सड़क नापते श्रमवीरो की सुध लो सरकार…!


वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर सरकार शायद जमीनी हकीकत से दूर नजर आ रही है या यूं कह ले कि मीडिया की उन रिपोर्ट से भी अनजान हैं जिसमें यह खबर दिखाई जा रही है कि लोग 80-80 घण्टे पैदल चलकर मुंबई से रतलाम, भोपाल से झाबुआ, दिल्ली से डूंगरपुर तक अपने घर पहुँचने का जतन कर रहे हैं। रोजी रोटी की तलाश में महानगर की और गए मजदूर फिर अपने गांव लौट रहे हैं छोटे छोटे बच्चे लेकर कोई पैदल तो कोई साइकल से भूखे प्यासे सफर तय कर रहे हैं पर कोरोना से भयभीत सरकार के सूरमाओं की दृष्टि इन बेसहारा हुए मजदूरों पर नही पड़ रही है। लॉकडाउन होने के बावजूद देश के हाइवे पर हजारो मजदूर बेबसी के साथ पैदल चलकर अपने घर की और लौटने की जल्दी में है और इसी जल्दबाज़ी में इन पर खतरा मंडराने लगा है। तीन माह का राशन,बैंक किस्तों में छूट की घोषणा के बाद राहत ले रही सरकार को चाहिए कि वे इन पैदल चलकर घरों में पहुँचने की कोशिश कर रहे मजदूरों को परिवहन व्यवस्था उपलब्ध कराए।


 


जगदीश जोशी ‘प्रचण्ड’