बेरोजगारी की आहट ने सरकार की चिंता बढ़ाई

 अब हर माह एक लाख नौकरी देने की तैयारी

भोपाल. प्रदेश में सरकारी नौकरी की एक सीमा है। प्रदेश में बेरोजगारों की नाराजगी को देखते हुए राज्य सरकार ने खाली पड़े पदों को भरने की घोषणा तो कर दी थी, लेकिन इन घोषणाओं पर अमल करने में सरकार को पसीना आ रहा है। विधानसभा उपचुनाव के लिए चुनाव आचार संहिता लगने से पहले 25 हजार सरकारी पदों को भरने की घोषणा की गई थी। इसमें केवल पुलिस विभाग में भर्ती की कवायद शुरू की गई है। इससे प्रदेश के युवाओं में बेरोजगारी को लेकर तेजी से आक्रोश फैलने लगा है।

इस बीच राज्य सरकार ने प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के आक्रोश को थामने के लिए रास्ता निकाल लिया है। प्रदेश में नए वर्ष में 15 जनवरी को सभी जिला मुख्यालयों में एक दिन का रोजगार मेला आयोजित किया जाएगा। इस रोजगार मेले में एक दिन में ही प्रदेश के एक लाख बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने का लक्ष्य तय किया गया है। रोजगार मेले के आयोजन को लेकर राज्य सरकार ने सभी कलेक्टरो को पत्र लिखा है और आवश्यक तैयारी करने के निर्देश दिए हैं।

प्रदेश के भीतर या बाहर दोनों जगह चलेगा

राज्य सरकार ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं, उसमें साफ किया गया है कि रोजगार मेले में एक दिन में पूरे प्रदेश में एक लाख बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराना है। इस तरह प्रदेश के सभी 52 जिलों के हिसाब से देखें तो प्रत्येक जिले को औसतन 1900 से 2000 युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना होगा। बेरोजगारों के बढ़ते दबाव को देखते हुए यह भी साफ किया गया है कि रोजगार केवल मप्र में ही उपलब्ध कराएं, यह जरूरी नहीं है। मप्र के बाहर भी युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है। इससे रोजगार के अन्य विकल्प भी मिल सकेंगे। अब यह बेरोजगारों पर निर्भर करेगा कि वे मप्र से बाहर रोजगार करना चाहते हैं या नहीं।

एक वर्ष में 12 लाख बेरोजगारों को देना होगा काम

राज्य सरकार ने प्रदेश में एक वर्ष की अवधि में 12 लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए हर माह प्रत्येक जिले में रोजगार मेले का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन न सिर्फ जिला मुख्यालयों में आयोजित होंगे, बल्कि इसे तहसील मुख्यालयों में भी आयोजित किया जाएगा, जिससे कि दुरदराज के ग्रामीण युवाओं को भी रोजगार के बेहतर मौके मिल सके।

आत्मनिर्भर मप्र के लक्ष्य को हासिल करने युवाओं के आक्रोश को थामना जरूरी

दरअसल राज्य सरकार ने वर्ष 2023 तक मप्र को आत्मनिर्भर बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए विभागों को रोडमैप दिया गया है। इस रोडमैप के हिसाब से लक्ष्यों को हासिल करने के लिए जरूरी है कि प्रदेश में शांति और स्थिरता बनी रहे। बेरोजगारी को लेकर यवाओं का आक्रोश कहीं फट नहीं पड़े, इसलिए अब बड़े पैमाने पर युवाओं को रोजगार मेले के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया गया है।

क्यों पड़ रही जरूरत

प्रदेश में बेरोजगारी की क्या स्थिति है, यह जेल विभाग में जेल प्रहरी के पदों को भरने के लिए होने वाली परीक्षा से ही अनुमान लगाता जा सकता है। विभाग में 282 पदों पर भर्ती किया जाना है। इन पदों के लिए प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड परीक्षा लेने जा रहा है। इस पद के लिए तीन लाख 7 हजार से अधिक आवेदकों ने परीक्षा देने के लिए आवेदन किया है। विधानसभा उपचुनाव से पहले ही मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रदेश में खाली पड़े सकारी पदों को भरने के निर्देश दिए थे। उन्होंने जल्द ही इन पदों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश विभागों को दिये थे, लेकिन इन निर्देशों पर अमल नहीं हो सका। वह इसलिये कि इन पदों को भरने पर राज्य सरकार के खजाने पर भी दबाव बढ़ जाएगा। मौजूदा वित्तीय वर्ष वैसे ही आर्थिक संकट का है। ऐसे में इस वित्तीय वर्ष में कोई भर्ती प्रक्रिया पूरी होगी, इसके आसार नहीं हैं। राज्य सकार ने अलग-अलग विभागों में 25 हजार सकारी पदों को भरने की घोषणा की थी. इसमें सबसे अधिक पद स्कूल शिक्षा विभाग से संबंधित हैं। इन पदों को भरने पर राज्य सरकार पर कम से कम प्रतिवर्ष 1200 करोड़ रुपये का वितीय भार अनुमानित है। जब तक राज्य सरकार इसके लिये वित्तीय प्रबंध नहीं कर लेती, तब तक इन भर्तियों की प्रक्रियाओं में उलझाकर रखा जाएगा। 25 हजार में से 15 हजार पद शिक्षा के भरे जाने हैं। अध्यापक संवर्ग के 10 हजार पदों के लिए 6 लाख 57 हजार ने दावेदारी जताई है।