मध्यप्रदेश के इतिहास में पहली बार सरकार ने लिया एक माह में 4 हजार करोड़ का कर्ज
प्रदेश पर 2 लाख 20 हजार 489 करोड़ से अधिक का कर्ज |प्रत्येक मध्यप्रदेशवासी पर लगभग 28 हजार रुपए का बोझ
मध्यप्रदेश के प्रत्येक नागरिक पर हर दिन कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है। सरकार खाली हुए खजाने को भरने और योजनाओं व विकास के नाम पर लगातार कर्ज ले रही है। प्रदेश सरकार की आमदनी तो सीमित है और अगले कुछ माह अतिरिक्त आमदनी की कोई संभावना दिरवाई नहीं देती, लेकिन यह तय है कि जिस अनुपात से सरकार वर्तमान में कर्ज ले रही है. इसी अनुपात से अगले तीन माह तक कर्ज लेना ही पड़ेगा, क्योंकि मध्यप्रदेश की वित्तीय स्थिति लगभग चरमरा चुकी है। चौथी बार सरकार की कमान संभालने के बाद शिवराज सरकार अब तक 20 हजार करोड़ से अधिक का कर्जा ले चुकी है। वर्तमान वित्त वर्ष में 18 हजार 500 करोड़ का कर्ज लिया जा सका है और यह मध्यप्रदेश के इतिहास में पहली बार है कि पिछले एक माह में सरकार ने अपनी योजनाओं और विकास के नाम पर 4 हजार करोड़ का कर्ज ले लिया है। मध्यप्रदेश पर कल 2 लाख 20 हजार 489 करोड से अधिक का कर्जा चढ़ चुका है। वर्तमान में मध्यपदेश जनसंख्या 7 करोड़ 75 लाख मानी जाए तो मध्यपदेश का प्रत्येक नागरिक 28 हजार रुपए से अधिक के बोझ तले दबा हुआ नजर आएगा।
हर माह 2 हजार करोड़ का कर्ज ले रही है सरकार
प्रदेश में अब इस नए कर्ज के बाद कर्ज का आंकड़ा बढ़कर 18500 करोड़ रुपए जाएगा यानि वितीयक की नौ माह की अवधि में सरकार अब प्रतिमाह दो हजार करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज लेने लगी है। अभी वित्तीय वर्ष को समाप्त होने में तीन माह का समय और वाकी है। जिस तरह से प्रदेश की आर्थिक स्थिति कमजोर बनी हुयी है ऐसे में सरकार के सामने खर्च चलाने के लिए बाजार से कर्ज लेकर राशि जुटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह गया है। इससे आने वाले दिनों में कर्ज लेने की रपतार और तेज ले सकती है। अभी 10 दिसंबर को राज्य सरकार ने दो हजार करोड रुपए का कर्ज लिया था। उसके बाद 18 दिसंबर को राज्य सरकार ने प्रदेश के 35 लाख से अधिक किसानों को 1600 करोड़ रूपए से अधिक की राशि का भुगतान किया था। केंद्र सरकार ने प्रदेश में बारिश के दौरान फसलों को हुए नुकसान के लिए मात्र 635 करोड़ रुपए राज्य को जारी किए उसके बाद बाकी रुपयों के इंतजाम करने का पूरा दवाव राज्य सरकार पर आमदा। आनन-फानन में राज्य सरकार ने बाजार से कर्ज लेकर रुपयों का इंतजाम किया और फिर किसानों को भुगतान किया गया।
अगले दो-तीन माह में 10 से 12 हजार करोड़ का कर्ज और लेगी सरकार
मौजूदा वित्तीय वर्ष में देखा जाए तो सरकार के नए कर्ज को मिलाकर कर्ज का आकड़ा बढ़कर 18 हजार 500 करोड रुपए हो जायेगा जो,16 हजार 500 करोड रुपए था जिसमें अब दो हजार करोड रुपए की बढोतरी और जाएगी। प्रदेश में मार्च में भाजपा सरकार बनने के बाद उसी माह कुल 1500 करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया था। उस कर्ज को मिलाकर भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान अब कर्ज का आंकड़ा 20 हजार करोड़ रुपए को छू गया है। वैसे मौजूदा वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार 42 हजार करोड़ रुपए तक का कर्ज बाजार से ले सकती है। संभावना जताई जा रही है कि सरकार अगले तीन माह में 10 से 12 हजार करोड़ रुपए का कर्ज और ले सकती है।
इसी माह और ले सकती है कर्ज
राज्य सरकार ने पिछले कुछ माह से कर्ज लेने का सिलसिला तेज कर दिया है। अक्टूबर और नवंबर में तीन-तीन हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया। अब दिसंबर में दो बार करके कुल चार हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया जा रहा है। अभी माह समाप्त होने में एक सप्ताह से भी अधिक समय बाकी है ऐसे में माह के अंत तक सरकार कर्ज की एक और क़िस्त ले सकती है।