खजराना में होता प्रदर्शन तो नहीं आती ऐसी नौबत

 


शंतिपूर्ण धरना कर रहे लोगों पर लाठी चार्ज करने से एएसपी को हटाया टीआई लाइन अटैच ,एनआरसी मध्यप्रदेश में लागू नहीं होगा
इकरार चौधरी
इंदौर। नागरिकता संशोधन बिल का शांतिपूर्ण तरीके से बड़वाली चौकी जामा मस्जिद पर पिछले तीन दिनों से प्रदर्शन चल रहा था कि परसों रात ३ बजे अचानक प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज हुआ। पुलिस का कहना था कि प्रदर्शनकारियों ने बस फोड़ी, जिसके बाद लाठी चार्ज हुआ। हालांकि लाठी चार्ज की बात भी पहले नकारी गई थी। बाद में सोशल मीडिया पर वीडियो आने के बाद लाठी चार्ज की बात मानी गई। प्रदशर्नकारियों का कहना था कि पिछले तीन-चार दिनों से शांतिपूर्वक प्रदर्शन चल रहा था। पुलिस और अधिकारी भी हमसे आकर अच्छे से बात कर रहे थे। वे कभी स्थानीय नेता तो कभी अधिकारी के माध्यम से हमसे बात कर रहे थे और हमारा प्रदर्शन भी शांतिपूर्वक तरीके से चल रहा था कि रात को ३ बजे अचानक पुलिस ने घेराबंदी की और प्रदर्शनकारियों पर लठ बरसाए गए। जिसके वीडियो भी सोशल मीडिया पर चल रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का यह भी कहना था कि अगर हुड़दंग ही मचाना होता तो दिन में या रात को ११, १२ बजे मचा सकते थे, जब सैकड़ों की तादाद में लोग मौजूद थे। इस प्रदर्शन में यही हो रहा है कि दिन में और रात में ११-१२ बजे तक भीड़ होती है उसके बाद लोगों का हुजूम कम होता जाता है, जो सुबह ६ बजे तक १०-१५ लोग ही रहते हैं। पुलिस ने लठबाजी का वही वक्त चुना, जब कम लोग मौजूद थे। पुलिस की इस बर्बरतापूर्वक कार्यवाही के बाद पूरे शहर में बात फैली और अगले दिन हजारों लोग धरना स्थल पर पहुंचे। यही नहीं मेघा पाटकर, आनंद मोहन माथुर सरीके एक्टिवस्ट प्रदर्शनकारियों से मिलने पहुंचे और उन पर पुलिस के द्वारा की गई कार्यवाही की निंदा की और मुख्यमंत्री तक इस बात को पहुंचाने का आश्वासन दिया। इसी के साथ जो कांगे्रसी नेता प्रदर्शन में शामिल होने से बच रहे थे, वे भी पहुंचे। सबसे पहले कांगे्रसियों में से शोभा ओझा घटना स्थल पर पहुंचीं। पार्षद रुबीना इकबाल खान तो शुरू से ही इस प्रदर्शन में शामिल रहीं। मगर नेता की तरह नहीं, बल्कि एक्टिविस्ट की तरह। शोभा ओझा के बाद फौजिया शेख अलीम, अनवर दस्तक, अनवर कादरी, अंसाफ अंसारी, राजिक खान, अयाज बेग, इम्तियाज बेलिम, शहजाद खान, दीपू यादव, गोलू अग्निहोत्री, रफीक खान सभी लोग एसएसपी ऑफिस शिकायत लेकर पहुंचे। उसके बाद धरना स्थल भी गए। इन लोगों ने प्रदर्शनकारियों को ढांढस बंधाई और कहा कि जिन-जिन लोगों पर पुलिस ने एफआईआर की है, अगर उन लोगों की गिरफ्तारी हुई तो हम लोग भी गिरफ्तारियां देंगे। साथ ही यह भी कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधानसभा में सर्वसम्मिति से बिल पारित कर दिया है कि एनआरसी और सीएए मध्यप्रदेश में लागू नहीं होगा। 



  1. ''''एसएसपी रुचि वर्धन मिश्र ने कहा कि शांतिपूर्ण जामा मस्जिद के बाहर प्रदर्शन चल रहा था। दो हजार लोग इकठा हो गए थे कुछ युवकों ने उत्पात मचाया, जिन्हें सख्ती से हटाया गया, लेकिन किसी पर भी कोई केस दर्ज नहीं हुआ है।
    - रुचिवर्धन मिश्र, एसएसपी 

    खजराना में होता प्रदर्शन तो नहीं आती ऐसी नौबत
    पहले यह प्रदर्शन खजराना में होना था। अनुमति भी मिल चुकी थी, मगर थाना प्रभारी प्रीतमसिंह ठाकुर की वजह अनुमति निरस्त हुई, जिसके बाद माणिक बाग और बड़वाली चौकी पर प्रदर्शन हुआ। बड़वाली चौकी में जगह कम होने की वजह से, सकरी गलियां हैं, जिसकी वजह से भगदड़ मची। खजराना में खुला मैदान है लोगों का आपस में सामंजस्य भी है। अगर यह प्रदर्शन खजराना में होता तो यह नौबत नहीं आती