गलियां, चौराहे और सड़कों पर पसरा रहा सन्नाटा

जनता ने अपने लिए लगाए गए कर्फ्यू का किया पालन
सुबह से रात तक शहर में छाया रहा सन्नाटा






शाजापुर। लोगों को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने में जिला प्रशासन का अमला और लोगों की अपील काम कर गई। न दुकाने खुली, न लोग घरों से निकले और न ही किसी ने इस कर्फ्यू का उल्लंघन किया। हालांकि पुलिस कर्मी अपनी ड्यूटी निभा रहे थे जिन्हें लोगों को समझाने की भी मशक्कत नहीं करना पड़ी और पूरा शहर देर रात तक बंद रहा। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने भी इस दिन अपनी मॉकड्रिल कर अपनी तैयारियों को परखा।



सुनसान सड़क, न बंदा न बंदे की जात...एक फिल्म का यह डॉयलॉग रविवार को शहर में चरितार्थ होता दिखाई दिया। अलसुबह से ही पूरा शहर सन्नाटे में रहा। शहर की सभी दुकानें बंद थी। केवल मेडिकल व्यवसायियों के ही प्रतिष्ठान खुले नजर आए और शहरवासियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना को हराने के लिए किया गया जनता कर्फ्यू शहर में पूरी तरह सफल रहा। हालांकि कुछेक दुकानदारों ने जानकारी के अभाव में जरूर अपने  प्रतिष्ठान खोल लिए थे, जिन्हें पुलिसकर्मियों ने निवेदन कर बंद करवाया। इसके बाद शहर में पूरे दिन जनता कर्फ्यू का असर नजर आया। हाईवे पर भी दिनभर वाहनों की आवाजाही होती है, लेकिन पूरे दिन एक भी ट्रक या वाहन हाईवे पर भी दिखाई नहीं दिया। शहर के सोमवारियसा बाजार, टंकी चौराहा, धोबी चौराहा, अस्पताल चौराहा, महूपुरा सहित सभी प्रमुख बाजार पूरी तरह बंद रहे और एक भी शख्स बाजार में नजर नहीं आया। कुछ दीहाड़ी मजदूर जरूर शहर में पुलिस को  नजर आए जिन्हें पुलिसकर्मियों ने समझाईश देकर वापस भेज दिया।



ड्यूटी पर रहे स्वास्थ्यकर्मियों ने भी किया भ्रमण
स्वास्थ्य विभाग का अमला पूरे दिन शहर में सक्रिय रहा। अस्पताल में जिन लोगों को तैनात किया गया था उन्होंने अस्पताल में और जिन लोगों को बाहर की जिम्मेदारी सौपी गई थी वे लोग पूरी किट में शहर में चक्कर लगाते रहे और जो लोग बाहर घूमते दिखाई दिए उन्हें घर भेज दिया गया। इसके अलावा ट्रामा सेंटर में भी कर्मचारी तैनात रहकर मरीजों के लिए दिनभर ड्यूटी पर रहे। तो आईसोलेशन वार्ड में भी कर्मचारियों ने अपना दायित्व निभाया ताकि यह बीमारी किसी को अपनी चपेट में न ले ले। तो यातायात कर्मी भी दिनभर धूप में मॉस्क लगाए बाहर निकलने वाले लोगों को बीमारी के बारे मेंं बताते हुए घर पर ही रहने की समझाईश देते नजर आए।



पुलिसकर्मियों ने भी निभाया दायित्व
स्वास्थ्य विभाग और यातायात कर्मचारियों के अलावा पुलिस का अमला भी शहर में दिनभर तैनात रहा। शहर के बस स्टैंड, नई सड़क, चौक बाजार और ट्राफिक प्वाइट पर पुलिस कर्मी तैनात रहे जो लोगों को इस बीमारी से बचाने में सहायक साबित हुए। इन लोगों ने खुद की सुरक्षा को छोड़ लोगों की सुरक्षा को तरजीह दी और जो लोग बाहर धूमते दिखाई दिए उन्हें किसी को सख्ती से तो किसी को समझाईश देकर अपने-अपने घर पहुंचाया। हालांकि ऐसे लोगों की संख्या एक या दो थी इससे ज्यादा किसी भी क्षेत्र में लोग घूमते दिखाई नहीं दिए।
10 मीनिट में आईसोलेशन पहुंचा कोरोना का मरीज
यदि कोई कोरोना से पीड़ित व्यक्ति शहर में आ जाता है तो उसे कैसे जल्दी से जल्दी उपचार मुहैया कराया जा सकता है और कैसे उसे भीड़ से हटाकर लाया जा सकता है। इसके लिए स्वास्यि विभाग द्वारा मॉकड्रिल की गई। जिसमें एक युवक को मरीज का रोल दिया गया था। जिसे भीड़ से तुरंत हटाने और अस्पताल तक पहुंचाने के लिए 15 मीनिट का समय तय किया गया था, लेकिन स्वास्थ्य विभाग का अमला उसे लेकर महज 10 मीनिट में आईसोलेशन वार्ड पहुंच गया। इस मॉकड्रिल में सीएमएचओ डॉ. प्रकाश फुलंबिकर, सिविल सर्जन डॉ. शुभम गुप्ता, डॉ. एसडी जायसवाल, डॉ. ललित तिवारी, डॉ. आलोक सक्सेना ने मरीज का उपचार किया। इसके बाद प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया, जिसमें सीएमएचओ डॉ. फुलंबिकर ने अपनी तैयारियों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि अभी तक 16 विदेश से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग की गई है, जिसमें से एक भी पॉजिटिव्ह मरीज नहीं मिला है। वहीं आईसोलेशन में अब 2 नहीं 10 पलंग की व्यवस्था की गई है। एक वार्ड में 6 और एक मेंं 4 मरीजों को रखा जा सकता हे। वहीं ऐसे लोग जो अपने घर नहीं जा सकते और शहर में भी उनका कोई नहीं है उनके लिए वृद्धाश्रम में व्यवस्था की गई है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि भले ही ये लोग विदेश यात्रा से आए हों और उनमें लक्षण न हो लेकिन उन्हें 14 दिनों तक घरों के अंदर रहना है क्योंकि इस वायरस के एक्टिव होने की समय सीमा 14 दिनों की है। यदि ऐसे मरीज 14 दिनों तक किसी   के संपर्क में नहीं आते हैं तो वायरस का असर अपने आप खत्म हो जाएगा।
6 संदिग्धों को पहुंचाया अस्पताल
शहर में जनता कफर््यू के दोरान यूं तो शहरवासी अपने घरों में ही रहे, लेकिन कुछ लोंग जरूर बाहर से आए। इनमें 2 लोग दिल्ली से, 2 लोग गुजरात से और दो लोग भीलवाड़ा से आए हुए थे। इन लोगों को जब शहरवासियों ने देखा और पूछा कि आप लोग यहां क्यों घूम रहे हैं तो इन लोगों ने अपना परिचय दिया। इस पर नगरवासियों ने स्वासथ्य विभाग को इसकी सूचना दी और आईसोलेशन वार्ड पहुंचाया जहां इनकी जांच की गई। समाचार लिखे जाने तक इन लोगों की रिपोर्ट नहीं आई थी।