वर्ष में एक बार लगने वाली प्रचीन अदालत आज सुनाएगी फैसला

पाड़ल्या में ग्वालियर रियासत काल से चली आ रही परंपरा


नागदा। प्राचीन काल से चली आ रही  मुंशी प्रेमचंद्र की कहानी की पंच परमेश्वर की तर्ज पर ही शहर के एक क्षेत्र पाड़ल्या में पटेल समाज की अदालत लगाकर फैसला करती है। यह अनूठी अदालत (पंचायत) वर्ष में महज एक बार होली के दिन लगती है। इसमें पाड़ल्या गांव के विभिन्न मुद्दों पर फैसला होता है। जिसमें लड़ाई, झगड़ा, गांव ढोल बजाने वाले के मानदेय बढ़ाने आदि मुद्दों पर सुनवाई होती है। इस बार यह पंचायत मंगलवार को धुलेटी पर्व के दिन लगेगी। यह अदालत शहर के वार्ड क्रं 21 में  गांव पाडल्या के प्राचीन राम जानकी मंदिर परिसर में सुबह 9 बजे से प्रारंभ होगी। जिसमें पाड़ल्या गांव के अलावा आसपास के लगभग एक दर्जन गांव के लोग शामिल होगे। यहां पर गांव के वसूली पटेल पप्पू आंजना पटेल बाहुल्य गांव के लोगों की मौजदूगी में प्रकरण सुनकर उनका निराकरण करेगे। 



हजारों लोग शामिल होगे
अदालत में मंदिर के पुजारी का पारिश्रमिक व समाज में मांगलिक कार्यमें ढोल बजाने वाले का मेहताना भी तय होता है।गांव में चूल व्यवस्था, तेजाजी मेला आदि मुद्दों पर भी निर्णय लिया जाता है। अदालत की शुरुआत ढोल की आवाज गांववासियों को एकत्रित करने का संकेत देती है। लोग यहां से गेर निकालकर गांव के गमी वाले घरों में जाते है। बाद में श्री राम मंदिर परिसर में अदालत पटेल के समक्ष मुद्दे एवं विवाद पहुंचते है।गांव के पटेल पप्पू आंजना मुद्दों पर निर्णय लेते है। गांव के लोगों से रायशुमारी भी की जाती है। किसी समय गांव के वसूली पटेल गोपी आंजना निर्णय किया करते थे। अब उनके भतीजे यह कार्य देख रहे है। पंचायत में लगभग 700 से 1000 के मध्य लोग शामिल होगे।
रियासत काल से प्रथा
पाड़ल्या गांव शहर के एक छोर में स्थित है। यह गांव ग्वालियर रियासत का था।उस समय कृषि भूमि के राजस्व की वसूली गांव के पटेल करते थे।वसूली पटेल की पदवी न्यायाधीश के समान मानी जाती थी।उसी परंपरा में गांव में होली पर एक पंचायत बैठने की परंपरा अभी भी चली आ रही है।हालांकि उस जमाने के वसूली पटेल अब नहीं है, लेकिन उनके परिजनों का गांव के लोग आज भी मान सम्मान करते है।
इनका कहना
'गांव पाड़ल्या के रामजानकी मंदिर पर मंगलवार को पंचायत होगी। जिसमें समाज के छोटे-मोटे विवाद का निराकरण किया जाएगा। यह पंचायत प्राचीन समय से चलती आ रही है। पंचायत में 700 से 1000 लोगों शामिल होते है।'


 
पप्पू आंजना
पटेल, गांव पाड़ल्या