काम के प्रति ईमानदारी से ही है 'स्वच्छ इंदौर'


इंदौर. नगर निगम के अफसरों की योजना भले कितनी भी सुंदर हो, लेकिन उसको अमलीजामा पहनाने में निगम के सफाई कर्मवीरों के योगदान को नजरअंदाज नही किया जा सकता है। इंदौर की स्वच्छता में जुटे सफाई कर्मचारियों ने गंदगी के खिलाफ पूरी ईमानदारी से मोर्चा संभाल रखा है। काम के प्रति दरोगा से लेकर छोटे कर्मचारी तक देर रात तक सफाई अभियान में जुटे रहते हैं। इन सबके बीच एक ऐसा वाक्या प्रतिनिधि को देखने को मिला जिसने स्वच्छता अभियान के इन कर्मवीरो को सलाम करने को मजबूर कर दिया।
     वाक्या है बॉम्बे हॉस्पिटल से लसूड़िया मार्ग का यहां प्रतिनिधि और एक अन्य साथी सड़क किनारे खड़े रात्रि 10 बजे चर्चा कर रहे थे, तभी एक युवक तेजी से आया और किनारे पर लगे पेड़ की बॉर्डर पर लगी जालियों के आसपास पड़ी पॉलीथिन और कागज उठाने लगा। दोपहिया सवार इस युवक के इस काम को देखकर प्रतिनिधि ने बुलाकर नाम पूछा तो उसने अपना नाम मोनू बताया और कहा कि वह निगम कर्मचारी है।
   देर रात में ऐसी जगह से चार से पाँच पालीथीन की थैली के टुकड़े उठाकर फुर्ती से अपनी बाइक पर जाने वाले इस स्वच्छता कर्मवीर जैसी लगन का ही परिणाम है कि इंदौर स्वच्छता में लगातार नम्बर वन पर है। अधिकारी लाख कालर ऊंची करें, लेकिन इस अवार्ड के असली अधिकारी ये ईमानदार कर्मवीर ही हैं।