चिटफंड कंपनियों पर कसेगा पलिस का शिकंजा

फ्रॉड पर लगाम लगाने गठित होगी एसआईटी


भोपाल. प्रदेश में को-ऑपरेटिव फ्रॉड से जुडे चार सौ अपराधों की जांच में जुटी पुलिस मुख्यालय की को-ऑपरेटिव शाखा तथा जिला पुलिस को बड़ी सफलता मिल रही है। भोपाल, इंदौर, चंबल, ग्वालियर संभागों मेंअब तक 50 से अधिक ऐसी कंपनियों पर कार्यवाही कर उनकी संपत्ति सीज कराई जा रही है, ताकि धोखाधड़ी के शिकार हुए लोगों को उनकी राशि वापस कराई जा सके। अब प्रदेशस्तर पर इन अपराधों पर लगाम कसने एसआईटी गठित की जाएगी। पीएचक्यू को को-ऑपरेटिव फ्रॉड शाखा ने इनके इन्वेस्टिगेशन, अपराधियों की धरपकड़ के लिए जिलों में एसआईटी गठित की थीं। एसआईटी की टीमों द्वारा ऐसे अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्यवाही की जा रही थी। रियल एस्टेट बैंक सहकारी बैंक, चिटफंड कंपनी, माइक्रो फाइनेंस कंपनी, एनजीओ, ऑनलाइन ट्रेड के वित्तीय अपराधों के अनुसंधान के लिए पीएचक्यू की को-ऑपरेटिव फ्रॉड शाखा को 22 एक्सपर्ट पुलिस अफसर मिल गए हैं। इन अफसरों के नेतृत्व में प्रदेश में लंबित 400 वित्तीय अपराधों की नए सिरे से जांच कराई जा रही है। उन्हें इन प्रकरणों के शीघ्र खुलासे के साथ ही आरोपियों की शीघ्र धरपकड़ करने के निर्देश दिए गए थे। भूखंडों के नाम ठगी, मोटी ब्याज की राशि देने का प्रलोभन देकर लोगों की गानी कमाई हड़पने वाली चिटफंड कंपनी, रजिस्टर्ड फर्म, एनजीओ या बैंकोंमें होने वाले को-ऑपरेटिव फ्रॉड के मामलों की जांच अब सीबीआई, ईडी के पैटर्न पर शुरू कर दी गई है। इन मामलों में मप्र से लेकर दूसरे राज्यों तक फास्ट एंड हार्ड एक्शन शुरू कर दिया गया है।


हवाला से लेकर फेक करंसी तक


हवाला ट्रांजेक्शन को लेकर पोंजी स्कीम, फेक करसी, चैक फोर्जरी, डक केय, क्रिस्टो करी, डेटा सिक्योरिटी, फ्रॉड रिलेटिड टू प्लास्टिक कॉर्ड, करप्शन, ब्रीबेरी, बैंक फ्रॉड, मोबाइल बैंकिंग एप्लीकेशन के माध्यम से फ्रॉड डाटा चोरी आदि अपराधों का एसआईटी की टीमों ने सीबीआई, ईडी तथा अन्य केंद्रीय जांच एजेंसियों के पैटर्न पर इन्वेस्टिगेशन शुरू कर दिया है। इन अपराधों में अपराधियों तक कैसे पहुंचा जाए और उन्हें दबोचकर लोगों की राशि वापस कराए जाए, इस पर पूरा फोकस रहेगा। पुलिस ही नहीं सहकारिता विभाग, विभिन्न बैंक, आरबीआई भी इन अपराधों की जांच में मदद करेगी। नेतृत्व में जोनल स्तर पर लंबित फ्रॉड के मामलों में की जा रही कार्रवाई की मॉनिटरिंग की जा रही है। सभी ११ जोन में लंबित को-ऑपरेटिव फ्रॉड के मामलों की जांच अब जोनल एडीजी-आईजी की मॉनिटरिंग में कराई जा रही है और एडीजी मिश्रा इनकी समीक्षा कर रहे हैं।