केंद्र सरकार के कृषि बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

आंसू गैस के गोले और वाटर कैनन की मार झेल रहे किसानों की धमकी- अब आंदोलन होगा हिंसात्मक



नई दिल्ली. कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। किसान हरियाणा होते हुए दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं। दिल्ली को हरियाणा से जोड़ती सिंधु बॉर्डर पर हजारों किसान जमा हो गए हैं। पुलिस के साथ उनकी झड़प भी हुई है। पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी है। इसके बाद किसानों का एक प्रतिनिधि मंडल पुलिस अधिकारियों से मिला। उनका कहना है कि किसानों को दिल्ली जाने दिया जाए। किसान पूरी तैयारी से आए हैं और 10 दिन तक वहां रुकने को तैयार हैं। किसानों ने हिंसा की धमकी भी दी है। इससे पहले दिल्ली करनाल हाईवे पर पुलिस के साथ संघर्ष हआ। किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए
और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया। इस बीच, दिल्ली हरियाणा से जुड़ी सिंधू बॉर्डर पर भारी सुरक्षाबल तैनात कर दिए गए हैं। माना जा रहा है कि किसान इसी रास्ते से दिल्ली में प्रवेश करेंगे। किसानों का दिल्ली कूच गुरुवार से जारी है। हालांकि गुरुवार को ही केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि किसानों को आंदोलन करने की जरूरत नहीं है। वे दिल्ली आएं और वार्ता करें। उनके हितों की रक्षा की जाएगी। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन आज और बड़ा रूप ले सकता है। दिल्ली में मेट्रो सेवा पर भी किसानों के आंदोलन का असर दिखाई देगा। डीएमआरसी ने सूचना जारी कर ये कहा है कि कोई भी मेट्रो दिल्ली की सीमा के बाहर नहीं जाएगी। मेट्रो की सभी सेवाएं दिल्ली के अंदर आने वाले स्टेशनों पर ही बहाल रहेगी।


दिल्ली आर रहे किसान की सड़क हादसे में मौत


कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली चलो मार्च के तहत दिल्ली आ रहे एक 40 वर्णय किसान ट्रक और ट्रैक्टर की टक्कर में मौत हो गई। दरअसल, भिवंडी के मुंधाव गांव के पास आज सुबह किसानों का काफिला ट्रक-टॉली से दिल्ली की ओर बढ़ रहा था, तभी तभी तेज रफ्तार में एक ट्रक ने टक्कर मार दी, जिसमें मनसा जिले के तन्ना सिंह की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। 


पुलिस खड़े के चारों तरफ ट्रक


बहादुरगढ़ के सेक्टर बाईपास चौक पर चारों तरफ पुलिस की ओर से भारी मात्रा में ट्रक खड़े कर दिए गए हैं। पुलिस ने यह रणनीति इसलिए की है कि कोई भी किसान वाहन लेकर दिल्ली की तरफ से निकल सके। ट्रकों की इस भीड़ में सात ट्रक गैस सिलेंडर से भी भरे हुए हैं। अगर कोई अनहोनी होती है तो यहां पर आग जैसी घटना भी हो सकती है। रोहित टोल से निकले किसानों का इसी रास्ते से दिल्ली की ओर कूच करने का अनुमान है। बहादुरगढ़ पुलिस की ओर से सेक्टर बाईपास पर दो स्तरीय नाके के लगाए गए। फिलहाल यहां पर पुलिसकर्मी मौजूद नहीं है। किसानों के दल में शामिल एक जत्था पहले हाथ जोड़कर नाके पर दिल्ली जाने की गुहार लगाता है। नहीं मानने पर जेसीबी से सब कुछ हटाकर आगे बढ़ रहा है। रोहद टोल पर भी यही रणनीति किसानों ने अपनायी है। पहले आने वाले रास्ते की सूचना लेने के लिए कुछ किसान आगे छोटे वाहन में जाते हैं। सूचना मिलने पर किसान आगे बढ़ रहे हैं। किसानों का एक ही कहना है उन्हें दिल्ली जाना है बस।


केंद्र ने कहा- 3 दिसंबर को बात करेंगे, लेकिन किसान मांगों पर अड़े


केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील करते हुए कहा कि 3 दिसंबर को उनसे बात की जाएगी पर किसान अपनी बात पर अड़े हैं। वे केंद्र के तीनों कृषि बिलों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।


आंसू गैस के गोले दागने के बाद। आम लोगों ने बनाए खेतों से सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसान निकलने के रास्ते


आंसू गैस के गोले दागने के बाद पुलिस ने सिंधु बॉर्डर से 500 मीटर का क्षेत्र खाली करा लिया है। कुछ समय तो किसान पीछे ही बैठकर प्रदर्शन करते रहे, लेकिन बाद में किसान आगे लगे। सिंधु बॉर्डर पर किसानों के आगे बढ़ने के बाद दिल्ली पुलिस ने उन पर आंसू गैस के गोले दागे। ऐसे में पहले से पानी की बाल्टियों के साथ तैयार किसानों ने आंसू गैस के गोले उठाकर पानी में डालकर डिफ्यूज करने की कोशिश कर रहे हैं। नेशनल हाइवे बंद होने से लोग परेशान दिखे। पंजाब-वरियाणाबावे पर कई जगह ट्रैफिक प्रयवर्ट किया गया। लोग खेतों के रास्ते जाने पर मजबूर हुए। दिल्ली जाने के रास्ते आज भी बंद रहेंगे। किसान आंदोलन की वजह से चंबीगढ़दिल्ली हाईवे बंद रखा इस वजह से चंडीगढ़ से दिल्ली जाने वाली फ्लाइट्स के टिकट 1000 पीसदी से भी मंहगे हो गए। एयर विस्तारा  ने 3 हजार वाली टिकट 35 हजार में बेची।


किसानों ने लिखी पीएम मोदी को चिट्ठी, रखी ये तीन मांगें


योगेंद्र यादव  ने बताया है कि संयुक्त किसान मोर्चा के दिल्ली चलो आंदोलन के तहत राजधानी कूच  कर रहे किसानों ने शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा है। इस खत में किसानों ने तीन मांगे की हैं किसानों को बेरोक टोक दिल्ली जाने दिया जाए। सभी बैरिकेड हटाए जाएं, सड़कें खाली की जाएं और हमें शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली रामलीला मैदान या अन्य कोई स्थान खाली कराकर किसानों को दिया जाए ताकि वहां पर किसान प्रदर्शन कर सकें। सरकार सभी किसान प्रतिनिधियों से तत्काल बात करें।