्ण 40.26 किलोमीटर का मार्ग पूर्ण करना है।वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र में ही कार्य अपूर्ण है।कार्य पूर्णता अवधि को मात्र दो माह बाकी है। शहरी क्षेत्र में अभी निर्माण की कोई तैयारी दिखाई नही दिख रही है। उक्त सड़क का निर्माण कब होगा यह कहना इस वक्त सम्भव नही दिखाई देता है।
     फिलहाल यह सड़क गड्डों से भरपूर है, सड़क से धूल का गुबार उड़ रहा है यह धूल का गुबार आसपास के वातावरण को न सिर्फ प्रदूषित कर रहा है अपितु नागरिक स्वास्थ्य के लिए घातक बना हुआ है। इस मार्ग पर ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों की आवाजाही लगी रहती है, इसी मार्ग पर दावल बेड़ी वार्ड क्रमांक 12 स्थित है, जहां के रहवासी इस मार्ग का उपयोग करते है। इसी मार्ग पर बायपास का ब्रिज है। जंहा से औधौगिक नगर में कपास से भरे वाहन प्रतिदिन आते है। किन्तु बायपास निर्माता कंपनी ने यहां अधिकृत सर्विस रोड नही बनाया जो शहर के लिए बेहद जरूरी था।
     सड़क ही नहीं, बिजली के इंतजाम भी यहां पर्याप्त नही है। सड़क के एक ओर खम्बे लगे है, जो बेहद अव्यवस्थित तरीके से लगे है। जिनके मध्य दूरी भी अधिक है। यही कारण है कि अधिकांश सड़क पर अंधेरा पसरा रहता है। जबकि सीजन के दौरान यहां देर रात तक आवाजाही चलती रहती है। जरूरत तो यहां डिवाइडर युक्त सेंटर लाइट सड़क की है जो 8 मीटर से अधिक चौड़ी होना चाहिए जिससे इस मार्ग के सौंदर्य में निखार आ सके।
    इस औधौगिक क्षेत्र में पानी का अभाव है जो श्रमिको की पेयजल समस्या के साथ कपास फैक्ट्रियों में लगने वाली आग के लिए भी जरूरी है इसके साथ एक स्थाई अग्निशमन यन्त्र का इसी क्षेत्र में होना भी बेहद आवश्यक है। यहां व्यापार के कारण आर्थिक लेनदेन भी होता है, जिसकी सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे एवं स्थाई पुलिस पॉइंट भी होना अनिवार्य है।
   वरला रोड औधौगिक क्षेत्र के इन व्यापारियों एव रहवासियो को जरूरत है, बेहतर सड़क, रोशनी युक्त मार्ग, जरूरत का पानी, स्थाई पुलिस पाइंट, अग्निशमन यन्त्र, सर्विस रोड इन समस्याओं का निराकरण कर इस क्षेत्र को निखारा जा सकता है। सेंधवा शहर की सुंदरता के लिए इस ओधोगिक क्षेत्र को सजाना-सँवारना भी जरूरी है यह मार्ग इसका हकदार भी है।