दतिया. दतिया में जो विकास के कार्य अभी शुरू हए हैं वह काफी समय पहले परे हो जाने चाहए थे। किन्तु विपरीत परिस्थतियों के कारण यह कार्य पूरे नहीं हो पाए। लेकिन अब इन कार्यों में कोई कमी नहीं आएगी मैं आप लोगों से वादा करता हूं कि दतिया के विकास के लिए किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं रखूंगा किन्तु मुझे इसमें आप लोगों का भी भरपूर सहयोग चाहिए। यह बात मध्यप्रदेश शासन के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने शहर के वार्ड 34 में 64.86 लाख की लागत से बनने वाली सीसी सड़क व नाली निर्माण के भूमिपूजन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि यदि दतिया में विकास के संबंध में मुझे कोई सुझाव देता है तो निश्चित तौर पर मैं वह कार्य अवश्य कराउंगा। भूमिपूजन के दौरान कुशवाह समाज के लोगों ने गृहमंत्री का भव्य स्वागत किया। इसके बाद डॉ. मिश्रा ने वार्ड 33 में 69.45 लाख की लागत से तैयार हुई सीसी सड़क का शिलान्यास किया। कार्यक्रम में नगर पालिका साएमआ एक दुबे, विपिन गोस्वामी, सुभाष दुब, विपन गास्वामा, सुभाष अग्रवाल, प्रशांत ढेंगुला, मुकेश यादव, सतीश यादव, जीतू कमरिया, अतुल भूरे चैधरी, हरीओम यादव, मान सिंह, दीपक सोनी, मीनक्षी कारे सेवंती भगत सहित तमाम जनप्रतिनिधि व आमजन उपस्थित रहे।
विश्राम गृह का लोकार्पण
डॉ. मिश्रा ने दतिया प्रवास के दौरान सिविल लाइन पर बने तोल यात्री विश्राम गृह का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले तीर्थ यात्री विश्राम के लिए इस विश्रामगृह का उपयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि इस विश्राम गृह को सर्व सुविधा युक्त बनाया गया है जिससे तीर्थ यात्री यहाँ पर आराम कर सके। उन्होंने कहा कि जो तीर्थ यात्री बाहर से आते हैं और होटल में रुकने में सक्षम नहीं आए वह इस विश्राम गृह में रुक सकते है।
होमगार्डो ने सौंपा ज्ञापन
होमगार्ड सैनिकों ने तीन सूत्रीय मांगों को लेकर गृहमंत्री मिश्रा को ज्ञापन सौपा। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि नियम 2016 निरस्त किया जाए। होमगार्ड सैनिकों का कहना है कि सरकार 1 फरवरी से एक नया आदेश तय करने जा रही है। इसमें होमगार्ड को सिर्फ 10 महीने काम मिलेगा और 2 महीने घर बैठना होगा। होमगार्ड के जवान सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे है वो सालभर नियमित नौकरी और पुलिस की तरह वेतन की मांग कर रहे हैं। इनका आरोप है कि विभाग उनके साथ भेदभाव कर रहा है, होमगार्ड को राज्य कर्मचारी का दर्जा तक सही तरीके से नहीं दिया जाता।