जनता चाहती है तो नगर मोहल्लों के नाम बदलने चाहिए : शर्मा




भोपाल.
 उत्तर प्रदेश में शहरों और जगहों के नाम बदलने से शुरू हुई सियासत अब मध्य प्रदेश में भी जोरों पर है। मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने भोपाल के ईदगाह हिल्स, इंदौर और होशंगाबाद का नाम बदलने की मांग उठाई है। अब प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा की मांग को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का भी समर्थन मिलता नजर आ रहा हैं। उन्होंने कहा कि अगर जनता चाहती है तो नाम बदलने चाहिए। हालांकि मध्य प्रदेश में शहर और जगहों के नाम बदलने को लेकर सियासत होना कोई नई बात नहीं है। बीजेपी कुछ समय पहले भोपाल का नाम बदलकर भोजपाल और इंदौर का नाम बदलकर इंदूर किए जाने की मांग कर चुकी है। देखा जाए तो इतिहास के साथ शहरों के नाम बदलते गए हैं।

महू का बदल चुका है नाम

वैसे देखा जाए तो समय-समय पर शहरों और जगहों के नाम बदले जाते रहे हैं। पिछले सालों के दौरान प्रदेश सरकार ने महू का नाम बदलकर अंबेडकर नगर कर दिया गया। इसी तरह होशंगाबाद संभाग बनने पर इसका नर्मदापुरम किया गया।

कांग्रेस ने बताया माहौल बिगाड़ने की कोशिश

शहर और स्थान का नाम बदले जाने को लेकर शुरू हुई सियासत को लेकर कांग्रेस नेता भूषण नाय कहते हैं कि नाम बदलने से विकास नहीं हो सकता। बीजेपो शहर और स्थानों का नाम बदलने की सियासत कर सिर्फ माहौल खराब करना चाहती है।

प्रदेश के शहरों के पुराने नाम

  • कालांतर से देखा जाए तो प्रदेश के अलग-अलग शहरों के नाम बदलते रहे हैं। भोपाल का नाम पूर्व में भोजपाल-भूपाल था।
  • शाजापुर जिला पूर्व में शाहजहांपुर कहलाता था। कहा जाता है कि पहले इसे खाखरा खेड़ी के रूप में पहचाना जाता था। बाद में स्थानीय राजा ने शाहजहां के सम्मान में इसका नाम बदलकर शाहजहांपुर कर दिया। हालांकि 1732 में सिंधिया राज्य के दिन आने के बाद इसका नाम शाजापुर किया गया।
  • विदिशा के बारे में कहा जाता है कि पूर्व में इसका नाम भेल स्वामिन था, जिसे बाद में भिलसा या भेलसा कहा गया और फिर बाद में यह विदिशा हो गया।
  • खजुराहो को पहले खजूरपूरा और खजूर वाहिका के नाम से जाना जाता था। बाद में इसका नाम खजुराहो हो गया।
  • उज्जैन का नाम पहले अवंतिका उज्जैनी था। कालांतर में यह उज्जैन हो गया।
  • सीहोर का नाम पूर्व में सिद्रपुर था। इसका यह नाम सीवन नदी की वजह से था। बाद में अंग्रेजी शासन काल में इसका नाम बदलकर सीहोर हो गया। 
  • इसी तरह सोहागपुर को विराट पुरी कहा जाता था।
  • महेश्वर को माहिष्मती नाम से जाना जाता था।
  • जबलपुर को त्रिपुरी कहा जाता था।
  • मंदसौर को दशपुर कहा जाता था।
  • अमरकंटक को रिक्षा पर्वत नाम से जाना जाता था।