सीएम स्वेच्छानुदान मद अब सीएम के रडार पर

कलेक्टर-कमिश्नर्स कॉन्फ्रेंस के एजेंडे में किया शामिल


भोपाल. मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से स्वीकृत मामले अब मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के राडार में आ गए हैं। मुख्यमंत्री अब सीएम स्वेच्छानुदान के तहत स्वीकृत आदेश और फिर अस्पतालों या फिर हितग्राही के खाते ट्रांसफर की गई राशि के बारे में कलेक्टरों से पूरा फीडबैक लेंगे। सात दिसंबर को होने वाले कलेक्टर - कमिश्नर्स कॉन्फ्रेंस के लिए इसे भी अब एजेंडे में शामिल किया गया है। कॉन्फ्रेंस का एजेंडा पहले ही तय कर दिया गया था, जिसमें सात अलग-अलग विषयों को शामिल किया गया लेकिन बाद में अलग से इसे एजेंडे में शामिल किया गया है। बताया रहा है कि मुख्यमंत्री चौहान ने ही इस संबंध में निर्देश दिए थे, उसके बाद मुख्यमंत्री सचिवालय ने सामान्य प्रशासन विभाग को इस विषय को भी एजेंडा में शामिल करने के निर्देश दिए थे। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में दो दिसंबर को सभी विभागों को पत्र लिखकर सूचित कर दिया है। यहां बता दें कि मुख्यमंत्री स्वच्छानुदान की राशि बढ़कर सौ करोड़ रुपए से अधिक कर दी गई है। इस मद में मुख्यमंत्री प्रदेश के जरुरतमंदों की मदद कर सकते हैं। विशेष से यदि कोई व्यक्ति बीमार है और वह आर्थिक स्थिति के कारण उपचार कराने में समर्थ नहीं होते हैं वह मुख्यमंत्री से इलाज के लिए गुहार लगा सकते ऐसे मामलों में मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से राशि दे सकते हैं। सामान्य प्रशासन विभाग ने 28 नवंबर ही कॉन्फ्रेंस के लिए एजेंडा तय कर दिया था, तब स्वेच्छानुदान मद के मामले को इसमें शामिल नहीं किया गया था। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों के प्रमुख सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष, पुलिस महानिदेशक, कमिश्नर्स और कलेक्टर्स को पत्र जारी कर सूचित कर दिया था, जिससे कि वे इस कॉन्फ्रेंस के लिए जरूरी तैयारी कर सकें। यह कॉन्फ्रेंस भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वर्चुअल ही होगी। कमिश्नर्स-कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में आयुष्मान भारत कार्यक्रम के तहत निरामयम मप्र योजना को लेकर मुख्यमंत्री कलेक्टरों से जमीनी फीडबैक लेंगे। इसी तरह मिलावट से मुक्ति अभियान को लेकर भी समीक्षा होगी। यह अभियान प्रदेश में लगातार जारी है। इसे लेकर समय -समय पर निर्देश भी जारी होते रहे हैं। इसी क्रम में मख्यमंत्री खरीफ उपार्जन जिसमें धान, बाजरा और ज्वार शामिल हैं। इसकी उपार्जन की ताजा स्थिति के बारे में भी कलेक्टरों से फीडबैक लेंगे। इसी के साथ मुख्यमंत्री रबी सीजन में खाद और उर्वरक की उपलब्धता की स्थिति को लेकर भी समीक्षा करेंगे। यह समय अभी रबी सीजन के लिहाज से पीक समय चल रहा है। इस समय किसानों को सबसे अधिक उर्वरक की जरूरत है। इधर राज्य सरकार भले ही दावा करे कि प्रदेश में पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध है, लेकिन कई वितरण केंद्रों में उर्वरक की कमी बनी हुई है और किसानों को लंबी कतारों में लगने के बाद भी नहीं मिल पा रही है। इधर राज्य सरकार ने एक बार फिर केंद्र सरकार को पत्र भेजकर मप्र के लिए आवॉटत उर्वरक उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। कलेक्टर - कमिश्नर्स कॉन्फ्रेंस में आबादी सर्वे यानी स्वामित्व योजना की भी समीक्षा होगी।