25 साल का सेवाकाल सरकार के लिए बना मजबूरी

फिर पचास का आंकड़ा पार करेंगे एडीजी


भोपाल. इस साल सेवानिवृत्ति और पदोन्नति से एडीजी के पदों की संख्या पचास से नीचे आई थी, लेकिन कैडर रिव्यू में मांगे जा रहे पद और सात आईपीएस की एडीजी के पदों पर पदोन्नति से पपा पा पाण्णा इनकी संख्या पचास का आंकड़ा पार कर जाएगी। नियमानसार 25 साल का सेवाकाल पूरा होने पर एडीजीकपद पर पदोन्नति देना राज्य सरकार की मजबूरी बनी है।



इस साल होने वाले कैडर रिव्य में 15 फीसदी पद बढ़ाने की तैयारी है, जिसमें एडीजी के ही 16 नए पद शामिल हैं। मंत्रालय के दो विभाग तथा पीएचक्यू के बीच पदों की खींचतान की लंबी कवायद के बाद राज्य शासन कैडर रिव्यू में 43 पद बढ़ाने पर सहमत हो गया है। इनमें डीजी के जो दो पद समाप्त किए गए हैं, उन्हें कैडर रिव्यू में बढ़ाना शामिल किया है। पीएचक्यू ने प्रस्ताव गृह विभाग को भेज दिया है। जल्द ही इसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने रखा जाएगा। दिसंबर में प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाना है, ताकि इसी साल कैडर रिव्यू का नोटिफिकेशन हो सके। इस समय पुलिस महकमे में 42 एडीजी हैं। इसमें 16 पद कैडर के और इतने हा एक्स कैडर के पद हैं। बाकी पदों पर उन्होंने आईजी के पद को समायोजित करके एडीजी बना दिए हैं। जनवरी 2020 में तो यह संख्या 50 सेअधिक थी, डीजी के पदों पर पदोन्नति से यह संख्या कम हो गई। फिर भी यह स्वीकत पदों से ज्यादा है। एडीजी के नए पदों के साथ इस बार आईपीएस कैडर में आईपीएस के 43 बढ़ाने की तैयारी है। वर्ष 2015 में जब कैडर रिव्य हआ था. तब 158 से बढ़कर संख्या 166 हो गई थी। तब पांच प्रतिशत के आसपास पद बढ़ाए गए थे। सरकार के सामने सबसे बड़ी मजवरी यह है कि 25 साल की सेवा परी होने पर एडीजी पद पर प्रमोशन का प्रावधान है। डीजी के लिए भी सेवा । 30 साल तय है। कई अधिकारियों की सेवाएं इन मापदंडों तक पहुंच गई है। इसलिए एडीजी क पद बढ़ाकर सभी को प्रमोशन दिया जा सके। आईपीएस कैडर की स्वीकृत संख्या 213 है। इसमें कैडर पोस्ट 166, सेंट्रल डेपुटेशन में 66,स्टेट डेपुटेशन में 41 पद हैं। ट्रेनिंग के लिए रिजर्व पांच पोस्ट हैं। जूनियर पोस्ट रिजर्व कैटेगरी में 27 हैं। इसी तरह 92 वो पद शामिल है, जो एसपीएस के प्रमोशन से भरे जाना है। संख्या अभी 305 है। नए प्रस्ताव में यह संख्या बढ़कर 348 के आसपास हो जाएगी।


दो साल पिछड़ा कैडर रिव्यू


दो साल पिछड़ा कैडर रिव्यू पिछली बार 2013 में आईपीएस कैडर रिव्यू टोना था, लेकिन 2015 में हो पाया। अR 2013 में कैडर रिव्यू किया जाता तो नियमानुसार पांच साल में होने वाले कैडर रिव्यू के तहत 2018 में कैडर रिव्यू होता। दो साल पिछड़े से कैडर रिव्यू इस साल जनवरी में प्रस्तावित या, लेकिन पीएचक्यू का यह प्रस्ताव कई माह से मंत्रालय में अटका है। मंत्रालय के दो विभाग इतने पदो पर सहमत नहीं हैं। पदों की स्थिति स्पष्ट होने के बाद यह प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जाएगा। लोकायुक्त और ईओय के भोपाल, इंदौर, जबलपर स्वालियर. उज्जैन, रीवा व सार में राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी (एएसपी) एसपी के पदों पर पदस्थ है। वहीं, ईओडब्ल्यू में तीन आईजी के पद हैं। आईपीएस अधिकारी लोकायुक्त पुलिस के भोपाल. इंदौर जबलपर और स्वालियर के कार्यालयों में आईपीएस को एसपी के पद पर पदत्या करना चाहते थे, लेकिन लोकायुक्त संगठन ने इससे इंकार कर दिया वा। इसी तरह ईओडब्ल्यू में एसपी के पदों पर आईपीएस की पोस्टिंग के पक्ष में है। पहले आईपीएस अधिकारी अपने मौजूदा कैडर में 65 पदों की संख्या बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन अब घटकर 43 पर सहमति बनी है।