गंगा जल वितरण के लिए राष्ट्रीय सनातन वाहिनी की विशेष मीटिंग



जयपुर ।। लक्की कटारा.

नमन ब्राइट अकेड़मी, 20, परिवहन नगर, खातीपुरा, जयपुर में राष्ट्रीय सनातन वाहिनी की विशेष मीटिंग का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में योगेश गौतम जी एवं अशोक शर्मा, मीडिया प्रकोष्ठ के महासचिव के साथ-साथ युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष राकेश शर्मा एवं दौसा के जिला अध्यक्ष अभिषेक सिंह एवं उनके साथ सहयोगी कार्यकर्ता दौसा जिले से आकर मीटिंग में सहयोग दिया। इसी श्रृंखला में नमन ब्राईट अकेडमी के निदेशक ब्रह्मानंद गुप्ता ने राष्ट्रीय सनातन वाहिनी के पदाधिकारियों का माल्यार्पण कर अद्भुत स्वागत किया। हेमंत भारद्वाज (जिला कार्यकारी अध्यक्ष, जयपुर), करण सिंह शेखावत (अध्यक्ष, वार्ड नं. 9), सुंदरलाल सोनी (प्रदेश अध्यक्ष, गौरक्षा प्रकोष्ठ), गया प्रसाद अग्रवाल (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष), अभिषेक कुमावत (जिला महासचिव, युवा प्रकोष्ठ जयपुर), प्रदीप अग्रवाल (उपाध्यक्ष, जयपुर संभाग), नरेश बंसल (जिला महासचिव, युवा प्रकोष्ठ, जयपुर), श्यामसुंदर सोनी (अध्यक्ष, गौरक्षा प्रकोष्ठ, हाथोज) ने मीटिंग में सक्रिय रूप से भाग लिया। राष्ट्रीय सनातन वाहिनी के संस्थापक एवं मुख्य संरक्षक 1008 श्री सर्वानंद हरेकृष्ण महाराज (भागवत कथाओं के महासंकल्पी) ने मीटिंग में निम्न विषय बिंदुओं पर व्यापक चर्चा की - मृत्यु भोज पर रोक, नशा मुक्ति हेतु अभियान चलाना, दैनिक दिनचर्या के प्रोडक्ट पर हिंदू देवी-देवताओं की फोटो पर रोक, आंगनबाड़ी/आशा सहयोगिनी कार्यकर्ताओं द्वारा अपनी मांगों हेतु चल रहे धरने को समर्थन, दहेजप्रथा पर रोक लगवाना, धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अहम भूमिका, नेत्र दान पर विशेष फोकस, देह दान पर विशेष फोकस, रक्त दान पर विशेष फोकस, नेत्र चिकित्सा कैम्प आयोजित करना, मेडिकल कैम्प आयोजित करना, मकर संक्रांति पर दिनांक 14 जनवरी, 2021 को नि:शुल्क गंगा जल की शीशियों के वितरण कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करना, बड़े-बड़े मंदिरों में पंडाओं द्वारा भक्तों के साथ किए जा रहे शोषणों को रोकने हेतु प्रयास करना। मीटिंग में उपस्थित सभी पदाधिकारियों ने ध्वनिमत से इन सभी बिंदुओं पर अपना समर्थन दिया।

इसके साथ ही महाराज जी ने गंगा जल वितरण कार्यक्रम, जो मकर संक्रांति 14 जनवरी, 2021 को बड़ी चौपड़ पर आयोजित किया जा रहा है, उसमें सभी से आहवान किया कि अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर धार्मिक कार्यक्रम के आयोजन को जन आंदोलनात्मक रूप दिलाने का प्रयास करें।