भोपाल. अब सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की सुविधा व सुरक्षा के लिए एप्रोच रोड, खेल के मैदान का विकास तथा बाउंड्रीवाल बनवाने जैसे जरूरी काम मनरेगा से कराए जाएंगे। सरकार ने प्रदेश की ऐसी सभी स्कूलों की जानकारी जुटा ली है। अब प्राथमिकता तय कर काम शुरू कराए जाएंगे। आयुक्त राज्य शिक्षा केंद्र लोकेश जाटव ने सभी कलेक्टर, जिपं सीईओ, सहायक संचालक, डीईओ को नाम 1 दिसंबर को पत्र जारी किया है।
मप्र राज्य रोजगार रोजगार गारंटी परिषद भोपाल व राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा 1 दिसंबर को कलेक्टर के नाम जारी पत्र क्रमांक 5129 मनरेगा मप्र एनआर- 3/2020 में बताया कि कई स्कूलों में पहुंच मार्ग, व्यवस्थित खेल मैदान व सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवाल नहीं हैं। इससे स्कूलों में पढ़ाई लिखाई व खेल गतिविधियां प्रभावित होती हैं। पहुंच मार्ग के अभाव में बारिश में उपस्थिति कम हो जाती है। बाउंड्रीवाल के अभाव में असामाजिक तत्व अतिक्रमण कर लेते हैं। मवेशी का जमघट लग जाता है। लोग कचरा फेंक जाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की ऐसी स्कूलों में मनरेगा के तहत ये काम कराए जाएंगे।
स्कलों में नारंटीवाल की काका स्कूलों में बाउंड्रीवाल की दरकार
राशि के के आंकड़ों के अनुसार 1293 प्राइमरी व मिडिल और 350 हाई व हायर सेकंडरी स्कूल हैं, जिनमें पहुंच मार्ग नहीं है। 5363 प्राथमिक व मिडिल तथा 1030 हाई व हायर सेकंडरी स्कूलों में छात्र-छात्राओं के लिए खेल मैदान की सुविधा नहीं है। 8855 प्राइमरी व मिडिल - और 708 हाई व हायर सेकंडरी स्कूलों में सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवाल की दरकार है।
ऐसे तय होगी प्राथमिकता
जिलों में उप संचालक, सहायक संचालक, डीईओ, डीपीसी सीईओ जिपं को तय फार्मेट में जानकारी देंगे। इसमें यह बताना होगा कि नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे, प्रमुख जिला मार्ग, शहरी क्षेत्र व करीब के ग्रामीण क्षेत्रों की ऐसी स्कूल जिनमें नामांकन ज्यादा है, उनका चयन बाउंड्रीवाल बनाने के लिए पहले किया जाएगा। इसमें जैविक बागड़ का भी प्रस्ताव शामिल है।