अलग-अलग रूपों में पूजे जाते हैं 11 मुखी हनुमान, करते हैं हर समस्या का समाधान

करोड़ों सूर्य के तेज और शक्तिशाली रूप में पूजे जाते हैं वानर रूपी पूर्वमुखी हुनमान


हनुमान जी कि शक्तियां जब 11 मुखी हनुमान जी के साथ जुड़ती हैं तो ये चमत्कारिक रूप से और बढ़ जाती हैं। भक्त हनुमान जी से एक साथ कई आर्शीवाद पाने की चाह में 11 मुखी हनुमान जी की आराधाना करते हैं। क्योंकि बजरंगबली का हर एक मुख अपनी अलग शक्तियों और व्यक्तित्व के लिए जाना जाता है, इसलिए भगवान की पूजा से अलग-अलग फल की प्राप्ति भी होती है। भगवान की पूजा करने से एक साथ कई मनोकामनाओं की पूर्ति हो जाती है। हालाकि 11 मुखी हनुमान जी की मूर्ति या मोदर हर जगह आसानी से नहीं मिलती जबकि एक मुखी हनुमान जी हर जगह मौजूद हैं। एक मुखी के बाद पंचमुखी हनुमान जी के मंदिर होते हैं। लेकिन ये मदिर भी कम ही मिलते हैं। ऐसे में यह समझा जा सकता है कि 11 मुखी हनुमान जी की पूजा कितनी विशेष होती होगी।



11 मुखी बजरंगबली की पूजा करने के फायदे 


1. पूर्वमुखी हनमान जी- पूर्व की तरफ मुख वाले बजरंबली को वानर रूप में पूजा जाता है। इस रूप में भगवान को बेहद शक्तिशाली और करोड़ों सूर्य के तेज के समान बताया गया है। शत्रुओं के नाश के बजरंगबली जाने जाते हैं। दुश्मन अगर आप हावी हो रहे तो पूर्वमूखी हनुमान की पूजा कर दें।


2. पश्चिममुखी हनुमान जी- पश्चिम की तरफ मुख वाले हनुमानजी को गरूड़ का रूप माना जाता है। इसी रूप संकटमोचन का स्वरूप माना गया है। मान्यता है कि भगवान विष्णु का वाहन गरुड अमर है उसी के समान बजरंगबली भी अमर हैं। यही कारण है कि कलयुग के जाग्रत देवताओं में बजरंगबली माना जाता है।


3.उत्तरामुखी हनुमान जी- उत्तर दिशा की तरफ मुख वाले हनुमान जी की पूजा शकर के रूप में होती है। एक बात और वह यह कि उत्तर दिशा यानी ईशान कोण यह कि उत्तर दिशा यानी ईशान कोण देवताओं की दिशा होती है। यानी शुभ और मंगलकारी। इस दिशा में स्थापित बजरंगबली की पूजा से इंसान की आर्थिक स्थिति बेहतर होती है। इस ओर मुख किए भगवान की पुजा आपको धन-दौलत, ऐश्वर्य, प्रतिष्ठा, लंबी आयु के साथ ही रोग मुक्त बनाती है।


4. दक्षिणामुखी हनुमान जी- दक्षिण मुखी हनुमान जी को भगवान नृसिंह का रूप माना जाता है। दक्षिण दिशा यमराज की होती और इस दिशा में हनुमान जी की पूजा से इंसान के डर, चिंता और दिकतों से मुक्ति मिलती है। दक्षिणमुखी हनुमान जी बुरी शक्तियों से बचाते हैं।


5.ऊर्धवमुख- इस ओर मुख किए हनुमान जी को ऊर्धवमुख रूप यानी घोडे का माना गया है। इस स्वरूप की पूजाकरने वालों को दुश्मनों और संकटों से मुक्ति मिलती है। इस स्वरूप को भगवान ने ब्रह्माजी के कहने पर धारण कर हयग्रीवदैत्य संहार किया था।


6. पंचमुखी हनुमान- पंचमुखी हनुमान के पांच रूपों की पूजा की जाती है। इसमें हर मुख अलग-अलग शक्तियों का परिचायक । रावण ने जब छल से राम लक्ष्मण बंधक स्वरूप बना लिया था तो हनुमान जी ने पंचमुखी हनुमान का रूप धारण कर अहिरावण से उन्हें मुक्त कराया था। पांच दीये एक साथ बुझाने निभाने ही श्रीराम-लक्षमण मुक्त हो सकते थे इसलिए भगवान ने पंचमुखी रूप धारण किया था। उत्तर दिशा में वराह मुख, दक्षिण दिशा में नरसिंह मुख, पश्चिम में गरुड़ मुख, आकाश की तरफ हयग्रीव मुख एवं पूर्व दिशा में हनुमान मुख में वह विराजे हैं।


7. एकादशी हनुमान- ये रूप भगवान शिव का स्वरूप भी माना जाता है। एकादशी रूप रुद्र यानी शिव का 11वां अवतार है। ग्यारह मुख वाले कालकारमुख के राक्षस का वध करने के लिए भगवान ने एकादश मुख का रुप धारण किया था। चैत्र पूर्णिमा यानी हनमान जयंती के दिन उस राक्षस का वध किया था। यही कारण है कि भक्तों को एकादशी और पंचमुखी हनुमान जी पूजा सारे ही भगवानों की उपासना समान माना जाता है।


8. वीर हनुमान- हनुमान जी के इस स्वरूप की पूजा भक्त साहस और आत्मविश्वास पाने के लिए करते हैं। इस रूप के जरिये भगवान के बल, साहस, पराक्रम को जाना जाता है। अर्थात तो भगवान श्रीराम के काज को संवार सकता है वह अपने भक्तों के काज और कष्ट क्षण में दूर कर देते हैं।


9. भक्त हनुमान- भगवान का यह स्वरूप में श्रीरामभक्त का । इनकी पूजा करने से आपको मिलता है। बजरंगबली की पूजा अड़चनों को दूर करने वाली होती है। इस पूजा से भक्तों में एग्राता और भक्ति की भावना जागृत होती है।


10. दास हनुमान- बजरंबली का यह स्वरूप श्रीराम के प्रति उनकी अनन्य भक्ति को दिखाता है। इस स्वरूप की पूजाकरने वाले भक्तों को धर्म कार्य और रिश्ते-नाते निभाने में निपुणता हासिल होती है। सेवा और समर्णण का भाव भक्त इस स्वरूप के जरिये ही पाते हैं।


11. सूर्यमुखी हनुमान- यह स्वरूप भगवान सूर्य का माना गया है। सूर्य देव बजरंगबली के गुरु माने गए हैं। इस स्वरूप की पूजा से ज्ञान, प्रतिष्ठा, प्रसिद्धि और उन्नति का रास्ता खोलता है। क्योंकि श्रीहनुमान के गुरु सूर्य देव अपनी इन्हीं शक्तियों के लिए जाने जाते हैं।


    अगर आपकी बहुत सी मनोकामनाएं हैं जिन्हें आप एक साथ भगवान हनुमान से पूरी कराने की चाह रखते हैं तो 11 मुखी हनुमान जी की पूजा करना आपके लिए फलदायी होगा। यह पूजा हमेशा मदिर में ही करनी चाहिए।