ऋण माफिया को लेकर इंदौर में ईओडब्ल्यू के छापे, मिले करोड़ो के बैंक लोन धोखाधड़ी के दस्तावेज

 


इंदौर। सोमवार को ऋण माफिया को लेकर इंदौर में ईओडब्ल्यू द्वारा एक साथ चार जगह छापे की खबर है। करोड़ो के बैंक लोन धोखाधड़ी के दस्तावेज मिले हैं।


ऋण मामलों में गड़बड़ी को लेकर ईओडब्ल्यू द्वारा संजय द्विवेदी नामक व्यक्ति के इंदौर शहर मे विभिन्न ठिकानो पर छापे डाले गए। यहां से करोडो रुपये मूल्य के ऋण दस्तावेज मिले है जिनकी छानबीन के बाद धोखाधडी के बडे मामले के खुलासे की उम्मीद है।


विभिन्न बैंक से फर्जी दस्तावेजो के आधार लगभग 100 करोड के ऋण लेने का मामला बताया जा रहा है। चार अलग अलग स्थानो पर चल रही पर चार उप पुलिस अधीक्षको के नेतृत्व मे यह कार्रवाई चल रही है।


छापे में 30 फर्जी फर्म की बात सामने आई
ईओडब्ल्यू द्वारा जारी अधिकृत जानकारी के अनुसार महानिदेशक ई . ओ . डब्ल्यू . भोपाल के निर्देशानुसार ऋण माफिया संजय पिता शेषमणी द्विवेदी के विभिन्न ठिकानों पर कार्रवाई चल रही है। ऋण माफिया संजय द्विवेदी द्वारा अपने रिश्तेदारों एवं सहयोगियों के माध्यम से करीब 30 फर्जी कंपनी रजिस्टर्ड करवाई हैं तथा किसानों एवं अन्य व्यक्तियों को धोखाधडी पूर्वक यह आश्वस्त करके कि उन्हें उनकी कंपनी में डॉयरेक्टर बनायेंगे तथा कंपनी के मुनाफे में उनकी बराबर की हिस्सेदारी होगी , इस हेतु उन व्यक्तियों से उनकी बहुमूल्य अचल संपत्ति को कंपनी के माध्यम से आर . बी . एल . बैंक , आई . सी . आई . सी . आई . बैंक , बैंक ऑफ इण्डिया , पंजाब नेशनल बैंक आदि के माध्यम से बंधक रखकर करोडों रूपये का ऋण कंपनी के नाम से प्राप्त किया जाकर उसे बाद में कंपनी के खाते से स्वंय के खाते में ट्रांसफर करा दिया जाता हैं ।


सौ से अधिक से धोखाधड़ी


इस प्रकार लगभग 100 से भी अधिक लोगो के साथ धोखाधडी कर करोडों रूपये मूल्य की अचल संपत्तियों को बैंक में बंधक रखकर उक्त संपत्तियों के एवज में करोडों रूपये के ऋण राशि प्राप्त कर ली हैं । इसके अतिरिक्त संजय द्विवेदी के द्वारा लोगो को शेयर बाजार के माध्यम से ठगने हेतु डी . एस . केपिटल वेंचर प्रा०लि० एडवाईजरी कंपनी बनाई हैं , जिसके लिये सेबी से अनुमति प्राप्त नहीं की गई हैं ।


दो गुनी रकम का लालच


इस कंपनी में लोगो से शेयर के माध्यम से राशि दो गुनी करने हेतु फोन कर निवेश करवाया जाता हैं किन्तु लोगो के द्वारा इस कंपनी के माध्यम से निवेशित राशि को घाटे में दर्शाकर उन्हे आर्थिक क्षति पहुँचाई गई हैं । इस कंपनी का कार्य स्वंय संजय द्विवेदी एवं उसका साला पीयुष शर्मा देखता हैं । जहाँ यह आफिस पंजीकृत कराया गया हैं वहॉ एडवाईजरी कंपनी संचालित न की जाकर , नेहरू मार्केट , इंदौर में बिना नाम पते के कार्यालय पर लोगो के साथ धोखाधडी की जा रही हैं ।


आम जनता अपनी निवेशित राशि के लिये इधर – उधर भटक रहे हैं । इस ऋण माफिया की कंपनी मेसर्स समर्थ इन्फ्रा . , मेसर्स गायत्री इन्फा प्रोजेक्ट , मेसर्स एम . डी . इन्फा माईनिंग प्रोजेक्ट , मेसर्स अगस्तया कंस्ट्रक्शन कंपनी , अमितेय ट्रेडिंग कंपनी . समर्थ इन्फा बिल्ड प्रा०लि० , जलाधीजा कंस्ट्रक्शन इंड . प्रा . लि . एवं अन्य लगभग 30 कंपनी इस कार्य हेतु रजिस्टर्ड करवाई गई हैं ।


उपरोक्त कंपनियों में ऋण माफिया संजय द्विवेदी के अतिरिक्त उसकी पत्नि नेहा द्विवेदी , भाई अमित द्विवेदी , विजय द्विवेदी , राकेश सिंह तिवारी , पियुश शर्मा , राहुल शर्मा आदि रिश्तेदार भी डॉयरेक्टर बनाये गये हैं तथा उपरोक्त सभी व्यक्ति एक संगठित गिरोह के रूप में कार्य करते हुये अनेक व्यक्तियों के साथ धोखाधड़ी कर करोडों रूपये की हानि पहूँचाई हैं ।


उपरोक्त कंपनियों के संबंध में संबंधित चाटर्ड अकाउंटेंट , अकाउंटेंट , कंपनी सेकेट्री आदि के माध्यम से भी कुटरचित दस्तावेज बनाये जाने की सूचना हैं । इस संबंध में उपरोक्त सभी व्यक्तियों से विस्तृत पूछताछ की जावेगी । ऋण माफिया संजय द्विवेदी के विरूद्ध धोखाधडी से संबंधित कई प्रकरण पूर्व में भी दर्ज हो चुके हैं । एक प्रकरण में जमानत पर हैं तथा दूसरे प्रकरण में फरार हैं ।


संजय द्विवेदी के विभिन्न ठिकानों से प्राप्त महत्वपूर्ण दस्तावेजों का परीक्षण विशेष टीम द्वारा किया जा रहा हैं । कार्यवाही के दौरान प्राप्त दस्तावेज से ज्ञात हुआ कि करीब 08 कंपनी जो कि मुम्बई में रजिस्टर्ड हैं , जिनका कार्यालय अंधेरी , मुम्बई में संचालित किया जा रहा हैं । वहाँ पर भी इनके द्वारा लोगो को प्रलोभित कर धोखाधडी की गई हैं । विशेष टीम को मुम्बई भेजकर जाँच कराई जावेगी।