भोपाल. आर्थिक संकट से जूझ रही मध्यप्रदेश सरकार अपने सभी विभागों में कटौती कर रही है। शिक्षा विभाग द्वारा छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली नि:शुल्क साइकिल वितरण योजना अब बंद होने जा रही है। प्रदेश सरकार इस योजना पर हर वर्ष 300 करोड़ रुपए खर्च करती थी। इस योजना के बंद होने से सरकार के 300 करोड़ रुपए बचेंगे। वर्तमान वर्ष में भी छात्र-छात्राओं को साइकिल नहीं दी गई और कारण कोरोना वायरस को बताया गया है। 15 से 20 किलोमीटर की परिधि में रहने वाले बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसलिए सरकार द्वारा ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था कराई जाएगी, उन्हें स्कूल जाने व घर छोडऩे के लिए बस-ट्रेन की सुविधा उपलबध कराई जा सकती है। इस पर कार्य शुरू हो गया है।
हर साल साढ़े तीन लाख से अधिक विद्यार्थियों को मिलता है लाभ
सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं को स्कूल तक आने के लिए दी जाने वाली साइकिल योजना को सरकार बंद करने पर विचार कर रही है। इसकी जगह ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था की जाएगी। सरकार हर साल इस योजना पर करीब तीन सौ करोड़ रुपए खर्च करती है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इसका प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। यदि सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है तो 2023 तक सभी विद्यार्थियों को यह लाभ मिल सकता है। इस योजना के तहत कक्षा छठवीं और नौवीं में पढऩे वाले विद्यार्थियों को सरकार की ओर से नि:शुल्क साइकिल दी जाती है। हालांकि इस साल प्रदेश में फैले कोरोना वायरस के कारण छात्र-छात्राओं को साइकिल नहीं दी गई है। पहले चरण में ट्रांसपोर्ट की सुविधा केवल सीएम राइज स्कूल में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं को दी जाएगी। शेष स्कूल के बच्चों को फिलहाल साइकिल ही मिलेगी। यदि प्रयोग सफल हुआ तो अन्य स्कूल में पढऩे वाले विधार्थियों को भी इस योजना का लाभ मिल सकता है। दरअसल राज्य सरकार प्रदेश के एक लाख दो हजार सरकारी स्कूलों को मर्ज कर केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर 9200 'सीएम राइज' स्कूल खोलने जा रही है। हिंदी-अंग्रेजी दोनों माध्यम में संचालित होने वाले इन स्कूलों के विद्यार्थियों को सीबीएसई स्कूल की तरह स्वीमिंग पूल, बैंकिंग काउंटर, डिजिटल स्टूडियो, कैफेटेरिया, जिम थिंकिंग एरिया की सुविधाएं मिलेगी।
सन् 2004 में शुरू हुई थी योजना
गांव में स्कूल न होने की स्थिति में बच्चों की पढ़ाई न रुके इसके लिए प्रदेश सरकार कक्षा छठवीं और नौवीं में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क साइकिलें प्रदान करती है। यह योजना 2004 में शुरू की गई थी। सन् 2017 से दो किलोमीटर क्षेत्र से आने वाले विद्यार्थियों को भी इस योजना में शामिल किया गया है। इससे पहले एक गांव से दूसरे गांव या शहर जाने वाले विद्यार्थियों को साइकिलों का वितरण किया जाता था। सन 2014 में भी दो किलोमीटर से अधिक दूरी से आने वाली -छात्राओं को ट्रांसपोर्ट की सुविधा देने का प्रस्ताव डीपीआईने तैयार किया था, लेकिन इस पर अमल नहीं हो सका था।