नर्मदा घाटी की परियोजनाओं के लिए कर्ज लेने अब जारी होंगे टेंडर

भोपाल. प्रदेश की जीवन रेखा नर्मदा में प्रस्तावित बड़ी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अब राज्य सरकार ने कर्ज लेने की तैयारी पूरी कर ली है। इस परियोजना के लिए कम से कम दस हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया जाएगा। नर्मदा घाटी विकास विभाग ने  इस कर्ज राशि के लिए टेंडर जारी करने की सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद इसे जारी कर दिया जाएगा।

नर्मदा घाटी की परियोजनाओं के लिए निविदा आमंत्रण के संबंध में आज मंत्रालय में बैठक बुलाई गई है। मुख्यमंत्री चौहान इस बैठक में मौजूद रहेंगे। बताया जा रहा है कि नर्मदा घाटी की परियोजनाओं को लेकर मुख्यमंत्री के सामने पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेंशन भी होगा। राज्य सरकार ने पहले ही नर्मदा बेसिन प्रोजेक्ट्स कंपनी लिमिटेड का गठन कर दिया है। यह कंपनी नर्मदा घाटी की परियोजनाओं के निर्माण पर फोकस करेगी। कंपनी ही नर्मदा में प्रस्तावित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए कर्ज लेगी। नर्मदा पर प्रस्तावित 11 परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 24 हजार करोड़ रुपये कर्ज की जरूरत होगी, लेकिन कंपनी 10 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेगी।

कंपनी में सरकार ने बढ़ाई अंशपूंजी

राज्य सरकार ने कंपनी को कर्ज मिलने में किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसे ध्यान में रखते हुए कंपनी की अंशपूंजी राशि को सौ गुना तक बढ़ा दिया है। पहले कंपनी की अंशपूंजी मात्र 50 करोड़ रुपये निर्धारित की गई थी, जिसे बढ़ाकर अब 5 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है। इससे अब कंपनी को कर्ज मिलने में ज्यादा आसानी होगी। अंशपूंजी का आकार सौ गुना तक बढ़ने के बाद कंपनी और नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 10 हजार करोड़ रुपये कर्ज लेने में अब दिकत नहीं होगी। कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने ये कर्ज लेने के प्रस्ताव को पहले ही हरी झंडी दे दी है।

कर्ज के लिए सरकार देगी गारंटी

कर्ज के लिए सरकार देगी गारंटी नर्मदा सेसिन प्रोजेक्ट्स कंपनी लिमिटेड की साख इतनी नही है कि कोई बैंक या फिर नाबार्ड सीधे कर्ज दे, इसलिए कर्ज के लिए राज्य सरकार की साख का झतेमाल करेगी। राज्य सरकार कंपनी द्वारा लिए जाने वाले कर्ज के लिए बैंकों को गारंटी देगी। इससे बैंक इस बात को लेकर आश्वस्त रहेंगे कि जहां वे पैसा निवेश कर रहे हैं, वह पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। यह गारंटी भी राज्य सरकार कंपनी को मुफ्त में नही देगी। इसके लिए कंपनी को स्टेट गारंटी फीस चुकाना होगी। यह गारंटी शुल्क आधा फीसदी होगी। विभाग ने जो आकलन किया है, उस हिसाब से परियोजनाओ की ऋण राशि 24 हजार करोड़ के लिए लगभग 1500 करोड़ पूरे कर्ज के भुगतान पर देना होंगे। ऋण रशि के विरुद्ध आधा फीसदी प्रतिवर्ष गारंटी फीस को वन टाइम करने का प्रावधान किया गया है। 

वित्तीय मामलों में परामर्श देने समितियां गठित

कंपनी द्वारा भारी-भरकम कर्ज लिए जाने की कोशिशों के चलते कंपनी के संचालन के लिए अन्य कमेटियों का भी गठन किया जाएगा। कम्पनी के सहज संचालन के लिये संचालक मण्डल की उपसमिति, वित्तीय समिति के नाम से गठित की जाएगी, जो कम्पनी के वितीय मामलों में जारी परामर्श देगी। इसी के साथ एक अन्य उपसमिति भी गठित होगा यह परियोजना निगरानी समिति के नाम से गठित की जाएगी।

नाबार्ड से लिए जाने वाले कर्ज के अतिरिक्त होगा यह कर्ज

कपनी नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की चिन्हित सिंचाई परियोजनाओं के लिए पहले ही 7500 करोड़ रुपये का कर्ज लेने की कोशिशों में लगी हुई है। यह कर्ज नाबार्ड से लिया जाना है। 7500 करोड़ रुपये के प्रस्तावित लोन से अपर नर्मदा परियोजनाओं, नर्मदा -क्षिप्रा बहुउद्देशीय परियोजना एवं बदनावर माइक्रो सिंचाई परियोजना सहित कुछ अन्य चालू परियोजना का काम पूरा किया जाना है। बताया जा रहा है कि 10 हजार करोड़ रुपये का कर्ज नाबार्ड से प्रस्तावित कर्ज के अतिरिक्त है। इस तरह नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की परियोजनाओं को पूरा करने के लिए कंपनी दो अलग - अलग प्रस्तावों के माध्यम से 17500 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में है। नर्मदा घाटी विकास विभाग ने जो प्रस्ताव तैयार किया है, उस हिसाब से 10 हजार करोड़ रुपये की राशि बैंकों से कर्ज लिया जाना है।