अफसर अगर भ्रष्ट हो तो... सरकार में बैठे दलालों से संपर्क सतत रखो... और जब चाहो तब ले लो मलाईदार पद

मंत्री-विधायकों पर शराब ठेकेदारों से वसूली का आरोप लगाने वाला दागी अधिकारी आज बन गया भोपाल का सहायक आबकारी आयुक्त



इंदौर। वन मंत्री अंग सिधार, विधायक राजवर्धन सिंह और आदिवासी विद्यायकरालाल अलावा पर शराब माफिया को संरक्षण और ठेकेदारों से वसूली का आरोप लगाकर सरकार और जनप्रतिनिधियों की छवि धूमिल करने वले आबकारी अधिकारी संजीवदुखेको इंदौर के बाद अब भोपाल में पदस्थ कर दिया गया है।दुबे वर्तमान में इंदौर के संभागीय उड़नदस्ता प्रभारी थे, उन्हें अब सहायक आबकारी आयुक्त बनाकर भोपाल पदस्थ किया जा गया है। विदित हो किधार आबकारी अधिकारी की पदस्थापना के दौरान दुबे ने वन मंत्री उमंग सिधार, विधायक राजवर्धन दत्तीगांव तथा रा लाल अलावा पर शराब ठेकेदारों से वसली करने के आरोप लगाए । इस संबंध में अनियो वायरल होने के बाद मंत्री और विधायकों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से शिकायत की थी। इER आज मध्यप्रदेश शासन के वाणिज्यिक कर विभाग ने आज एक आदेश जारी कर आबकारी विभाग में तीन अधिकारियों के प फेनसदल के आदेश जारी कर दिए हैं।


सीएम की नाराजगी के बावजूद कार्यवाही नहीं


मंत्री और विधायकों की शिकायत पर मुख्यमंत्री कमल नाय ने दुबे के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिए थे। वायरल ऑडियो में दुबे ने प्रदेश के वन मंत्री उमंग सिंधार पर शराब माफिया से लाखों रुपये लेन-देन का आरोप लगाया था। मंत्री तथा विधायकों की कड़ी आपत्ति के बाद उन्हेंधार से तो हटा दिया गया लेकिन वरिष्ठ आबकारी अधिकारियों ने उन्हें कमाई के लिबाज से और ज्यादा मुफीद पद पर बिठा दिया था। मुख्यमंत्री की नाराजगी की परवाह किए बिना दुखे को अब सरकार की नाक के नीचे भोपाल में पदस्थ कर दिया गया है।


अकेला इंदौर ही क्यारह बदनाम


धौर के शराब सिटीकेट से तालमेल के लिए विनोद रघुवंशी और संजीव दुखे की जोड़ी प्रदेश में जय-वीरू के नाम से बदनाम है। आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी जव-वीरू की जोड़ी के चलते सरकार की धूमिलबेरी छविकी परवाह न करते हुए दुखेको भोपाल में पदस्थ किया गया है। इसके पीछे विभागीय अधिकारियों की सोचअलकती है कि शराब तस्करी और शराब सिंडीकेटको संरक्षण देने के मामले में अकेला इंदौर ही क्यों बदनाम रहे। संभवतः सरकार की ईमानदार छविको बट्टा लगाने के लिए ही दुबे को भोपाल में पदस्थ किया गया है। विदित है कि भोपाल के सहायक आबकारी आयुक्त अभिषेक तिवारी को छह महीने पहले ही जुलाई 2019 में झाबुआ से स्थानांतरित कर भोपाल पदस्थ किया गया। 6 महीने बाद ही उनके स्थान पर दुबे की पदस्थापना आबकारी महकमे में चर्चा का विषय बनी हुई है।



''मेरे पास अगर अधिकार होता तो मैं संजीव दुबे जैसे भ्रष्ट अधिकारियों को तत्काल सस्पेंड कर देता और ऐसी विभागीय जांच बैठाता कि आगेकोई अधिकारी भ्रष्टाचार करने से तौबा कर लेता। इस पर तोजिम्मेदारों को जवाब देना चाहिए। मैंने यह पूरा मामला विधानसभा में भी उठाया था और मुख्यमंत्री जी से लेकर पीएस तक अपनी बात रख चुका हूं। मुख्यमंत्री जी की स्वच्छ छवि और कांग्रेस सरकार की लोकप्रिय योजनाओं पर ऐसे भ्रष्ट अधिकारी धब्बा लगा रहे हैं।''


- राजवर्धन सिंह दत्तीगांव विधायक,बदनावर


यह ऑडियो हुआ था चर्चित


मत दिनों ऑडियो सोशल मीडिया पर जारी हुआ था जो कशित स्पसे आंनद राय और उक्त आबकारी अधिकारी दुखेका होना बताया जखथा। इस ऑडियो में मध्य प्रदेश के मंत्री, विधायको द्वारा शराब ठेकेदारों से लाखों रुपए लिए जाने की बातचीत लेने की बात सामने आई थी।


मंत्री और विधायकों ने दी थी धमकी


आबकारी अफसर संजीव दुबे को हटाने को लेकर वन मंत्री उमंग सिंधार, विधायक राजवर्धन सिंह दत्तीगांव और कीरालाल अलावा ने भोपाल आकर मुख्यमंत्री कमलनाथ के पास पहुंचकर लाभा धमकी देवीथी कि यदिखेको नहीं हटाया गया तो वे कुछ निर्णय ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि कथित ऑडियो में जो सहायक आबकारी आयुक्त संजीव दुबे शराब ठेकेदारों से 20 वा15 लाख रुपए लेनदेन की बात कह रखा है, उसे संरक्षण मिला हुआ है। बारबार कहने के बाद भी नहीं हटाया गया, जबकि पूर्व में 42 करोड़ रुपए की एक गड़बड़ी के एक आरोप में आबकारी अफसर दुबे विवादित है।