विंध्य से संगठन और सरकार में हिस्सेदारी के जतन

सुहास भगत के दरबार में बढ रहे दावेदार


विंध्य को मिलना चाहिए प्रतिनिधित्व



भोपाल. मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों में हुए उपचुनाव में बीजेपी की बंपर जीत के बाद अब नेताओं ने संगठन और मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए जोर आजमाइश शुरू कर दी है। बीजेपी प्रदेश कार्यालय में पहुंच रहे बड़ी संख्या में नेता बड़ी संख्या में नेता संगठन महामंत्री सुहास भगत से मुलाकात कर रहे हैं |विंध्य क्षेत्र के नेता मंत्रिमंडल में विंध्य का प्रतिनिधित्व बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। इसमें खासतौर से सतना के सांसद गणेश सिंह, पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल, पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने अपनी बेटी मौसमी सिंह के साथ संगठन महामंत्री से मुलाकात की।


सत्ता परिवर्तन के बाद से ही विंध्य के नेता अपने क्षेत्र से प्रतिनिधित्व बनाने की मांग कर रहे थे, जिसमें खासतौर से पूर्व मंत्री राजेन्द्र शक्ला. बीजेपी विधायक गिरीश गौतम, केदार शुक्ला और पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन सहित अन्य नेता शामिल हैं। लेकिन सिंधिया समर्थक नेताओं के मंत्रिमंडल में समावेश के कारण महाकौशल और विध्य के कारण महाकौशल और विंध्य क्षेत्र से ज्यादा लोगों को शिवराज कैबिनेट में स्थान नहीं मिल पाया था। वर्तमान में उपचुनाव के नतीजों के बाद तीन मंत्रियों की हार के चलते अब मंत्रिमंडल में तीन स्थान रिक्त हो गए हैं, ऐसे में अब विन्ध से एक बार फिर प्रतिनिधित्व बढ़ाने की मांग उठने लगी है। सतना सांसद गणेश सिंह का कहना है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में विंध्य क्षेत्र से बीजेपी को ज्यादा सीटें मिली थी। ऐसे में कहीं न कहीं सरकार म हिस्सदारा भा उस हि में हिस्सेदारी भी उसे हिसाब से होनी चाहिए। तो वहीं पूर्व मंत्री और विधायक राजेंद्र शुक्ला का कहना है कि सबकी अपनी मजबूरियां होती हैं और किसको क्या जिम्मेदारी देनी है यह संगठन और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का विशेषाधिकार है। पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन भी अपयश रूप से दावेदारी कर रहे हैं. उनका कहना है कि उपचुनाव के परिणामों के बाद अब सरकार को तय करना है कि वह किसको कहां पर और क्या जिम्मेदारी देना चाहती है।


2018 विधानसभा चुनाव में विंध्य क्षेत्र की 30 सीटों में से 24 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है, हालांकि शिवराज की सरकार नहीं बन पाई। वर्तमान में तीन मंत्री विंध्य क्षेत्र से आते हैं, जिसमें बिसाहूलाल सिंह रामखेलावन पटेल और मीना सिंह। इस हिसाब से विंध्य के अन्य नेताओं की भी मांग है कि इस क्षेत्र से प्रतिनिधित्व सरकार में बढ़ाया जाए।


वर्तमान में मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष का पद भी रिक्त है और प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा इसकी कमान संभाले हुए हैं। ऐसे में अंदाजा यह भी लगाया जा रहा है कि इंदौर महाकौशल के किसी एक नेता को विधानसभा अध्यक्ष भी बनाया जा सकता है।


उपचुनाव की जीत के बाद अब बीजेपी के सभी नेताओं की नजरें शिवराज सरकार के अगले मंत्रिमंडल विस्तार और संगठन विस्तार पर हैं। जहां एक तरफ कुछ नेता मंत्रिमंडल में स्थान पाना चाहते हैं तो वहीं दूसरी तरफ कुछ नेता संगठन के महत्वपूर्ण पदों पर अपने आप को स्थापित करना चाहते हैं। यही वजह है कि सभी नेताओं ने प्रदेश मुख्यालय में हाजिरी लगाना शुरू कर दिया है। अब देखना यह होगा कि शिव और कब तक करते हैं और किसकों स्थान देते हैं।