इधर भी तो देखना होगा प्रधानमंत्री जी....!



  • जगदीश जोशी 'प्रचंड'



वैश्विक महामारी बन चुकी कोरोना को लेकर पूरा देश अलर्ट है कही लॉक डाउन तो कही कर्फ्यू लगाकर कोरोना से निपटने की तैयारी की गई है।



अब जब 21 दिन के लॉक डाउन की घोषणा हुई है उन लोगो के माथे पर चिंता की लकीर खींच गई है जिन्होंने बैंक से कर्जा,क्रेडिट कार्ड लिए है या किसी प्राइवेट बैंक से कर्जा लिया है हालांकि कोरोना की मार ने देश की आर्थिक स्थिति में भी गिरावट ला दी है जिसको देखते हुए वित्त मंत्री ने बैंक व टैक्स के कुछ मामलों में राहत जरूर दी है लेकिन कोरोना के चलते  लोनधारकों के सामने विकट परिस्थिति उत्पन्न हो रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आव्हान के बाद कोरोना से लड़ने के लिए तैयार हुए नागरिको में से अधिकांश इस समय बैंकों की रिकवरी को लेकर परेशान हैं। पूरा देश भले ही लाकडाउन पर हो पर  लोन एवं क्रेडिट कार्डधारकों को बैंक से लगातार क़िस्त जमा करने का तकाज़ा किया जा रहा है। खबर भड़ास से बात करते हुए कई लोन धारकों ने कहा कि व्यापार व्यवसाय बन्द है 21 दिन तक कोरोना से घर मे रहकर लड़ना है ऐसे में 31मार्च और 10 अप्रैल तक रेगुलर भरी जा रही क़िस्त को भरने की समस्या खड़ी हो गई है और इन्हीं किस्तो को भरने के लिए बैंक से लगातार फोन आ रहे हैं।
कार्डधारकों ने प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री से आग्रह किया है कि जिस तरह जीएसटी में एक माह छूट देते हुए आगे बढ़ाया गया है उसी तरह लोन धारकों को भी एक माह की मोहलत देते हुए राहत दी जाए।


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