भोपाल। प्रदेश की जेलों में कैदी और बंदियों की लगातार बढ़ती संख्या के मद्देनजर नई जेलें बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटते ही इनके निर्माण कार्य की प्रक्रिया तेज हो गई है। प्रदेश का पहला जेल कॉम्प्लेक्स छिंदवाड़ा में बनाया जाएगा। इसके टेंडर जारी हो गए हैं। इस कॉम्प्लेक्स में सेंट्रल जेल, जिला जेल और ओपन जेल एक परिसर में होंगी। इंदौर में दूसरी सेंट्रल जेल बनाई जाएगी। अंडा सेल जेल में 2700 कैदी-बंदियों की क्षमता होगी। इस पर 167 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इंदौर में इस तरह दो सेंट्रल जेल और एक जिला होगी, वहीं भोपाल में हाई सिक्योरिटी जेल बनेगी।
छिंदवाड़ा जिले के शिकारपुर में करीब 87 एकड़ जमीन पर जेल कॉम्प्लेक्स बनाया जाएगा, जिस पर 196 करोड़ रुपए खर्च होंगे। जिला प्रशासन ने छिंदवाड़ा में जेल के लिए जमीन आवंटित कर दी है। इसके टेंडर जारी कर दिए गए हैं। टेंडर स्वीकृत होते ही इसका काम शुरू हो जाएगा। पीडब्ल्यूडी को जेल भवन निर्माण का काम दिया गया है। सेंट्रल जेल में एक हजार कैदी-बंदी रखे जाएंगे तो जिला जेल में 700 और ओपन जेल मे 20 बंदी और उनके परिजन रहेंगे। जेल के अंदर अस्पताल, ऑडिटोरियम, किचन, खेल मैदान रहेंगे। जेल कॉम्प्लेक्स बनने के बाद सालों पुरानी नेशनल हाईवे पर बनी सेंट्रल जेल को सरेंडर कर दिया जाएगा। 19 एकड़ जमीन पर बनी इस जेल की जमीन की कीमत 800 करोड़ आंकी जा रही है। जेल की बाउंड्री डबल होगी। इसमें सेंध लगा पाना संभव नहीं होगा। दीवारों की ऊंचाई छह मीटर होगी। इसमें इलेक्ट्रिक फेंसिंग, सीसीटीवी कैमरे, अंडा सेल, हाई सिक्योरिटी बैरिक, जैमर आदि लगाए जाएंगे। पेशी के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हॉल बनाया जाएगा। परिसर में स्टाफ के लिए 300 क्वार्टर बनाए जाएंगे।
इंदौर को मिलेगी दूसरी जेल
इंदौर के सांवेर रोड पर मौजूद ऊंची पहाड़ी पर सेंट्रल जेल बनाने के लिए पीडब्ल्यूडी ने तैयारी शुरू कर दी है। 2700 कैदियों की क्षमता वाली इस जेल में अंडा सेल और आईसोलेशन सेल जैसा सुरक्षित कारागार भी बनेगा। पूरी जेल की निगरानी करने के लिए वॉच टॉवर भी रहेगा। 2002 में हाउसिंग बोर्ड ने इसके निर्माण का काम हाथ में लिया था, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ी। इसके बाद सरकार ने यह काम लोक निर्माण विभाग को सौंप दिया है। पीडब्ल्यूडी ने परिसर की डिजाइन तैयार की है। 52 एकड़ की पहाड़ी पर जेल बनने का काम शुरू हो गया है। तीन मंजिला जेल भवन और कैदियों की बैरक ऐसी बनाई जाएगी कि सड़क से नजर नहीं आएगी। बंदियों की गोपनीयता और सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
खूंखार कैदियों के लिए अंडर सेल
खूंखार कैदियों को रखने के लिए अंडा सेल और आईसोलेशन सेल भी बनाई जाएगी। प्रदेश में भोपाल सेंट्रल जेल में अंडा सेल का निर्माण चल रहा है। अंडा सेल तक पहुंचने के लिए चार स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था को पार करना पड़ेगा। जेल परिसर को दो चरण में विकसित करने की योजना है, जेल की मजबूत चहारदीवारी को छह मीटर ऊंचा बनाया जा रहा है। पहले चरण में कैदियों के बैरिक, अस्पताल, महिला कारागार, झूलाघर, अनाज गोदाम, ट्रेनिंग सेंटर, स्कूल, रिसेप्शन बैरक, मल्टीपरपज हॉल और एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक का निर्माण भी प्रस्तावित है। किचन को बैरकों के पास भी बनाया जाएगा। पूरे परिसर की निगरानी के लिए एक दर्जन टॉवर बनाए जाएंगे। इसका अलग से कंट्रोल रूम बनाया जाएगा, जहां से सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से पूरी व्यवस्था की निगरानी की जाएगी।