धरना स्थल पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों को सतर्क रहने की जरूरत

इकरार चौधरी
इंदौर। सीए और एनआरसी के विरोध में पुलिस लाठी चार्ज के बाद जो दूसरी जगहों पर प्रदर्शन शुरू हुए थे, उन्हें खत्म कराकर एक ही जगह मोड़ दिया गया है। जामा मस्जिद बड़वाली चौकी का धरना स्थल अब राष्ट्रीय पहचान बना चुका है।



इस धरना स्थल को इंदौर का शाहीन बाग बताया जा रहा है। यहां पर सुबह से रात तक, रात से सुबह तक हजारों लोगों की भीड़ लगी रहती है। लोग प्रदर्शनकारियों का हौसला बढ़ाने के लिए इंदौर ही नहीं आसपास के इलाकों से भी पहुंच रहे हैं। सामाजिक संगठनों ने प्रदर्शनकारियों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की है। मेघा पाटकर शोभा ओझा के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेंद्र बघेल के पिता नंदकुमार बघेल भी इस प्रदर्शन में पहुंचे और प्रदर्शनकारियों का हौसला बढ़ाया। कहा कि यह लड़ाई आगे तक चलना चाहिए। २१ जनवरी को माकपा नेता सुहासिनी अली भी आने वाली हैं। दरअसल यह प्रदर्शन भी दूसरे प्रदर्शनों की तरह चल रहा था, मगर पुलिस की लाठीचार्ज के बाद यहां पहुंचने वालों की तादाद में दिन-ब-दिन इजाफा हो रहा है। कल तक जहां जामा मस्जिद मैदान में चार-पांच सौ लोग बुमिश्कल पहुंच रहे थे। आज उसी मैदान में पांव रखने की जगह नहीं। यहां तक कि ग्राउण्ड से बाहर बड़वाली चौकी और आसपास के इलाकों तक कतार लगी है। वाहनों को रखने की जगह नहीं और यह माहौल सुबह से शाम तक बना रहता है। आने वाले दिनों में भीड़ और बढऩे का अंदाजा है, जिससे अव्यवस्थाएं फैलने का अंदेशा है। जिसे लेकर वॉलिंटियर लगातार समझाइश देते रहते हैं। प्रदर्शनकारियों की आंड़ में शरारती तत्व भी धरना स्थल पर पहुंच कर खुराफातों को अंजाम दे रहे हैं। जिसके चलते कोई बड़ी अनहोनी भी हो सकती है, जिसे काबू में करना प्रशासन के लिए चुनौती होगा। पुलिस की मजबूरी यह है कि उसने जिस तरह से लाठी चार्ज किया, जिसकी वजह से एएसपी और टीआई को हटाया गया। उसके बाद पुलिस शरारती तत्वों पर हाथ डालने से बचती दिख रही है। अब धरना स्थल पर पूरी कमान वॉलिंयंटिर का हाथ में है। जिनकी कोई पहचान तो नहीं, इनसे आने-जाने वालों की हुज्जत होना स्वाभाविक है। अगर ट्रॉफिक व्यवस्था और दूसरे मामले पुलिस वर्दी पहने जवान करते तो काफी हद तक आने-जाने वाले व्यवस्थात रहते। आने वाले दिनों में प्रशासन और प्रदर्शनकारी दोनों को ही बेहद सतर्क रहना होगा। जरा सी चूक से शहर की फिज़ा खराब हो सकती है। 
धरना स्थल के आसपास इंटरनेट जाम
बड़वाली चौकी और खजराना में कल इंटरनेट जाम था। खजराना में वाट्सअप पर वीडियो अपलोड नहीं हो रहे थे तो बड़वाली चौकी के लोगों का कहना था कि यहां पर जीओ का नेट ३-४ दिन से चल ही नहीं रहा।