भोपाल. सफेद फर्शी पत्थर की खदानों के लीज या नीलामी किए जाने को लेकर राज्य सरकार के एक फैसले और उसका नोटिफिकेशन जारी न हो पाने के कारण इस सेक्टर में कारोबार काफी तेजी से गिर रहा है। ग्वालियर में स्थित प्रदेश के स्टोन पार्क से ही इस पत्थर का सालाना 700 करोड़ रुपए तक का कारोबार होता था जो अब 200 करोड़ तक ही सिमट कर रह गया है।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग ने विधानसभा उपचुनाव के लिए चुनाव आचार संहिता लगने से पहले ही इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर लिया था, जिससे कि इसे कैबिनेट के सामने निर्णय के लिए पेश किया जा सके, लेकिन लगभग तीन माह बाद भी इसे अब तक कैबिनेट के सामने पेश नहीं किया जा सका है। प्रदेश में निजी बीमा कंपनियों से छुटकारा पाने के लिए राज्य सरकार ने नई बीमा कंपनी बनाने की कवायद की थी। इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने निर्देश भी दिए थे। उसके बाद इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री के सामने प्रेजेंटेशन भी दिया गया था। प्रदेश में राज्य सरकार के अधीन नई बीमा कंपनी के गठन के बाद फसलों का बीमा करने के मामले में निजी कंपनियों का दखल पूरी तरह समाप्त हो जाएगा। प्रदेश के किसानों को फसल बीमा के तहत इस वर्ष अब तक 7669 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का भुगतान किया गया था, लेकिन उसके बाद भी राज्य सरकार को इस मामले में विपक्ष की आलोचनाओं का सामना करना पड़ा दरअसल कई किसानों को सौ रुपए से भी कम की बीमा राशि का भुगतान किया गया। इसे लेकर विपक्ष ने राज्य सरकार को कटघरा में खड़ा करने की कोशिश की। राज्य सरकार ने इस कंपनी के दायरे में 50 लाख से अधिक किसानों को लाने की योजना तैयार की थी।