भोपाल की जीवन रेखा कहलाने वाला बड़ा तालाब इस साल लगभग सूख ही गया था, लेकिन बरसात ने कुछ जीवन दिया है और आज जैसी बारिश हो रही है, वैसी होती रही तो निश्चित ही बड़ा तालाब अधिकतम क्षमता तक भर जाएगा। वहीं दूसरी तरफ बड़े तालाब में बोट क्लब समेत एक दर्जन मैरिज गार्डन व 650 से अधिक मकानों का सीवेज जा रहा है।
नगर निगम का दावा है कि अमृत योजना में 145 करोड़ रुपए से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट व पम्प हाउस बना रहा है, इससे झील संरक्षित होगी। नगर निगम ने तालाब के संरक्षण के लिए मास्टर प्लान बनाया था, लेकिन पिछले ६ साल में सरकार और नगर निगम बड़े तालाब के लिए बनाए गए मास्टर प्लान को फंड के अभाव में भूल गया था। अब अमृत योजना में इस कार्य को शामिल कर बड़े तालाब मं सीवेज को मिलने से रोकने का दावा नगर निगम कर रहा है। बड़े तालाब के पानी में 18 संस्थानों का सीवेज मिल रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लाल इमली मस्जिद, आलमगिरी-1 मस्जिद, राम मंदिर के ऊपर का घर, राम मंदिर, शीतला माता मंदिर, बादल महल फिल्टर प्लांट एवं इमराजउल्ला मस्जिद के मध्य का मकान, मस्जिद इमराजउल्ला, मिशा अपार्टमेंट, मस्जिद आलमगिरी-2, करबला मस्जिद, मदरसा, भदभदा गेट के पास झुग्गी क्षेत्र के लगभग 250 मकानों का सीवेज, भदभदा गांव के 16 मकान, मस्जिद दिलकुशा गद्दा घाट नए भदभदा पुल के पास 3 शौचालय व सात मकान, भोज सेतु झुग्गी बस्ती क्षेत्र के 16 मकान, वन विहार गेट के मध्य बनी 15 झुग्गी बस्ती के मकान शामिल हैं। झील के कैचमेंट एरिया में इंदिरा प्रियदर्शनी कॉलेज, टीएम कान्वेंट स्कूल, खानूगांव के 50 मकान, बोरवन के 36 मकान, बेहटा गांव के 50 मकान, इंदिर नगर बस्ती की 200, भदभदा की 200, वन विहार गेट के पास की 210 और भोज सेतु के पास 100 झुग्गियां बनी हैं। गौहर महल और आसपास के मकानों की गंदगी भी बड़ी झील में ही मिल रही है। बोट क्लब और कैफेटेरिया को भी नगर निगम ने झील में प्रदूषण फैलाने वाली सूची में शामिल किया है। इसके अलावा झील किनारे के धार्मिक स्थल मंदिर और मस्जिद भी झील में प्रदूषण फैलाने के मामले में पीछे नहीं हैं। तालाब को गंदा करने वाले निर्माणों के साथ ही कैचमेंट एरिया के अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नगर निगम और जिला प्रशासन को संयुक्त रूप से करना है। नगर निगम द्वारा नगरीय प्रशासन विभाग को भेजी गई जानकारी के मुताबिक बेहटा और मुगालिया छाप में झील किनारे की करीब 9.9327 हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जा है। इधर नगर निगम और जिला प्रशासन ने बड़ी झील के डूब क्षेत्र के 50 और 200 मीटर परिधि में आने वाले मकानों और भूमि को चिंहित कर लिया है। तालाब को करीब 44 हेक्टेयर एरिया डूब क्षेत्र घोषित किया गया है। झील को प्रदूषण से बचाने के लिए प्रदूषित करने वाली संरचनाओं को शिफ्ट करने की लंबे समय से मांग उठ रही है। विधानसभा में भी सरकार मान चुकी है कि बोट क्लब सहित आसपास के धार्मिक स्थलों, सीवेज पंप हाऊस जैसे प्रमुख स्थलों से झील में प्रदूषण हो रहा है। झील किनारे करीब एक दर्जन मैरिज गार्डन बने हुए हंै। इनकी गंदगी भी झील में ही पहुंच रही है। नगर निगम द्वारा कई बार नोटिस थमाने के बावजूद इस मामले में कोई रोक नहीं लग सकी है। इसी तरह शिरीन नाले से भी कोहेफिजा क्षेत्र का सीवेज बड़े तालाब में मिल रहा है।
अंकिता कंस्ट्रक्शन कंपनी तालाबों में मिलने वाले सीवेज को रोकने वाली योजना को क्रियान्वित कर रही। योजना में उन सभी क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जिनका सीवेज तालाब में मिल रहा है। 145 करोड़ रुपए की योजना से किए जाने वाले कार्य को समय सीमा पूरा होंगे और इससे तालाब संरक्षण की मंशा पूरी हो जाएगी।
- संतोष गुप्ता, प्रभारी,
झील संरक्षण प्रकोष्ठ नगर निगम भोपाल
अमृत योजना में ये काम होना है
अमृत योजना के अंतर्गत 145 करोड़ रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, सीतेज पंप एवं सीवेज नेटवर्क के कार्यों का 23 अगस्त को भूमिपूजन किया गया है। इसमें 42 एमएलडी क्षमता के 3 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (शिरीन नाला, ५एमएलडी, प्रोफेसर कॉलोनी २ एमएलडी, महोली दामखेड़ा 35 एमएलडी) स्थापित किए जाएंगे, जबकि 6 नये सीवेज पंप हाउस खानूगांव, बेहटा, नेहरूनगर, इंद्र नगर, गरम गड्ढा, 1250 में सीवेज पंप हाउस बनाए जाएंगे और 15 सीवेज पंप हाउसों का रेनीवेशन किया जाएगा। साथ ही 70 किलोमीटर क्षेत्र में सीवेज नेटवर्क भी बिछाया जाएगा। अमृत येाजना के तहत सुल्तानिया रोड, पीरगेट, भोपाल टॉकिज चौराहा, नादरा बस स्टैण्ड, एयरपोर्ट रोड, ग्रीनवेली सोसायटी एवं दाता कॉलोनी, पुलिस लाइन एवं कोटरा, बेहटा गांव एवं इंद्रनगर क्षेत्र, गिन्नौरी क्षेत्र, श्यामाहिल्स, 110 सौ क्वाटर्स, माता मंदिर, तुलसीनगर एवं चार इमली क्षेत्र में सीवेज नेटवर्क बिछाया जाएगा। यह काम अंकिता कंस्ट्रक्शन कंपनी अहमदाबाद को सौंपा गया है।