प्रशिक्षण वर्ग से निकाय चुनावों की तैयारी करा रही भाजपा



भोपाल. प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव अच्छे अंतर से जीत दर्ज कराने के बाद भारतीय जनता पार्टी तेजी से नगरीय निकाय चुनावों की तैयारी में जुट गई है। इस तैयारी का जरिया बन रहा है मंडल स्तर पर चल रहा प्रशिक्षण। इन प्रशिक्षण के साथ- साथ सभी 1066 मंडलों में भाजपा की नई टीम भी खड़ी हो रही है। वहीं वर्ग में चुनावी तैयारियों का भी एक सत्र चल रहा है, जिसके जरिए प्रत्येक कार्यकर्ता को उसकी जिम्मेदारी बताई जा रही है। मंडलों में चल रहे वर्गों का महत्व समझते हुए प्रदेश स्तर से हर मंडल की निगरानी की जा रही है। प्रदेश में भाजपा के संगठनात्मक स्तर पर 1066 मंडल हैं। यही भाजपा का मैदानी कैडर माना जाता है, लेकिन बीते साल भर से मंडलों की टीम नहीं बन पा रही थी। अब नगरीय निकाय चुनावों की दस्तक के साथ ही भाजपा ने तैयारी के लिए मंडल प्रशिक्षण वर्ग को जरिया बनाया है। लंबी तैयारी के बाद 29 नवंबर से शुरू हुए प्रशिक्षण वर्ग के बीच करीब 50 फीसदी मंडलों की कार्यकारिणी घोषित हो चुकी है। इस बीच कई जिलों के रुके हुए मंडलों के अध्यक्ष भी इस बीच तय किए गए हैं। प्रत्येक मंडल में करीब 40 पदाधिकारियों की टीम बनाई जा रही है। इसी टीम को दो-दो दिन के प्रशिक्षण वर्ग में शामिल किया गया है। खासबात यह है कि मंडलों में चल रहे इन प्रशिक्षण वर्ग की प्रदेश स्तर पर निगरानी की जा रही है। इसके लिए पांचों प्रदेश महामंत्री लगातार कंट्रोल रूम के साथ चर्चा कर रहे हैं। प्रतिदिन हर जिले से मंडलवार जानकारी एकत्रित की जा रही है। जिन मंडलों में अभी तक वर्ग शुरू नहीं हुआ है 'तो वहां के अध्यक्ष से प्रदेश संगठन द्वारा बात की जा रही है। वर्ग में नहीं पहुंचे वक्ताओं से भी प्रदेश स्तर पर सीधे संवाद किया जा रहा है। इतना ही नहीं, जिन मंडलों की कार्यकारिणी अभी तक घोषित नहीं हो सकी है. उनके संबंध में भी जिलाध्यक्षों को निर्देश दिए जा रहे हैं। असल में इस ताबड़तोड़ दौड़भाग की वजह है नगरीय निकाय चुनाव। इसी महीने निकाय चुनावों का कार्यक्रम जारी हो सकता है। पंचायत स्तर के चुनाव का कार्यक्रम पहले ही आ चुका है। चुनावी तैयारियों के लिए अलग से समय नहीं मिलेगा। इसे देखते हुए भाजपा अपनी मैदानी टीम की जमावट इन प्रशिक्षण वर्ग के माध्यम से कर रही है। वर्ग में चुनावों में कार्यकर्ता की भूमिका, संगठन का महत्व भी अलग-अलग विषयों के रूप में पढ़ाया जा रहा है। प्रशिक्षण वर्ग खत्म होते ही पूरी टीम को मैदान में सक्रिय कर दिया जाएगा।

वर्ग में दिखा रहे चुनावी सक्रियता

नगरीय निकाय चुनावों में दावेदारी करने वालों के लिए भी यह प्रशिक्षण वर्ग सक्रियता दिखाने का एक जरिया साबित हो रहे हैं। पार्षद की टिकट केलए दावेदारी करने के इच्छुक मैदानों नेता मंडल प्रशिक्षण वर्ग में जमकर मेहनत कर रहे हैं। वर्ग की तैयारी के साथ ही व्यवस्थाओं के जरिए भी अपनी सक्रियता बनाए हुए हैं। वहीं वक्ताओं के माध्यम से प्रदेश स्तर तक रिपोर्ट पहुंचने की सूचनाओं के बीच विवादों को भोइन प्रशिक्षण के बीच शांत कराया जा रहा है।

एक लाख कार्यकर्ता होंगे प्रशिक्षित

भाजपा द्वारा प्रत्येक मंडल में करीब 40 सदस्यों की कार्यकारिणी बनाई जा रही है। कार्यकारिणी के सभी सदस्यों को प्रशिक्षण वर्ग में अनिवार्य रूप से शामिल किया जा रहा है। अधिकांश मंडलों को कार्यकारिणी में युवा व नए चेहरों को शामिल किया जा रहा है। इस तरह करीब एक लाख नए कार्यकर्ताओं को पार्टी को रीतिनीति से अवगत कराया जा रहा है। इनके अलावा मंडल में रहने वाले प्रदेश स्तर तक के पुराने नेता भी प्रशिक्षण में शामिल हो रहे है। भाजपा को उम्मीद है कि नगरीय निकाय चुनाव के पहले पार्टी के पास मैदानी स्तर पर प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं की मजबूत टीम होगी।