भोपाल में आज फिर मिले 340 कोरोना संक्रमित

इंदौर. कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आज फिर 340 कोरोना के मरीज मिले हैं। मध्यप्रदेश में सबसे अधिक इंदौर में आज रिकॉर्ड 492 नए संक्रमित सामने आए है। जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बुलेटिन जारी कर बताया कि की गयीं कुल 4,684 जांचों में 492 संक्रमित सामने आए हैं। इसी के साथ यहां कुल 4,61,786 जांचों में 37,115 संक्रमित सामने आ चुके है। इनमें से कल 120 रोगियों को स्वस्थ पाए जाने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी। यहां कुल 33,693 रोगी स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके है। उधर कल कुल तीन मौत दर्ज किए जाने के साथ अब तक 723 रोगियों की मृत्यु दर्ज की गई है।




  • उज्जैन जिले में कोरोना के 21 नए मामले सामने आने के बाद इनकी संख्या बढ़कर चार हजार के पार हो गयी है, जबकि इनमें से 3734 मरीज ठीक होकर घर पहुंच चुके हैं।

  • दमोह जिले में कोरोना संक्रमणके 21 नए मरीज मिलने के बाद मरीजों की संख्या 2383वेगई है।

  • नीमच जिले में कोरोना संक्रमण के आठ नए प्रकरण सामने आने के बाद कुल संख्या 2411वे गयी है।


देश में 564 मरीजों की हुई मौत


नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों ने एक बार फिर तेज रफ्तार पकड़ ली है। कई राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद नाइट कफ्यू तक लगाने का फैसला कर लिया गया है। कोरोना के बढ़ते मामलों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि देश में अब कोरोना मरीजों की संख्या 91 लाख के आंकड़े को छूने वाली है। पिछले 24 घंटों की बात करें तो देश में कोरोना के 46,232 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 564 लोगों की मौत हुई है।


इंटरपोल ने दी चेतावनी : कोरोना संक्रमित चिट्ठी भेजकर नेताओं को बनाया जा सकता है निशाना!


दुनिया भर में कोरोना वायरस महामारी का खतरा अभी टला नहीं हैं। कई देशों में जहांकोविड-19 संक्रमण के कुछ मामले आने लगे थे, वहां भी अब हालात फिर से गंभीर हो रहे हैं। इस बीच अंतरराष्ट्रीय एजेंसी इंटरपोल ने दावा किया है कि दिग्गज राजनीतिक शख्सियतों को कोरोना संक्रमित विडिवों के जरिए निशाना बनाया जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन-इंटरपोल ने दुनिया भर की सुरक्षा एजेंसियों को चेतावनी दी है कि वे सावधानी बरतें और कोचिड-19 से संक्रमित दस्तावेजों को लेकर सावधान रहें। इंटरपोल ने दावा किया है कि कोविड संक्रमित चिट्ठियों या दस्तावेजों के जरिए राजनीतिक शख्सियतों को निशाना बनाया जा सकता है।