स्वास्थ्य के क्षेत्र में इंदौर ने लिखी नई इबारत




मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने निपानिया ग्राम को दी प्रदेश के पहले संजीवनी क्लीनिक की सौगात
इंदौर 
 स्वास्थ्य के क्षेत्र में इंदौर ने नई इबारत लिखी है। मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने इंदौर जिले के निपानिया ग्राम में संजीवनी क्लीनिक का शुभारंभ किया। स्वास्थ्य मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, गृह मंत्री श्री बाला बच्चन,उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी, लोक निर्माण मंत्री श्री सज्जन सिंह वर्मा, विधायक श्री संजय शुक्ला, श्री सदाशिव यादव, श्री विनय बाकलीवाल, श्री प्रमोद टंडन, श्री नरेन्द्र सलूजा भी मौजूद थे।
  इस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने कहा कि आज इंदौर से महिलाओं के सशक्तिकरण और स्वास्थ्य  सुविधाओं के विस्तार के नए आयाम की शुरुआत की गई है। मैं चाहता हूं की इंदौर ना केवल स्वच्छ शहर बने बल्कि सुरक्षित शहर भी हो। आज पूर्वाहन में महिलाओं को सौंपे गये ई-रिक्शा इसी का परिणाम है और अब शाम को निपानिया ग्राम वासियों के लिए संजीवनी क्लीनिक की सौगात। स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनेक चुनौतियां हैं। संभवत इंदौर के निवासियों को यह भान भी नहीं होगा कि प्रदेश के आदिवासी क्षेत्र में ग्रामीण जन किस तरह से स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रहते हैं। हमारी कोशिश है चिकित्सा समूचे समाज को मुहैया हो। एक बड़ी चुनौती नौजवानों के भविष्य को सुरक्षित करना भी है। नौजवानों में तड़प है व्यवसाय करने की। मध्यप्रदेश में आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने का जरिया निवेश भी है। सरकार की नीति और नियत अच्छी हो तो निवेश भी बढ़ेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में भी निवेश बढ़ेगा क्योंकि निवेश विश्वास चाहता है। एक चुनौती किसानों को उनकी फसल का लाभकारी मूल्य दिलाने की है। किसानों के पास क्रय शक्ति बढ़ेगी तभी वे बाजारों में जाकर खरीदारी कर सकेंगे। व्यवसायियों का व्यवसाय बढ़ेगा। शिक्षा का स्तर सुधारना भी एक बड़ी चुनौती है। शिक्षा को रोजगार से जोड़ना है। मैं गुस्सा नहीं करता हूं, चाहता हूं कि आप लोग घोषणा करें। मुझे आपका सर्टिफिकेट चाहिए कि काम हो गया है। हम ऐसे मध्यप्रदेश का निर्माण करने में तत्पर हैं कि यहां के बाशिंदे उस पर गर्व कर सकें।
 स्वास्थ्य मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि मुझे बहुत खुशी हो रही है कि बड़ी संख्या में यहां जो भाई-बहने मौजूद हैं, वे इस संजीवनी क्लीनिक के लाभार्थी बनेंगे।। लोगों के हर्षित उल्लासित चेहरे बता रहे हैं कि वे इस क्षेत्र में संजीवनी की सौगात पाकर कितने प्रसन्न है।  समाज के अंतिम व्यक्ति को निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ की प्राथमिकताओं में शुमार है। मुख्यमंत्री जी की स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति चिंता इस बात से जाहिर होती है कि उन्होंने स्वास्थ्य विभाग का बजट 33 प्रतिशत बढ़ा दिया है। स्वास्थ्य मंत्री श्री सिलावट ने शुद्ध के लिए युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि समूचे देश में यह अभियान और राइट टू हेल्थ मुख्यमंत्रीजी की सकारात्मक सोच का परिणाम है। इसी सिलसिले में संजीवनी क्लीनिक की शुरुआत का पहला चरण इंदौर से आरंभ हुआ है। सागर, ग्वालियर और जबलपुर में भी संजीवनी क्लीनिक शुभारंभ किया गया है। द्वितीय चरण में शेष संभागों में भी इसकी शुरुआत की जाएगी। मंत्री श्री सिलावट ने आशा व्यक्त की कि देश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में मध्य प्रदेश का नाम लिया जाएगा। उनका कहना था कि समाज का समग्र विकास तभी संभव है जब गरीबों और अन्य जरूरतमंदों से लेकर समाज के अंतिम व्यक्ति तक के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य और काम करने के अवसर मिले। उन्होंने भरोसा जताया कि अहिल्या माता की नगरी से हुई संजीवनी क्लीनिक की शुरुआत समूचे प्रदेश में सफल रहेगी। मुख्यमंत्री सहित अतिथियों ने यहां संजीवनी सामग्री का विमोचन भी किया। इसके पहले मुख्यमंत्री जी ने संजीवनी क्लीनिक का लोकार्पण कर क्लीनिक के कक्षों का अवलोकन भी किया।
 उल्लेखनीय है कि संजीवनी क्लीनिक ऐसी बस्तियों के समीप खोले जा रहे है जिनकी स्वास्थ्य संस्थाओं से दूरी अधिक है। इस संजीवनी केन्द्र के प्रदेश स्तरीय शुभारंभ के साथ ही अन्य जगहों पर भी संजीवनी केन्द्र का शुभारंभ हो रहा है। वर्तमान में इंदौर में 29, भोपाल में 28, जबलपुर में 10, ग्वालियर तथा उज्जैन में 6-6, सागर में 5 तथा रीवा में 4 संजीवनी क्लीनिक बनाए जा रहे हैं। ये केन्द्र सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक चलेंगे। इनमें ओपीडी परामर्श सेवाएँ, गर्भवती महिलाओं की जाँच टीकाकरण सेवाएं, रेफरल सेवाऐं, संचारी रोग उपचार, वृद्धजनों के लिये उपचार सुविधाएं, शिशु रोग उपचार सुविधायें, गैर संचारी रोगों जैसे कैंसर, उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह की स्क्रीनिंग एवं उपचार सुविधा रहेगी। निःशुल्क चिन्हित लेबोरेटरी जाँच सुविधाएँ एवं निःशुल्क चिन्हित औषधि वितरण आदि सुविधाएं भी मिलेगी। संजीवनी क्लीनिक में परामर्श लेने वाले सभी मरीजों का पंजीयन कार्ड बनाया जायेगा। चिकित्सक के पास क्लीनिक के संचालन हेतु आवश्यक सॉफ्टवेयर युक्त टेबलेट होंगे जिसमें प्रत्येक नए मरीज का फोटो भी संरक्षित किया जायेगा। रजिस्टर में मरीज की सामान्य जानकारी के साथ-साथ मरीज की बीमारी की जानकारी संधारित की जायेगी।      /माहेश्वरी