कैलाश विजयवर्गीय ने किसान आंदोलन को फर्जी बताया



इंदौर.
पूरे देश से किसान आंदोलन की खबरें आ रही हैं। केंद्र सरकार के मंत्रीगण किसान प्रतिनिधियों से लगातार बातचीत कर रहे हैं और बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का कहना है कि किसान आंदोलन में शामिल लोगों में से 90 प्रतिशत तो किसान ही नहीं हैं। इसका तात्पर्य यह हुआ कि किसानों के नाम पर  फर्जी लोग आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे अच्छा बिल हो ही नहीं सकता है। ये समृद्धि का बिल है, गांवों की उन्नति का बिल है। उनकी आमदनी को दुगुना करने वाला बिल है। वहीं, उन्होंने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि बिल के अंदर जो प्रावधान हैं, उन्हें कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था पर किसानों ने कांग्रेस पर विश्वास नहीं किया और मोदी जी ने उन सब प्रावधानों को लागू कर दिया तो कांग्रेस को लगता है कि उनके हाथ का हथियार भी छीन लिया है। किसानों को बिल के बारे में सोचना चाहिए। 
कैलाश विजयवर्गीय ने देशभर में चल रहे किसान आंदोलन पर कहा कि देश में जो किसान आंदोलन चल रहा उसमें मुझे लगता है कि 90 प्रतिशत किसान हैं ही नहीं, सिर्फ 10 प्रतिशत ही किसान आंदोलन में सम्मिलित हैं।

दिग्विजय पर साधा निशाना

कोरोना वेक्सीन को लेकर दिविजय सिंह द्वारा दिए गए हालिया बवान, जिसमें उन्होंने वेक्सीन को लेकर जनता को गिनीपिग नहीं बनाने की बात को पुरजोर तरीके से रखा था। इस मामले में विजयवर्गीय ने दिग्गी पर  पलटवार कर कहा कि दिविजयसिंह डॉक्टर तो है नहीं और जहां ज्ञान नहीं उस बात पर टिप्पणी नहीं करना चाहिए। इसलिए मैं भी कोई टिप्पणी नहीं करता हूँ। । विजयवर्गीय ने कहा दिग्विजयसिंह एक सीनियर लीडर है और मैं उनको सलाह देता हूं कि आपको इस बारे में अल्पज्ञान है तो टिप्पणी न करें।

बंगाल में अराजकता का वातावरण

वहीं, पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी की घटना पर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि बंगाल में लॉ एंड ऑर्डर खत्म हो गया है। वहां पुलिस और गुंडो का नेसस है जो वहां पर काम कर रहा है इसलिये वहां अराजकता का वातावरण है। वहां सरकार को बने रहने का कोई अधिकार नहीं है और हमने राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है।

मोदीजी ने तो कांग्रेस के घोषणा-फा पर आधारित बिल बनाया है

उन्होंने कहा कि इससे अच्छा बिल हो ही नहीं सकता है। ये किसानों की समृद्धि का बिल है, गांवों की उन्नति का बिल है। उनकी आमदनी को दुगुना करने वाला बिल है। वहीं उन्होंने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि बिल के अंदर जो प्रावधान हैं, उन्हें कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था पर किसानों ने कांग्रेस पर विश्वास नहीं किया और मोदी जी ने उन सब प्रावधानों को लागू कर दिया तो कांग्रेस को लगता है कि उनके हाथ का हथियार भी छीन लिया है। किसानों को बिल के बारे में सोचना चाहिए।