सहकारी सेवा प्रबंधक की काली कमाई उजागर

14 साल में एक करोड़ की बनाई प्रॉपर्टी, ईओडब्ल्यू ने दर्ज किया अपराध



भोपाल. सेवा सहकारी समिति में विक्रेता के पद से भर्ती होकर पदोन्नति उपरांत प्रबंधक के पद पदस्थ एक व्यक्ति ने चंद सालों में स्वयं तथा पत्नी के नाम लाखों रुपए की चल-अचल संपत्ति अर्जित कर ली। इस समयावधि में जितना उन्हें वेतन मिला उससे कई गुना अधिक काली कमाई से राशि अर्जित कर ली। उसकी काली कमाई एक करोड़ से ऊपर पहुंच सकती है। ईओडब्ल्यू ने उसके खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है। प्रबंधक सेवा सहकारी समिति मर्यादित ताला, तहसील हुजूर, जिला रीवा में पदस्थ राजेश त्रिपाठी पिता वृषध्यज त्रिपाठी की नियुक्ति ताला सेवा सहकारी समिति में विक्रेता के पद पर 1996 में हुई थी। उस समय उनका वेतन मात्र पांच सौ रुपए महीने था। वे 2015 में समिति प्रबंधक के पद पर पदोन्नत होकर वर्तमान में वहीं पदस्थ हैं। राजेश त्रिपाठी द्वारा पत्नी श्रीमती लता त्रिपाठी के नाम पर ग्राम ताला में 30 मार्च 2007 में कुल संपत्तियां खरीदी गई। इसके बाद 2007 से 2011 के बीच करीब चालीस लाख रुपए की अलग-अलग संपत्ति खरीदी गई। 2015 में उन्होंने आवासीय भवन का निर्माण कराया, जिसकी कीमत करब 32 लाख रुपए है। इस दौरान पत्नी के नाम पर करीब सवा चार लाख रुपए कीमत का भूखंड खरीदा गया। राजेश त्रिपाठी ने स्वयं के नाम बॉक्सर और हीरो होंडा मोटर साइकिल, 2014 में स्वयं के नाम टोयोटा एटिलोस कार तथा पत्नी के नाम टाटा इंडिका डीएलएस कारें खरीदी। आय से अधिक संपत्ति की जांच में पाया गया कि आरोपी राजेश त्रिपाठी ने 1 जनवरी 2001 से 31 जनवरी 2016 की अवधि में ज्ञात स्रोतों से कुल 6 लाख 21646 प्राप्त होना पाया गया, जबकि उपरोक्त अवधि में आरोपी ने चल-अचल संपत्ति क्रय करने में करीब 70 लाख रुपए खर्च किए। इस प्रकार राजेश त्रिपाठी उक्त अवधि में 62 लाख रुपए से अधिक की आय से अधिक अनुपातहीन संपत्ति अर्जित की है। सूत्रों के मुताबिक आगे की जांच में यह संपत्ति करीब एक करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है। आरोपी ने स्वयं के नाम कम तथा पत्नी के नाम चलअचल संपत्ति पर ज्यादा राशि खर्च की, जबकि नौकरी के अलावा उनकी आय का अन्य कोई स्रोत नहीं है। ईओडब्ल्यू ने राजेश त्रिपाठी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत अपराध दर्ज कर लिया है। अभी जांच जारी है। राजेश त्रिपाठी तथा उनकी पत्नी के नाम खरीदी गई जमीन, प्लॉट आदि की कीमत कलेक्टर गाइड लाइन पर पता की जा रही है, जिससे उसके द्वारा भ्रष्टाचार कर खरीदी गई जमीन की कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकती है। सूत्रों का कहना है कि उसके खिलाफ लंबे समय से शिकायत की जा रही है। दरअसल, राजेश त्रिपाठी तथा उनका परिवार जहां निवास करता है और जहां उनकी नौकरी है, उसी क्षेत्र में उन्होंने चल-अचल संपत्ति खरीदी। इसी कारण लोगों की उनकी संपत्ति पर नजर थी।